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ICC की समर्पित राशि से नहीं पड़ेगा टेस्ट क्रिकेट पर बड़ा असर : क्रिकेट वेस्टइंडीज़

क्रिकेट वेस्टइंडीज़ के CEO जॉनी ग्रेव के अनुसार हालिया समय में बिग थ्री की मानसिकता में बदलाव आया है

Bangladesh gather after Shakib Al Hasan dismissed a set Abdullah Shafique, Pakistan vs Bangladesh, 1st Test, Rawalpindi, 5th day, August 25, 2024

ICC अगले साल से प्रति वर्ष लगभग डेढ़ करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि जारी कर सकती है  •  Associated Press

क्रिकेट वेस्टइंडीज़ (CWI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) जॉनी ग्रेव का मानना है कि तीन बड़े बोर्ड को छोड़कर अन्य देशों के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की ओर से जारी की जाने वाली राशि का टेस्ट क्रिकेट पर कोई ख़ास प्रभाव नहीं पड़ेगा।
हालिया समय में कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक ICC टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बिग थ्री (तीन बड़े क्रिकेट बोर्ड ; ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत) को छोड़कर अन्य क्रिकेट बोर्ड के लिए अलग से एक समर्पित राशि जारी कर सकती है। इस पहल के प्रणेता क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) के अध्यक्ष मार्क बेयर्ड हैं और इस पहल को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) का समर्थन भी हासिल है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य एक केंद्रीय कोष का निर्माण करना है जिससे तमाम बोर्ड के खिलाड़ियों के लिए एक स्टैंडर्ड मैच फ़ीस सुनिश्चित की जा सके। रिपोर्ट्स के मुताबिक मैच फ़ीस 10 हज़ार अमेरिकी डॉलर के आसपास हो सकती है।
ग्रेव अक्तूबर 2024 में CWI के CEO का पद छोड़ रहे हैं और उनके मुताबिक़ यह पहल टेस्ट क्रिकेट को बचाने में बड़ा क़दम साबित नहीं हो पाएगी।
ग्रेव ने टॉकस्पोर्ट पॉडकास्ट पर कहा, "एक खेल के रूप में क्रिकेट के बारे में एक लीग की तरह सोचना होगा और हर किसी के बिज़नेस मॉडल को भी समझना होगा। बिग थ्री की ओर से टेस्ट फ़ंड एक सकारात्मक पहल है लेकिन मुझे नहीं पता कि प्रति वर्ष डेढ़ करोड़ अमेरिकी डॉलर की इस राशि से कोई प्रभाव पड़ेगा या नहीं। जब मैंने प्रेस में 10 हज़ार अमेरिकी डॉलर (स्टैंडर्ड मैच फ़ीस) के बारे में पढ़ा तो मुझे हंसी आ गई। हम अपने खिलाड़ियों को 10 हज़ार अमेरिकी डॉलर ही देते हैं। इसलिए मैंने सोचा, 'इससे टेस्ट क्रिकेट कैसे बदल जाएगा? और यह कैसे टेस्ट क्रिकेट को बचा पाने में सक्षम हो जाएगा? वो भी तब जब यह राशि पहले ही हमारे खिलाड़ियों को प्राप्त हो रही है?' यह हमारे लिए तो प्रभावी साबित नहीं हो पाएगा।"

बिग थ्री की मानसिकता में बदलाव का ग्रेव ने किया स्वागत

हालांकि ग्रेव ने कहा कि प्रस्तावित टेस्ट फ़ंड बिग थ्री की मानसिकता में बदलाव के संकेत हैं, जिसके तहत उनके भीतर एक दूसरे के अलावा किसी मज़बूत विपक्ष के न होने की इच्छा समाहित थी। ग्रेव के अनुसार 2024 में वेस्टइंडीज़ का T20 विश्व कप की मेज़बानी करना और 2027 के वनडे विश्व कप की मेज़बानी साउथ अफ़्रीका, ज़िम्बाब्वे और नामीबिया को मिलना बिग थ्री की मानसिकता में आए बदलाव का ही परिचायक है।
ग्रेव ने कहा, "हमने 2024 में वर्ल्ड कप की मेज़बानी की वह इसी मानसिकता में बदलाव का सूचक थी। क्योंकि इससे पहले आठ वर्षों में पुरुषों के तमाम बड़े टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत में ही आयोजित किए गए। हमने US (संयुक्त राज्य अमेरिका) के साथ एक टूर्नामेंट की मेज़बानी की, साउथ अफ़्रीका, ज़िम्बाब्वे और नामीबिया मिलकर एक टूर्नामेंट की मेज़बानी करेंगे, न्यूज़ीलैंड ऑस्ट्रेलिया और आयरलैंड इंग्लैंड के साथ मिलकर एक टूर्नामेंट की मेज़बानी करेगा। मानसिकता में आए इस बदलाव का हम स्वागत करते हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि हम एक टीम के रूप में अपनी सोच विकसित कर पाएंगे। हम यह समझ पाएंगे कि हम सभी एक दूसरे पर निर्भर हैं और हमें एक दूसरे की ज़रूरत है। व्यक्तिगत हितों को थोड़ा कम तवज्जो देना खेल के भविष्य के लिए बेहतर होगा।"