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लोग मुझे 'खड़ूस कोच' बोल सकते हैं, लेकिन मैं ऐसा ही हूं: चंद्रकांत पंडित

विदर्भ के साथ दो ख़िताब जीतने के बाद अब मध्य प्रदेश के साथ भी रणजी ट्रॉफ़ी जीतना चाहते हैं 'चंदू सर'

Vidarbha players hoist their head coach Chandrakant Pandit on their shoulders after historic Ranji triumph, January 1, 2018

इससे पहले विदर्भ को दो बार रणजी ट्रॉफ़ी जीता चुके हैं चंद्रकांत पंडित  •  PTI

रणजी ट्रॉफ़ी के क्वॉर्टर फ़ाइनल में पंजाब को हराने के तुरंत बाद ही मध्य प्रदेश की टीम ने सेमीफ़ाइनल के लिए तैयारियां शुरू कर दी। चौथी पारी में पंजाब के द्वारा दिए गए 26 रनों के लक्ष्य को उनके दोनों सलामी बल्लेबाज़ों ने 5.1 ओवर में ही पार किया और जल्दी से पवेलियन की ओर दौड़े।
टीम ने इसके बाद लंच किया, कोच चंद्रकांत पंडित ने 10 मिनट की एक छोटी सी मीटिंग ली और फिर एक इंट्रा-स्क्वॉड मैच खेलने के लिए टीम फिर से मैदान में थी। इस दौरान उत्तराखंड को 725 रन के रिकॉर्ड अंतर से हराने वाली मुंबई की टीम तुरंत होटल के लिए रवाना हो गई, वहीं एक दिन पहले ही कर्नाटका को हराकर सेमीफ़ाइनल में पहुंचने वाली उत्तर प्रदेश की टीम को भी कोच विजय दहिया ने दो-तीन दिन का आराम दिया है।
लेकिन मध्य प्रदेश के कोच पंडित कतई भी आराम के मूड में नहीं दिखे।
मैच के बाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से बात करते हुए उन्होंने कहा, "सिर्फ़ आज शाम को ही इन्हें कुछ देर के लिए छुट्टी मिलेगी। इसके बाद फिर से अगले चार दिन तक हमें अपने अभ्यास में लगना है। भले ही हम क्वार्टर फ़ाइनल जीत गए हों लेकिन हमने मैच के दौरान कुछ ग़लतियां भी की हैं, जिसे हमें अगले मैच से पहले सुधारना है। हमनें तीन-चार कैच छोड़े, इसके अलावा हमारी फ़ील्डिंग साधारण रही। इस तरह से हमारी फ़ील्डिंग रही तो हमें रणजी ट्रॉफ़ी जीतने का विचार छोड़ देना चाहिए। मैंने लड़कों से कड़ाई से कहा है कि यह मुझे स्वीकार नहीं है।"
खिलाड़ियों में 'चंदू सर' के नाम से मशहूर पंडित के कोचिंग का अंदाज़ कुछ ऐसा ही है, इसलिए घरेलू क्रिकेट सर्किट में उन्हें सबसे 'स्ट्रिक्ट कोच' भी कहा जाता है। लेकिन उन्होंने अपने इसी अंदाज़ की वज़ह से 2017-18 और 2018-19 में विदर्भ जैसी टीम को लगातार दो बार रणजी विजेता बनाया था और अब वह एमपी के लिए भी ऐसा करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "लोग कह सकते हैं कि मैं बहुत ही स्ट्रिक्ट (सख़्त) या खड़ूस कोच हूं, लेकिन मैं ऐसा ही हूं। लोग मेरे बारे में क्या सोचते या कहते हैं, मैं इतना केयर भी नहीं करता। मेरी जॉब, मेरा प्रोफ़ेशन ही मेरी प्राथमिकता है। मैं 'खेल के अनुशासन' में विश्वास करता हूं। मैंने अपने 42 साल के क्रिकेट और कोचिंग करियर में यही सीखा है। आप किसी दिन अच्छा या ख़राब खेल सकते हैं, लेकिन आपको खेल का अनुशासन बनाकर ही रखना होता है।"
पंजाब जैसी मज़बूत टीम के ख़िलाफ़ 10 विकेट से मिली आसान और बड़ी जीत पर उन्होंने कहा, "मैंने मुंबई क्रिकेट में सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर, संदीप पाटिल और अशोक मंकड़ जैसे खिलाड़ियों को देखते और उनके साथ खेलते हुए यही सीखा है कि अगर हम चाहें तो किसी भी मैच को जीत सकते हैं। मैं इसी सिद्धांत पर विश्वास करता हूं। हालांकि 10 विकेट की जीत की उम्मीद मैंने भी नहीं की थी, लेकिन जब आपके पास युवा टीम होती है तो आप किसी भी संभावना से इनकार नहीं कर सकते। उनमें जीत की इच्छा सबसे प्रबल होती है।"
वह आगे कहते हैं, "पंजाब देश की सर्वश्रेष्ठ घरेलू टीमों में से एक है। उनके पास हमेशा कुछ अच्छे खिलाड़ी होते हैं। इस बार टीम में शुभमन गिल भी था, तो स्वाभाविक रूप से दबाव हमारे ऊपर था। इसके अलावा हमारे पास वेंकटेश अय्यर और आवेश ख़ान भी नहीं थे। लेकिन मैच से पहले मैंने खिलाड़ियों से यही कहा कि जो चीज़ें हमारे नियंत्रण में नहीं है और अगर हम उसके बारे में सोचेंगे तो हमें आगे बढ़ना मुश्किल होगा। हमने बस सुनिश्चित किया कि हम अपनी योग्यता के अनुसार अपना सर्वश्रेष्ठ खेलें और अपना 100 प्रतिशत दें। टीम के सभी लड़कों ने ऐसा ही किया। ख़ासकर पहली पारी में हमारा प्रदर्शन शानदार रहा। हमारे गेंदबाज़ों ने पहले 20 ओवर में लगभग 100 रन दे दिए थे। लेकिन उसके बाद उन्होंने शानदार वापसी की और उन्हें 219 पर ही सिमेटा। इसके बाद रजत पाटीदार, शुभम शर्मा, हिमांशु मंत्री और युवा अक्षत रघुवंशी ने बहुत ही शानदार बल्लेबाज़ी की।"
इस मैच में शुभम 102 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहें, लेकिन छह चौकों और दो छक्कों की मदद से 69 रन बनाकर 18 वर्षीय रघुवंशी ने सबसे अधिक प्रभावित किया। यह उनकी बस तीसरी रणजी पारी थी और वह तीनों में ही 50+ का स्कोर बना चुके हैं, जिसमें डेब्यू मैच का शतक भी शामिल है। पहली पारी में जब वह बल्लेबाज़ी करने उतरे, तो उनके साथ पाटीदार खेल रहे थे। लेकिन मैदान के चारों तरफ़ शॉट खेलकर उन्होंने उस सत्र को अपना बना लिया। वह स्पिनरों के ख़िलाफ़ ख़ासा आक्रामक थे और लगातार उन पर आगे निकलकर शॉट खेल रहे थे।
पंडित कहते हैं, "उसका कॉन्फ़िडेंस लेवल अलग ही है और वह पूरी टीम के लिए उदाहरण है। आज भी मैंने टीम मीटिंग में उसका ज़िक्र किया और कहा कि सबको इस 18 साल के लड़के से सीखना चाहिए। वह बस 18 साल का है लेकिन उसमें दिलेरी है। वह डरता नहीं है और खुल के बल्लेबाज़ी करता है। वह कभी भी नहीं दिखाता कि उसके ऊपर कोई दबाव है। वह किसी भी चीज़ को बहुत जल्दी से सीखता है, लोगों को भी उससे सीखना चाहिए। वह मध्य प्रदेश क्रिकेट के लिए एक नायाब तोहफ़ा हैं। हमारे पास नंबर छह पर अय्यर (वेंकटेश) नहीं था तो लेकिन उसने इस जगह को बहुत अच्छी तरह से भरा है।"
अपने तेज़ गेंदबाज़ों की तारीफ़ करते हुए पंडित ने कहा, "हमारे तीन प्रमुख गेंदबाज़ कुलदीप सेन, ईश्वर पांडेय और अरशद ख़ान चोटिल थे। इतने महत्वपूर्ण और अनुभवी खिलाड़ियों के चोटिल होने से हमारी तेज़ गेंदबाज़ी एक तरह से कमज़ोर हो गई थी, लेकिन उसे पुनीत दाते, अनुभव अग्रवाल और गौरव यादव की तेज़ गेंदबाज़ी तिकड़ी ने बख़ूबी संभाला। तीनों ने योजना के अनुसार बहुत ही अच्छी गेंदबाज़ी की। हमारी टीम हमेशा एक योजना लेकर मैदान पर उतरती है। हमें पता था कि पहले दिन पिच पर कुछ नहीं है, इसी वजह से हमने पहले 20 ओवर तक 100 के क़रीब रन दे दिए थे। लेकिन इसके बाद हमने लंच के दौरान इस पर बात की कि कैसे मैच में आगे बढ़ा जाए, किस लाइन-लेंथ पर गेंदबाज़ी किया जाए, फ़ील्ड प्लेसिंग क्या रहे और मुझे ख़ुशी है कि हमारे गेंदबाज़ों ने उस योजना को मैदान पर बख़ूबी अंज़ाम दिया। कप्तान आदित्य श्रीवास्तव की भी सराहना की जानी चाहिए, जिन्होंने अपने गेंदबाज़ों का बेहतरीन इस्तेमाल किया और योजना के अनुसार ही फ़ील्ड प्लेसिंग रखा। मुझे हमेशा लगता है कि आपके लिए 50% मैच कप्तान ही बना सकता है और आदित्य ने ऐसा ही किया।"
मध्य प्रदेश को सेमीफ़ाइनल में संभवतः बंगाल से भिड़ना है, जिनकी बल्लेबाज़ी बहुत ही मज़बूत है और जिनके सभी शुरुआती नौ बल्लेबाज़ों ने झारखंड के ख़िलाफ़ क्वॉर्टर फ़ाइनल में अर्धशतक लगातार एक विश्व रिकॉर्ड क़ायम किया है। हालांकि एमपी की टीम इसको लेकर थोड़ा भी नहीं सोच रही है। चंद्रकांत पंडित कहते हैं कि पहले उनकी टीम में परिणाम को लेकर, जीत-हार का एक डर होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब उन्हें विश्वास होने लगा है कि वे किसी भी टीम को हरा सकते हैं।

दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं @dayasagar95