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शशांक सिंह : क्रिकेट मेरा जीवन है, मैं इसके बिना कुछ नहीं हूं

IPL नीलामी में अनसोल्ड रहने से लेकर पंजाब किंग्स के फ़िनिशर बनने तक, शशांक ने निराशा और जीत दोनों देखी है

आशीष पंत
10-Oct-2025 • 11 hrs ago
Shashank Singh walks out to warm up, Punjab Kings vs Royal Challengers Bengaluru, IPL 2025, Qualifier 1, New Chandigarh, May 29, 2025

शशांक सिंह अलगे साल भारत में होने वाले T20 विश्व कप में खेलना चाहते हैं और भारत के लिए मुक़ाबले जीतना चाहते हैं  •  BCCI

3 जून की रात आज भी शशांक सिंह को परेशान करती है। पंजाब किंग्स ने IPL 2025 में लगभग सब कुछ सही किया था। उन्होंने ग्रुप स्टेज में शीर्ष स्थान हासिल किया, 11 साल में पहली बार IPL के फ़ाइनल के लिए क्वालीफ़ाई किया, और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह वह पहली बार IPL की ट्रॉफ़ी उठान के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। लेकिन वह फ़ाइनल में चूक गए।
शशांक इस सीज़न टीम के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक थे। फ़ाइनल तक के सफर में उनका योगदान भी अच्छा था। वह टीम के पांचवें सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ थे। उन्होंने इस सीज़न 17 पारियों में 153.50 के स्ट्राइक रेट से 350 रन बनाए। वह टीम के फ़िनिशर थे।
जब वह फ़ाइनल में बल्लेबाज़ी करने आए, तब PBKS के चार विकेट गिर चुके थे, और आवश्यक रन रेट तक़रीबन 12 रन प्रति ओवर था। उनके सभी पार्टनर काफ़ी जल्दी-जल्दी अपना विकेट गंवा रहे थे। शशांक 30 गेंदों में 61 रन बनाकर नाबाद रहे लेकिन यह काफ़ी नहीं था। PBKS को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख़िलाफ़ छह रनों से हार मिली।
शशांक कहते हैं, "कभी मैं उस मैच को याद करते हुए यह सोचता हूं कि और क्या किया जा सकता था, तो आज भी तकलीफ होता है। यह कहना बहुत आसान है कि मैं आगे बढ़ गया हूं। लेकिन इन चीज़ों में समय लगता है।
"आप कहते हैं कि कल फिर सूरज निकलेगा, एक और दिन होगा। ये बातें कहने और सुनने में अच्छी लगती हैं। क्रिकेट में आगे बढ़ना बहुत ज़रूरी है, लेकिन कभी-कभी ऐसा नहीं होता। उस मैच के बाद अगले दस से 14 दिन मेरे लिए बहुत कठिन थे।"
"मुझे अब भी हर गेंद याद है। मैं कहां बेहतर कर सकता था? क्या मुझे कृणाल पंड्या के ख़िलाफ़ आक्रमण करना चाहिए था? क्या मुझे रोमारियो शेफ़र्ड पर थोड़ा जल्दी आक्रमण करना चाहिए था? क्या हमें फ़ील्डिंग में बेहतर करना चाहिए था? मैं क्या अलग कर सकता था? मैं स्पष्ट रूप से आगे बढ़ गया हूं, और आगे देखने के लिए बहुत कुछ है। लेकिन कभी-कभी यह अब भी दुख देता है।"
IPL 2024 की शुरुआत से PBKS के लिए 28 पारियों में शशांक के 704 रन से ज़्यादा रन केवल प्रभसिमरन सिंह ने बनाए हैं। इन दो सीज़न में शशांक का औसत लगभग 47 है, जबकि उनका स्ट्राइक रेट 158.91 है। कुल मिल कर अब उनके लिए चीजें बेहतर हो रही हैं। लेकिन तीन साल पहले स्थिति बहुत अलग थी, जब वह IPL 2023 की नीलामी में अनसोल्ड रहने के बाद पूरी तरह से टूट गए थे। 2017 से IPL सर्किट में दिल्ली डेयरडेविल्स (2017), राजस्थान रॉयल्स (2019-21) और सनराइज़र्स हैदराबाद (2022) के साथ रहने के बावजूद केवल दस मैच खेलने वाले शशांक (उस समय 31 वर्ष के थे) अपने भविष्य पर विचार करने लगे थे।
2024 सीज़न के लिए PBKS के लिए उनका चयन नीलामी के दौरान हुई एक गड़बड़ी से उलझा रहा, जहां कुछ देर के लिए ऐसा लगा कि पंजाब किंग्स उनके लिए अपनी जीती हुई बोली वापस लेना चाहती है। इससे महीनों तक सोशल मीडिया पर काफ़ी ट्रोलिंग हुई। लेकिन अब जब सबसे बुरा दौर पीछे छूट गया है, शशांक दृढ़ता से मानते हैं कि यह सब अच्छे के लिए ही हुआ।
शशांक कहते हैं, "मैं आज जो कुछ भी हूं, वह उस IPL नीलामी की वजह से हूं। मैं आज जो हूँ, उस तारीख़ की वजह से हूं, जब मेरे लिए बोली नहीं लगाई गई थी। अगर कोई मुझसे कहता है कि मैं धीरे-धीरे सुधार कर रहा हूं, तो यह उसी साल की वजह से है। यह मुझे नियंत्रित रखता है। वह दिन मुझे याद दिलाता है कि खेल से बड़ा कोई नहीं है और कभी हो भी नहीं सकता। इसलिए मैं फिर से शुरुआत करता हूं। यह मेरे लिए एक आंख खोलने वाला अनुभव था। जब भी मैं सुस्त पड़ता हूं या आराम से रहने लगता हूं, तो मैं तुरंत उस समय को याद करके इस स्थिति से बाहर निकल आता हूं।"
"अगर ऐसा नहीं हुआ होता, तो शायद मैं इस खेल को इतना पसंद नहीं करता, और न ही इतनी कड़ी मेहनत कर रहा होता। दो साल पहले तक मैं कहता था कि क्रिकेट आपके जीवन का एक हिस्सा है, आपका जीवन नहीं। लेकिन हाल ही में मुझे एहसास हुआ है कि क्रिकेट ही मेरा जीवन है। मुझे नहीं पता कि मैं इस खेल के बिना क्या करूंगा। अगर कोई मुझसे पां-छह साल बाद की मेरी योजनाओं के बारे में पूछता है, तो मैं डर जाता हूं क्योंकि यह खेल मेरा जीवन बन गया है।"
पिछले कुछ वर्षों में शशांक ने ख़ुद को मध्य क्रम के बल्लेबाज़ से डेथ ओवरों के विशेषज्ञ के रूप में बदल लिया है। यह स्वाभाविक रूप से नहीं आया, लेकिन उन्होंने प्रतिस्पर्धा में ख़ुद को अलग दिखाने का मौक़ा देने के लिए यह क़दम उठाया। उन्होंने सबसे पहले फ़रवरी 2023 में मुंबई में डीवाई पाटिल टूर्नामेंट में फ़िनिशर की भूमिका निभाई थी। उस दौरान उन्होंने महसूस किया कि उनके पास इस स्थान पर खेलने के लिए आवश्यक "शांति और परिपक्वता" है। साल के बाक़ी समय में उन्होंने निचले क्रम के साथ बल्लेबाज़ी का अभ्यास किया और अपनी पावर-हिटिंग पर काम किया।
इस साल के IPL में पारी के आख़िरी पांच ओवरों में शशांक के 242 रन से ज़्यादा किसी भी बल्लेबाज़ ने नहीं बनाए। पिछले दो IPL सीज़न में, डेथ ओवरों में ट्रिस्टन स्टब्स (360) से ज़्यादा रन किसी के नहीं हैं, जबकि शशांक ने 213.42 के स्ट्राइक रेट से 318 रन बनाए हैं।

शशांक कहते हैं, "सूर्या [सूर्यकुमार यादव] ने एक बार मुझसे कहा था कि नंबर 6 और 7 पर बल्लेबाज़ी करने वाले खिलाड़ी को सबसे ज़्यादा आंका जाता है। कई बार ऐसा होगा कि आप असफल होंगे, क्योंकि उस स्थान पर आपको ज़्यादा जोखिम लेना होता है।

"मैं अपनी टीम के लिए एक सुपरस्टार बनना चाहता हूं। मुझे लगता है कि हीरो बनने का सबसे अच्छा पोज़ीशन नंबर 5 और 6 पर बल्लेबाज़ी करना है। मुझे ज़िम्मेदारी लेना पसंद है, मुझे अच्छा लगता है जब परिस्थितियां मेरे ख़िलाफ़ होती हैं तो मुझे आनंद आता है। जब टीम को दो गेंदों पर 12 रन चाहिए होते हैं, तो मैं वह बल्लेबाज़ बनना चाहता हूँ जो दो सिक्सर मारे।"
"कभी-कभी मुझे लगता है कि अगर मैंने ऊपरी क्रम में बल्लेबाज़ी की होती तो मुझे ज़्यादा पहचान मिलती। मैंने अपनी पूरी ज़िंदगी वहां बल्लेबाज़ी की है, मैंने रन भी बनाए हैं। लेकिन मुझे लगता है कि मैं एक फ़िनिशर के रूप में सर्वश्रेष्ठ हूं और इसीलिए टीम ने मुझे उस स्थान के लिए चुना है।"
शशांक एक उपयोगी मध्यम गति के गेंदबाज़ भी हैं। हालांकि उन्होंने IPL में ज़्यादा गेंदबाज़ी नहीं की है, उन्होंने लिस्ट ए क्रिकेट में 37 और T20 में 20 विकेट लिए हैं। 2023-24 के घरेलू सीज़न में वह मणिपुर के ख़िलाफ़ एक ही लिस्ट ए मैच में 150 से ज़्यादा रन बनाने और पांच विकेट लेने वाले पहले भारतीय बने। इस साल की शुरुआत में उन्होंने 2023-24 सीज़न के लिए घरेलू सीमित ओवरों की प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर के लिए BCCI का लाला अमरनाथ पुरस्कार जीता।
इन सब के बावजूद और बल्ले से लगातार अच्छे प्रदर्शन के बावजूद शशांक को अभी तक भारत या यहां तक कि भारत ए टीम से भी बुलावा नहीं आया है। वह कहते हैं, "(राष्ट्रीय टीम से बुलावा न आने पर) मैं ऐसा बिल्कुल नहीं कह सकता कि मुझे बुरा नहीं लगता। निराशा है। लेकिन फिर से बात वही है कि क्या मैं इसके बारे में कुछ कर सकता हूं? इसका एक ही जवाब है कि अच्छा प्रदर्शन करते रहें और ख़ुद से पूछते रहें कि मैं और क्या बेहतर कर सकता हूं।"
"मैं सिर्फ़ भारत के लिए खेलना ही नहीं चाहता, बल्कि देश के लिए मैच जिताना चाहता हूं। मैं उन पलों को कल्पनाओं में जीने की कोशिश करता हूं और इसी तरह सोचता हूं। जब मैं अभ्यास कर रहा होता हूं, तो यही सोचता हूं कि मैच जीतने के लिए मुझे क्या करना चाहिए। अगर मैं ऑस्ट्रेलिया में खेलता हूं तो वहां मुझे अतिरिक्त उछाल और गति मिलेगी इसलिए मुझे पुल और कट शॉट पर काम करने की ज़रूरत है। अगर मैं भारत में खेलता हूं तो मुझे पावर हिटिंग पर ध्यान देना होगा ताकि गेंदों को बाउंड्री के बाहर पहुंचा सकूं।"
"देखिए मेरा काम बस मेहनत करने और ज़रूरी चीज़ों पर काम करने का है। जो चीज़ें मेरे हाथ में है उन्हीं को नियंत्रित किया जा सकता है। भारत ए के लिए बुलावा, भारत के लिए बुलावा यह कब और कैसे आएगा यह मुझे नहीं पता लेकिन मेरा एक चीज़ पर विश्वास है कि मुझे भारत के लिए मैच जीतने हैं और ऐसा होगा, मुझे पूरा विश्वास है।"
कुछ लोग भले ही यह सोचें कि 34 वर्षीय शशांक के लिए उनका सर्वश्रेष्ठ दौर जा चुका है लेकिन शशांक का मानना है कि उनके सर्वश्रेष्ठ साल अभी आने बाक़ी हैं। उन्हें इसके लिए प्रेरणा मुंबई के अपने पूर्व साथी सूर्यकुमार से मिलती है जिन्होंने 30 वर्ष की उम्र में T20I डेब्यू किया था।
शशांक कहते हैं, "सूर्या ने जोफ़्रा आर्चर को अपने पहले मैच (पारी) में छक्का मारा और अब वह भारतीय टीम के कप्तान हैं। और फिर प्रवीण तांबे का भी उदाहरण है, वह भारत के लिए नहीं खेल पाए लेकिन उन्होंने 41 वर्ष की उम्र में IPL में डेब्यू किया, क्या आप इसकी कल्पना कर सकते हैं?"
"जब आप देखते हैं कि चुने हुए खिलाड़ियों में आपका नाम नहीं है तो दिमाग़ में इन खिलाड़ियों का ख़्याल आता है कि इनको ख़ुद पर विश्वास था और इसीलिए वे आज उस जगह पर हैं।"
"हमारे खेल में उम्र कोई पैमाना नहीं है, सब आपके प्रदर्शन और टीम की ज़रूरत पर निर्भर करता है। मुझे लगता है कि उम्र को बेवजह एक पैमाना बनाया गया है। मैं इसे सिर्फ़ एक बहाना मानता हूं। अगर मैं टीम के लिए बोझ हूं, विकेट के बीच तेज़ी से दौड़ नहीं लगा पाता, अगर मैं आउटफ़ील्ड में फ़ील्ड नहीं कर पाता तो ज़ाहित तौर पर उम्र का प्रभाव पड़ रहा है लेकिन जब आप टीम की अहम कड़ी हैं तो उम्र बस एक संख्या है।"
IPL 2025 में पंजाब किंग्स ने IPL 2014 के बाद पहली बार फ़ाइनल में प्रवेश किया और शशांक ने इसका श्रेय कप्तान श्रेयस अय्यर और कोच रिकी पोंटिंग को दिया।
शशांक ने कहा, "श्रेयस एक अलग ही स्तर पर हैं, उनका अपना एक अलग ऑरा है। वह पूर्ण रूप से एक अलग व्यक्तित्व हैं। वह बेवजह की बात नहीं करते, उनकी मानसिकता काफ़ी अलग है। वह नेट्स में जब बल्लेबाज़ी करते हैं तो उन्हें पता होता है कि वह क्या कर रहे हैं। अगर कोई मुझसे कोई पूछे कि मैंने सबसे बेहतर कौन से कप्तान के अंडर खेला है तो वह नाम श्रेयस अय्यर का ही होगा।"
"और जहां तक रिकी सर की बात है तो उन्होंने गेम को काफ़ी आसान बना दिया है। क्रिकेट कई बार एक जटिल खेल होता है, अगर आप एक बल्लेबाज़ से पूछें तो पैर एक्रॉस नहीं जाना चाहिए, सिर नीचे नहीं गिरना चाहिए लेकिन उन्होंने गेम का काफ़ी सरलीकरण किया है।"
"आपको पता है कि वह एक महान कोच क्यों हैं? क्योंकि उन्हें पता है कि एक खिलाड़ी को क्या चाहिए। मैं एक उदाहरण से समझाता हूं। मैंने पूरे IPL नेट्स में एक भी दिन बल्लेबाज़ी नहीं की। गुजरात टाइटंस के ख़िलाफ़ हमारे पहले मैच से लेकर फ़ाइनल तक, मैंने एक भी दिन नेट्स में बल्लेबाज़ी नहीं की। यहां तक कि श्रेयस भी कभी-कभी कहते थे, 'भाई आप क्यो कर रहे हो?'
"हर किसी की अपनी लय होती है। इतने वर्षों के बाद मुझे अपने गेम के बारे में पता है। IPL एक उच्च दबाव वाला टूर्नामेंट है। जिस दिन मैच नहीं होता उस दिन भी हर किसी के ऊपर हल्का दबाव तो होता ही है। अगर आप नेट्स में कभी बल्लेबाज़ी करते हुए कुछ गेंदें मिस कर गए, मिस टाइम कर गए तो दबाव आपके ऊपर आ जाएगा। अगर मैं नेट्स में एक ख़राब शॉट खेलूंगा तो अन्य अच्छे शॉट्स के बजाय उसी ख़राब शॉट के बारे में सोचने लग जाऊंगा। और मुझे नहीं पता लेकिन रिकी सर इस चीज़ को समझ गए।"
पिछले IPL सीज़न के बाद शशांक के ज़हन में एक ही चीज़ थी कि उन्हें वन सीज़न वंडर नहीं बनना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद उनके सामने अब अगले साल के लिए दो अन्य लक्ष्य हैं।
उन्होंने कहा, "अगर आप मेरे से टीम के बारे में पूछें तो पंजाब अगले सीज़न निश्चित तौर पर ट्रॉफ़ी उठाने जा रही है। और मैं एक और भविष्यवाणी करना चाहता हूं, अगले साल भारत में होने वाला T20 विश्व कप मैं खेलूंगा। मैं टीम के लिए मैच जीतूंगा। मुझे नहीं पता कि यह कैसे होगा लेकिन यह निश्चित तौर पर होगा।"