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दलीप ट्रॉफ़ी के ज़रिए कौन से खिलाड़ी पा सकते हैं टेस्ट एकादश में जगह?

मध्य क्रम में सरफ़राज़ या पाटीदार? कौन होगा अतिरिक्त तेज़ गेंदबाज़?

विकेटकीपर के लिए कौन है प्रबल दावेदार?  Associated Press

सितंबर महीने में बांग्लादेश श्रृंखला के साथ भारतीय टीम का टेस्ट सीज़न शुरु हो जाएगा। बांग्लादेश के बाद भारतीय टीम को न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ तीन मैचों की घरेलू टेस्ट श्रृंखला खेलने के बाद ऑस्ट्रेलिया में पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलनी है। ऐसे में भारतीय एकादश में कौन से खिलाड़ी जगह पा सकते हैं? भारतीय टेस्ट प्लेइंग-XI में विभिन्न स्थानों के लिए कौन से खिलाड़ी दावेदारी पेश कर सकते हैं? इन सभी सवालों के जवाब 5 सितंबर से शुरु होने जा रहे दलीप ट्रॉफ़ी में मिल सकते हैं।

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राहुल, श्रेयस, सरफ़राज़ या पाटीदार? कौन बड़ा दावेदार?

भारतीय टीम में शीर्ष चार की तस्वीर लगभग साफ़ है। रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल की सलामी जोड़ी के बाद नंबर तीन पर शुभमन गिल और चौथे नंबर पर विराट कोहली की जगह पक्की है। हालांकि पांचवें और छठे स्थान के लिए कई दावेदार मौजूद हैं।

राहुल चोट के चलते इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू टेस्ट श्रृंखला से बाहर हो गए थे  BCCI

केएल राहुल इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में भारतीय टीम में मौजूद थे। उन्होंने इससे पहले साउथ अफ़्रीका दौरे पर भी टेस्ट में शतक लगाया था। हालांकि चोटिल होने के चलते राहुल श्रृंखला से बाहर हो गए थे। वहीं श्रेयर अय्यर को ख़राब फ़ॉर्म के चलते भारतीय टीम से जगह गंवानी पड़ी थी। श्रेयस को इसके बाद घरेलू क्रिक्रेट को प्राथमिकता ना देने के चलते केंद्रीय अनुबंध भी गंवाना पड़ा लेकिन मार्च में श्रेयस ने रणजी ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल की दूसरी पारी में भी 95 रनों की मैच जिताऊ पारी भी खेली थी। श्रेयस के पास दलीप ट्रॉफ़ी भारतीय एकादश में वापसी करने के लिए एक सुनहरा अवसर है। श्रेयस दलीप ट्रॉफ़ी के आगामी सीज़न में इंडिया डी की कमान भी संभालने वाले हैं।

राहुल और श्रेयस के अलावा इन दो स्थानों के लिए सरफ़राज़ ख़ान और रजत पाटीदार भी दावेदार हैं। सरफ़राज़ ने राजकोट में ड्रीम डेब्यू करते हुए दोनों ही पारियों में अर्धशतक जड़ दिया था। जबकि रांची में भी उन्होंने अर्धशतकीय पारी खेली। भारत के लिए डेब्यू करने से ठीक पहले उन्होंने इंग्लैंड लायंस के ख़िलाफ़ 161 रनों की पारी भी खेली थी। बुची बाबू टूर्नामेंट में वह मुंबई की कप्तानी भी कर रहे थे।

सरफ़राज़ के अलावा इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में पाटीदार को मौक़ा दिया गया था। प्रथम श्रेणी क्रिकेट के 47 मैचों में 53.15 की औसत और 12 शतकों के साथ उनके नाम 4,063 रन हैं। हालांकि इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में जब उन्हें टेस्ट में डेब्यू का मौक़ा मिला तब वह अपनी बल्लेबाज़ी से प्रभावित नहीं कर पाए। विशाखापट्टनम टेस्ट में डेब्यू करने वाले पाटीदार तीन टेस्ट की छह पारियों में सिर्फ़ 60 रन ही बना पाए। जिसके चलते उन्हें धर्मशाला टेस्ट से बाहर बैठना पड़ा। हालांकि दलीप ट्रॉफ़ी में पाटीदार के पास ख़ुद को साबित करने का बेहतरीन अवसर है, वह इस टूर्नामेंट में ऋतुराज गायकवाड़ के नेतृत्व वाली इंडिया सी का हिस्सा हैं।

पड़िक्कल और सरफ़राज़ ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में प्रभावित किया था  AFP/Getty Images

पाटीदार और सरफ़राज़ के अलावा देवदत्त पड़िक्कल भी दावेदार हैं जिन्हें धर्मशाला में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पाटीदार की जगह पर डेब्यू करने का अवसर मिला था और उन्होंने उस अवसर को भुनाया भी था। उनके लिए पिछला घरेलू सीज़न भी बेहद शानदार रहा था। उन्होंने विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में 155 की अद्भुत औसत से 465 रन बनाए थे, जिसमें दो शतक भी शामिल थे। इसके अलावा उन्होंने रणजी ट्रॉफ़ी 2023-24 में तीन शतकों की बदौलत छह पारियों में 93 की औसत से 556 रन बनाए। वहीं इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड लायंस के ख़िलाफ़ उन्होंने तीन पारियों में एक शतक और एक अर्धशतक लगाया। वह दलीप ट्रॉफ़ी में इंडिया डी के लिए खेलते नज़र आएंगे।

श्रेयस स्पिन के ख़िलाफ़ बेहतरीन खिलाड़ी माने जाते हैं। वहीं राहुल के पास एक और विशेषता है जो उनकी दावेदारी को और मज़बूत करती है, जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे। अगर मध्य क्रम में बैक अप बल्लेबाज़ों की बात करें तो फ़िलहाल इस रेस में सरफ़राज़ और पड़िक्कल पाटीदार से आगे नज़र आ रहे हैं। सरफ़राज़ के साथ सकारात्मक पहलू यह है कि वह स्पिन के बेहतर खिलाड़ी माने जाते हैं और घरेलू परिस्थितियों में खेलने का अच्छा अनुभव भी उनके पास है। जबकि पड़िक्कल भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम में दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों की भरमार में बाएं हाथ का बढ़िया विकल्प साबित हो सकते हैं।

विकेटकीपर कौन? पंत, जुरेल और भरत में किसकी दावेदारी मज़बूत?

दुर्घटना में घायल होने से पहले ऋषभ पंत टेस्ट में भारतीय टीम के नियमित विकेटकीपर की जगह हासिल कर चुके थे। हालांकि क्रिकेट में वापसी के बाद पंत ने अब तक टेस्ट मैच नहीं खेला है और न ही उन्होंने एकदिवसीय प्रारूप या घरेलू क्रिकेट में लम्बे प्रारूप में विकेटकीपिंग की है लेकिन IPL के अलावा उन्होंने T20 वर्ल्ड कप और श्रीलंका के ख़िलाफ़ T20 श्रृंखला में भी विकेटकीपिंग की थी।

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में बतौर बल्लेबाज़ टेस्ट में पंत के आंकड़े अन्य दो प्रारूपों की तुलना में बेहतर भी हैं। दलीप ट्रॉफ़ी में पंत इंडिया बी के विशेषज्ञ विकेटकीपर होंगे, उनकी टीम में एन जगदीशन भी विकेटकीपर का एक विकल्प होंगे लेकिन दलीप ट्रॉफ़ी के ज़रिए लम्बे प्रारूप में पंत के पास बतौर विकेटकीपर अपनी फ़िटनेस साबित करने का सुनहरा अवसर होगा।

जुरेल और भरत में किसकी दावेदारी मज़बूत?  AFP/Getty Images

पंत के अलावा विकेटकीपर की भूमिका के दो अन्य बड़े दावेदार केएस भरत और ध्रुव जुरेल हैं। हालांकि भरत इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में प्रभावित नहीं कर पाए थे और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी वह अब तक छाप नहीं छोड़ पाए हैं। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में उनकी जगह पर बाद में जुरेल को आज़माया गया था और उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन भी किया था। भरत ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 2023 में नागपुर में डेब्यू किया था, जबकि उन्होंने अपना पिछला और करियर का सातवां टेस्ट विशाखापट्टनम में खेला था। भरत अब तक अपनी कुल 12 टेस्ट पारियों में महज़ 20.09 की औसत से 221 रन ही बना पाए हैं, जिसमें उन्होंने एक भी अर्धशतक नहीं लगाया है। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 44 का है, जो उन्होंने पिछले साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ घरेलू सरज़मीं पर बनाया था।

वहीं भरत की जगह पर जुरेल को राजकोट टेस्ट में पहली बार भारत के लिए खेलने का मौक़ा मिला था और जुरेल ने काफ़ी प्रभावित किया था। रांची में जुरेल ने 90 रन की पारी खेलते हुए भारत को संकट से उबारा था और उस मैच में वह प्लेयर ऑफ़ द मैच भी बने थे। विकेटकीपर की भूमिका में पंत के बाद बैक अप के तौर पर जुरेल प्रबल दावेदार हो सकते हैं और दलीप ट्रॉफ़ी में भी वह इंडिया ए के दल में शामिल हैं, जहां वह एकमात्र विशेषज्ञ विकेटकीपर हैं। राहुल भी उस टीम का हिस्सा हैं लेकिन इंडिया ए के लिए विकेटकीपर की भूमिका निभाने के लिए जुरेल की संभावना अधिक है। हालांकि राहुल ज़रूरत पड़ने पर ऑस्ट्रेलिया में विकेटकीपर की भूमिका भी निभा सकते हैं। टीम मैनेजमेंट घरेलू परिस्थितियों में और ख़ास तौर से स्पिनर के ख़िलाफ़ राहुल को बतौर टेस्ट विकेटकीपर के रूप में नहीं देखती है। लेकिन विदेशी सरज़मीं पर राहुल का टेस्ट में भी बतौर विकेटकीपर इस्तेमाल किया गया है, साउथ अफ़्रीका दौरे पर राहुल ने टेस्ट में भी विकेट कीपिंग की थी।

भरत दलीप ट्रॉफ़ी में इंडिया डी का हिस्सा हैं, जहां उनके अलावा इशान किशन भी विशेषज्ञ विकेटकीपर के तौर पर मौजूद हैं। किशन भी साउथ अफ़्रीका दौरे के बाद से ही भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं ऐसे में उनकी कोशिश भी दलीप ट्रॉफ़ी के ज़रिए दोबारा भारतीय टीम में वापसी करने पर होगी।

स्पिन विभाग में किनको मिल सकती है जगह?

घरेलू सरज़मीं पर स्पिन की मददगार परिस्थितियों को देखते हुए सातवां बल्लेबाज़ विकेटकीपर हो सकता है जिसके चलते भारतीय टीम आठवें और नौवें स्थान पर दो स्पिन ऑलराउंडर को आज़मा सकती है। इस स्थान के लिए भारतीय टीम के पास रवींद्र जाडेजा और आर अश्विन पहले से ही मौजूद हैं। जबकि अक्षर पटेल के रूप में भी भारतीय टीम के पास अतिरिक्त विकल्प मौजूद है। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में अक्षर को तीसरे स्पिनर और स्पिन गेंदबाज़ी ऑलराउंडर के रूप में भी आज़माया गया था, वहीं कुलदीप यादव ने भी चार मैच खेलते हुए 19 विकेट चटकाए थे।

परिस्थितियों के अनुसार अतिरिक्त स्पिनर या स्पिन गेंदबाज़ी ऑलराउंडर के रूप में भारतीय टीम के पास क्रमशः कुलदीप और अक्षर मौजूद हैं, ऐसे में स्पिन विभाग में चयनकर्ताओं को अधिक माथापच्ची करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि ऑस्ट्रेलिया के आगामी दौरे को देखते हुए अतिरिक्त तेज़ गेंदबाज़ी विकल्प के लिए बड़ी प्रतिस्पर्धा है।

बुमराह के अलावा कौन?

तेज़ गेंदबाज़ी विभाग में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी की दावेदारी ऑस्ट्रेलिया दौर के लिए मज़बूत है। शमी इस समय टखने की चोट से रिकवर कर रहे हैं। भारतीय टीम में वापसी करने के लिए उन्हें अभी थोड़ा और इंतज़ार करना पड़ सकता है। हालांकि वह आगामी रणजी सीज़न के लिए बंगाल के संभावितों में शामिल हैं। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले उनके पास ख़ुद की फ़िटनेस को साबित करने का मौक़ा भी होगा।

बुमराह टी20 वर्ल्ड कप के बाद भारतीय टीम के लिए नहीं खेले हैं  BCCI

वहीं रोहित, कोहली और अश्विन की तरह बुमराह को भी दलीप ट्रॉफ़ी से आराम दिया गया है। ऐसे में शमी के अलावा बुमराह भी अगर बांग्लादेश के ख़िलाफ़ टेस्ट श्रृंखला नहीं खेलते हैं तब ऐसी स्थिति में भारत को दो अन्य तेज़ गेंदबाज़ों की दरकार होगी और यही ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी भारतीय टीम में जगह भी बना सकते हैं।

टेस्ट में बुमराह और शमी के अलावा मोहम्मद सिराज भारतीय टीम का स्थाई तौर पर हिस्सा हैं। सिराज ने स्पिन की मददगार परिस्थितियों में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में चार मैचों में छह विकेट भी चटकाए थे। सिराज ने अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू 2020-21 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ही किया था और उन्होंने उस दौरे पर तीन टेस्ट मैचों में 13 विकेट चटकाते हुए भारत की श्रृंखला जीत में अहम भूमिका निभाई थी।

हालांकि सिराज के अलावा भारत का अतिरिक्त तेज़ गेंदबाज़ कौन होगा?

अतिरिक्त तेज़ गेंदबाज़ की दौड़ में एक बड़ा नाम शार्दुल ठाकुर का भी है। हालांकि हाल ही में उनके पैर की सर्जरी हुई है और वह दलीप ट्रॉफ़ी का भी हिस्सा नहीं हैं। शार्दुल ने भारत के लिए अंतिम टेस्ट साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ सेंचुरियन में खेला था। शार्दुल के रणजी ट्रॉफ़ी से वापसी करने की उम्मीद है। शार्दुल की वापसी की स्थिति में विशेषकर ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर अतिरिक्त तेज़ गेंदबाज़ के रूप में उनकी दावेदारी इसलिए भी मज़बूत हो सकती है क्योंकि वह बल्लेबाज़ी क्रम में गहराई भी सुनिश्चित कर सकते हैं। शार्दुल ने पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गाबा की ऐतिहासिक जीत में अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने 67 रनों की पारी खेलने के अलावा उस मैच में सात विकेट भी चटकाए थे।

मुकेश कुमार के पास भी दावेदारी पेश करने का मौक़ा  AFP/Getty Images

इस दौड़ में मुकेश कुमार और प्रसिद्ध कृष्णा के नाम प्रमुख हैं और यह दोनों पिछली टेस्ट श्रृंखलाओं में भारतीय टीम के लिए खेल भी चुके हैं। रोहित साउथ अफ़्रीका दौरे पर भी प्रसिद्ध में अपना विश्वास जता चुके हैं। दलीप ट्रॉफ़ी में प्रसिद्ध की ही टीम में आकाश दीप और ख़लील अहमद भी हैं। आकाश दीप ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ रांची में डेब्यू करते हुए तीन विकेट चटकाए थे।

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम एक बाएं हाथ का तेज़ गेंदबाज़ ले जाने का अगर फ़ैसला करती है तब ऐसी स्थिति में ख़लील या अर्शदीप सिंह में से किसी एक को मौक़ा मिल सकता है। हालांकि इन दोनों ने अभी तक भारत के लिए एक भी टेस्ट मैच नहीं खेला है। यश दयाल के पास भी अपनी दावेदारी पेश करने का सुनहरा मौक़ा होगा।

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नवनीत झा ESPNcricinfo में कंसल्टेंट सब एडिटर हैं।