न्यूयॉर्क के नसाउ काउंटी स्टेडियम में खेले गए पहले दो मैचों और तरौबा के ब्रायन लारा अकादमी में हुए
सेमीफ़ाइनल के लिए तैयार किए गए पिचों को ICC ने 'असंतोषजनक' रेटिंग दी है।
न्यूयॉर्क में खेले गए दो मैचों में कोई भी टीम 100 रनों के आंकड़े को भी पार करने में सफल नहीं हुई थी। 3 जून को श्रीलंका और साउथ अफ़्रीका के बीच मैच हुआ था जिसमें साउथ अफ़्रीका के गेंदबाज़ों ने श्रीलंका के टीम को
77 रनों पर ढेर कर दिया था। उसके दो दिन बाद न्यूयॉर्क में भारत और आयरलैंड के बीच मैच हुआ था जिसमें भारत ने अपने विपक्षी टीम को
96 रनों पर ऑलआउट कर दिया था।
भारत और आयरलैंड के बीच खेले गए उस मैच में कई खिलाड़ियों को चोट भी लगी थी। पिच पर मौजूद दोहरे उछाल ने रोहित शर्मा को भी चोटिल कर दिया था जिसके कारण उसे उन्हें रिटायर्ड हर्ट होना पड़ा था। इसके अलावा उसे मैच में हैरी ट्रैक्टर और ऋषभ पंत को भी चोट लगी थी।
उस समय एंडी फ़्लावर ने उस पिच को ख़तरनाक होने के काफ़ी क़रीब बताया था। वहीं इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने उस पिच को चौंकाने वाला बताया था।ICC का यह फै़सला वैश्विक टूर्नामेंट के ख़त्म होने के 2 महीने बाद आया है जिसके फ़ाइनल में भारत ने साउथ अफ़्रीका को हराया था।
न्यूयॉर्क का वह मैदान सिर्फ़ पांच महीने में तैयार किया गया था। विश्व कप के दौरान वहां के पिचों की काफ़ी आलोचना हुई थी। इसके बाद ICC ने भी स्वीकार किया था कि वहां की पिचों का स्तर बिल्कुल भी अच्छा नहीं था। न्यूयॉर्क में उस दौरान कुल आठ मैच खेले गए थे। एक बात यह भी थी कि वहां काफ़ी छोटे अंतराल पर मैच आयोजित किए जा रहे थे।
जब वहां के पिचों की काफ़ी आलोचना होने लगी तो एडिलेड ओवल के मुख्य क्यूरेटर डेमियन हफ़ को ICC द्वारा न्यूयॉर्क में ड्रॉप-इन पिच तैयार करने के लिए लाया गया था। कनाडा बनाम आयरलैंड के बीच अगले गेम से पहले, उन क्षेत्रों को कवर किया गया था जहां दरारों के नीचे घास उग रही थी। ऊपरी मिट्टी के साथ सतह को अधिक समतल बनाने के लिए इसे रोल किया गया। इसी मैदान पर भारत और पाकिस्तान के बीच जो
मैच हुआ था, उसे संतोषजनक बताया गया है।
हालांकि न्यूयॉर्क से भी अधिक चर्चा सेमीफ़ाइनल की सतह के बारे में हुई थी, जहां अफ़ग़ानिस्तान की टीम 56 के स्कोर पर ऑलआउट हो गई थी। उस पिच पर कुछ गेंदे एक ही स्थान से लुढ़क भी रही थी और एक्सट्रा बाउंस भी ले रही थी। उस समय अफ़ग़ानिस्तान के मुख्य कोच जोनाथन ट्रॉट ने कहा था, "यह बिल्कुल भी ऐसी पिच नहीं है, जिस पर आप सेमीफ़ाइनल खेलना चाहते हैं।"
अगर कुल मिला कर देखा जाए तो बायन लारा क्रिकेट अकादमी की पिचें बल्लेबाज़ी के लिए आसान नहीं थी। वेस्टइंडीज़ ने इसी पिच पर न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 149 के स्कोर को डिफेंड किया था।
ICC सभी अंतर्राष्ट्रीय मैचों के लिए पिचों और आउटफ़ील्ड को बहुत अच्छे से अनफ़िट के पैमाने पर रेट करता है: बहुत अच्छा, अच्छा, संतोषजनक, असंतोषजनक और अनफ़िट। भारत और इंग्लैंड के बीच जो सेमीफ़ाइनल खेला गया था, उस पिच को "संतोषजनक" दर्जा दिया गया था, जबकि भारत और साउथ अफ़्रीका के बीच खेले गए फ़ाइनलकी पिच "बहुत अच्छा" दर्जा दिया गया था।
ICC आउटफ़ील्ड की स्थिति से काफ़ी हद तक खु़श थी। केवल न्यूयॉर्क और गुयाना के आउटफ़ील्ड को "संतोषजनक" रेटिंग मिली, जबकि अन्य मैदानों को "बहुत अच्छी" रेटिंग मिली।