"क्या यार कौन सा स्पेशलिस्ट गेंदबाज़ हो, जो 4 ओवर भी नहीं डाल पाते"
यह एक ऐसा सवाल था जो
आवेश ख़ान को अक्सर याद आता है। आईपीएल 2023 के दौरान जब वह अपना स्पेल पूरा नहीं कर पाते थे, तो यह सवाल अक्सर उन्हें परेशान करता था।
हम दलीप ट्रॉफ़ी के दौरान में अलूर में थे। जहां आवेश सेंट्रल ज़ोन के लिए खेल रहे थे। यहां कोई कैमरा न ही उन्हें देख रहा था और न उनकी निगरानी कर रहा था। वहीं आवेश अपने खेल के हर मिनट के पहलू को देखने की भरसक प्रयास कर रहे थे। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उस स्वतंत्र वातावरण में कूटनीति के पर्दे जो खिलाड़ियों को अक्सर घिसी-पिटी "प्रक्रिया" और "बुनियादी बातों" पर वापस लौटने के लिए मज़बूर करते हैं, वह हटा दिए गए हैं।
तब आवेश को वेस्टइंडीज़ दौरे के लिए चयनित नहीं किया गया था। उस वक़्त तो एशियन गेम्स के लिए भी उनके नाम की घोषणा नहीं हुई थी। इसके बावजूद ऐसा प्रतीत हो रहा था की आवेश अपने आईपीएल के बुरे फ़ॉर्म पर कहीं ना कहीं से काबू पाना चाहते हैं, उस पर नियंत्रण हासिल करके एक बार फिर से लय में आना चाहते हैं।
ऐसे में यह सवाल लाज़मी है कि उनके लिए आईपीएल 2023 कठिन क्यों था? इस सीज़न की शुरुआत में लखनऊ सुपर जायंट्स ने अपने घरेलू मैच धीमे और स्पिन के लिए मददगार पिचों पर खेले। ऐसे में यह तय था कि आवेश को एक तेज गेंदबाज के तौर पर थोड़े कम मौके मिलेंगे। आईपीएल के दौरान 9 मैचों में आवेश ने सिर्फ़ चार ही मैचों में अपने चार ओवर का कोटा पूरा किया, जिसमें उन्होंने 9.75 की इकॉनमी से आठ विकेट लिए।
हालांकि एक पक्ष यह भी था की आवेश इस तरह की प्रदर्शन का जिम्मेदार खु़द को ही मानने लगे थे। उन्हें यह समझने में देर लग गई कि ऐसे प्रदर्शनों को भूलते हुए आगे बढ़ जाने में भलाई है।
हालांकि ऐसा दबाव आवेश पर क्यों था ? इसका जवाब पिछले दो सीज़न में आवेश की गेंदबाज़ी से जुड़ा हुआ है। 2021 के सीज़न में आवेश दिल्ली की तरफ़ से खेलते हुए आईपील में दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे। इसके बाद वाले सीज़न में वह लखनऊ की टीम में शामिल हुए और वहां भी वह अपने टीम के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे। इसी तरह के प्रदर्शन ने आवेश को भारतीय टीम में जगह दिलाई थी।
ऐसा प्रदर्शन के बाद कोई भी गेंदबाज़ यह तो चाहेगा ही उस फ़ॉर्म को जारी रखा जाए।
उन्होंने दलीप ट्रॉफ़ी के दौरान और वेस्टइंडीज़ टी20आई के लिए भारत की टीम की घोषणा से पहले बातचीत करते हुए कहा, "आंशिक रूप से देखा जाए तो यह मेरी अपनी उम्मीदों से आगे निकलने की उत्सुकता थी, जिसके कारण मुझे खु़द पर अनावश्यक दबाव डालना पड़ा। मुझे लगा कि मुझे हर समय लय में रहना होगा। सब चीज़ ठीक करना होगा और जब आप ऐसा करते हैं, तो कभी-कभी अपनी निर्धारित योजनाओं और अपनी स्वाभाविक क्षमता से भटक जाते हैं। यह पिछले वर्ष की सबसे बड़ी सीख थी।"
"मेरी सोच ही ग़लत थी। अगर एक कप्तान को आप पर इतना भरोसा है कि वह आपसे अपनी फ़ील्ड खु़द सेट करने के लिए कहता है और फिर आप गड़बड़ कर देते हैं, तो इससे निराशा बढ़ती है। मेरी फ़ील्ड प्लेसमेंट बेहतर होनी चाहिए थी। मैंने पिच के अनुसार गेंदबाज़ी भी नहीं की। टी20 क्रिकेट में हर गेंद अंतर पैदा कर सकती है।
आईपीएल में इम्पैक्ट प्लेयर नियम के साथ, टीमें आपको कभी भी रिप्लेस कर सकती हैं। सीज़न की शुरुआत में ही मेरे साथ ऐसा हुआ, जो काफ़ी निराशजनक था। लेकिन इन सभी चीज़ों ने मुझे कुछ महत्वपूर्ण सबक सिखाए हैं, और मैंने अब एक अच्छी शुरुआत की है।"
आवेश ने निश्चित रूप से नए सीज़न की अच्छी शुरुआत अच्छे तरीक़े से की है। पिछले महीने 2023-24 घरेलू सीज़न की शुरुआती दलीप ट्रॉफ़ी में उनकी टीम (सेंट्रल ज़ोन) फ़ाइनल में जगह नहीं बनाने में सफल रही थी। आवेश उस दौरान अच्छी गति के साथ गेंदबाज़ी कर रहे थे। वह गेंद को दोनों तरफ़ मूव कराने में सफल हो रहे थे, जिससे बल्लेबाज़ों को काफ़ी परेशानी हो रही थी।
अवेश कहते हैं, ''मैं उस तरह का लड़का हूं जो कठिन ओवर फेंकना चाहता है। मुझे लगता है कि मुझे हर सीज़न में टीम के लिए दो-तीन मैच जीतने होंगे। मैं आराम से बैठकर काम नहीं करना चाहता था। इसलिए जैसे ही घरेलू कैलेंडर की घोषणा हुई, मैंने दलीप ट्रॉफ़ी से तीन सप्ताह पहले ही अपनी अच्छी तैयारी शुरू कर दी थी।"
"एमपीसीए ने (मुख्य कोच) चंद्रकांत पंडित की देखरेख में अंडर-19 के लिए एक शिविर शुरू किया था। मैं भी उस शिविर में शामिल हुआ और मैच की अच्छी तैयारी की। इससे मुझे बहुत मदद मिली है।"
आवेश की गेंदबाज़ी की स्वाभाविक शैली पिच पर पटकी हुई गेंदों से मूवमेंट हासिल करना है। साथ ही वह ऐसा तेज़ गति की गेंदों के साथ करते हैं। इसी कारण से आवेश को एक प्रतिभावान गेंदबाज़ के रूप में देखा जाता है। अपने क़रीबी मित्र और मध्य प्रदेश के पूर्व ऑलराउंडर, आनंद राजन के साथ ब्रेक के दौरान उन्होंने अपने बाएं हाथ की मूवमेंट पर काम किया, जो गेंदबाज़ी के दौरान जल्दी गिर जा रहा था।
अवेश ने कहा, "मुझे लगातार कई लोगों ने मदद की है और इस मामले में काफ़ी भाग्यशाली भी रहा हूं। (मोहम्मद) शमी भाई, उमेश (यादव), और (मोहम्मद) सिराज ने मेरी काफ़ी मदद की है।"
आवेश को उम्मीद है कि वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ टी20 मैचों में भी वह पूरी एकाग्रता के साथ गेंदबाज़ी करने में सफल रहेंगे। चयनकर्ताओं को एक बार फिर से प्रभावित करने का उनके पास काफ़ी अच्छा मौक़ा है। अगले साल और वेस्टइंडीज़ में टी20 विश्व कप होने वाला है। इस दृष्टिकोण से वह सारीज़ काफ़ी महत्वपूर्ण होने वाली है।
उन्होंने कहा, "यदि आप बहुत दूर की सोचते हैं, तो आप हताश हो जाते हैं और ग़लतियां करते हैं। मैं सिर्फ़ उसके बारे में सोचता हूं जो अब मेरे सामने है। अगर मैं बहुत आगे के बारे में सोचूंगा तो मुझे नुक़सान होगा। आप खेल का आनंद नहीं ले पाओगे, आप दबाव को अपने ऊपर हावी होने देंगे।"
शशांक किशोर ESPNcricinfo के सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।