न्यूज़ीलेंड 167 पर 5 (मिचेल 72*, कॉन्वे 46, नीशम 27; लिविंगस्टन 2-22) ने इंग्लैंड 166 पर 4 (मलान 41, मोईन 51*; साउदी 1-24) को 5 विकेट से हराया
जेम्स नीशम ने 2019 में संन्यास के बारे में विचार किया था। डैरेल मिचेल ने कभी ओपनिंग करने पर विचार नहीं किया था। उन्होंने किया और दोनों ने मिलकर न्यूज़ीलैंड को ऐसे समय पर टी20 विश्व कप के फ़ाइनल में पहुंचाया, जब सारी उम्मीदें धूमिल हो चुकीं थीं।
यह बड़े हिट लगाने का पागलपन जैसा था और इसमें कोई रणनीति भी नहीं थी। कुछ ऐसा ही मैच जब इंग्लैंड ने पांच साल पहले कोलकाता में आक्रामक बल्लेबाज़ी की, लेकिन दो बड़े शॉट लगाने वाले खिलाड़ियों ने उनके पास से मैच छीन लिया था।
24 गेंद पर 57 रनों की ज़रूरत थी। प्रति बॉल दो रन से ज़्यादा। जहां तक बात है तो कंडीशन की तो पिच इस टूर्नामेंट में दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी करने वाली टीम के साथ रही हैं, लेकिन यहां पर ओस नहीं थी। यूएई की सूखी पिचों में रन बनाने के लिए पिच से कोई ख़ास मदद नहीं थी।
न्यूज़ीलैंड के घरेलू सर्किट में पिछले पांच सालों में सबसे अधिक छक्के लगाने वाले डैरेल मिचेल ने पहले 10 ओवरों में केवल दो ही बाउंड्री लगाईं। यही वजह थी कि मार्टिन गप्टिल और कप्तान केन विलिमयसन दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके।
यही वजह थी कि पार्ट टाइम स्पिनर लियम लिविंगस्टन पूरे चार ओवर किए और 22 ही रन दिए। जब उन्होंने अपने स्पेल को डेवन कॉन्वे के विकेट के साथ समाप्त किया तो ईएसपीएनक्रिकइंफो के फ़ॉरकास्टर के मुताबिक इंग्लैंड की जीत की संभावना 80% थी।
नीशम इस तरह के मैचों से गुज़र चुके थे। नीशम की ट्विटर टाइमलाइन इन सब माहौल का गवाह है, साथ ही उसमें 2019 विश्व कप फ़ाइनल में दिल तोड़ देने वाली हार का भी ज़िक्र है। वह उस समय सुपर ओवर में आए थे, उन्होंने जोफ़्रा आर्चर पर छक्का भी लगाया था। वह इंग्लैंड को हार सौंप देते लेकिन उस दिन उनके एक शॉर्ट रन ने सब बदल दिया।
वह आम दिनों की ही तरह इस बार भी क्रीज़ पर उतरे, लेकिन इस बार वह जीत दिलाने में कामयाब रहे। 17वें ओवर में उनके द्वारा लगाए गए छक्के से इसकी शुरुआत हुई। यह क्रिस जॉर्डन पर डीप मिडविकेट पर लगाया लंबा छक्का था। इस आठ गेंद के ओवर में 23 रन निकले और दबाव से भरे इस सेमीफ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड की जीत की उम्मीदें जगने लगी थीं।
अब अचानक से न्यूज़ीलैंड को 18 गेंद में 34 रनों की दरकार थी। अब सब कुछ मिचेल के हाथों में था। वह क्रीज़ में अंदर खड़े थे। वह पूरी तरह से तैयार थे और उन्होंने क्रिस वोक्स के 19वें ओवर में दो छक्के और एक चौका लगाकर न्यूज़ीलैंड को 14 साल के टी20 विश्व कप इतिहास में पहली बार फ़ाइनल में पहुंचा दिया।
बदली सी दिखी इंग्लैंड
इस सेमीफ़ाइनल में दो बड़ी टीमों के बल्लेबाज़ों के पास एक दूसरे को जवाब देने के सभी मौक़े थे। लेकिन इंग्लैंड के बल्लेबाज़ इस बार कामयाब नहीं हो सके। जोस बटलर और जॉनी बेयरस्टो शीर्ष क्रम पर सतर्क होकर खेले, वह स्विंग होती गेंदों के ख़िलाफ़ बचकर खेले और उन्होंने सही समय पर मौक़ा मिलने पर फ़ायदा उठाने की कोशिश की।
नतीज़ा यह हुआ कि इंग्लैंड अपने चिर परिचित टी20 अंदाज़ से दूर होता चला गया, जिसका मतलब होता था हर गेंद पर हमला। 2014 के बाद पहली बार उन्हें अपना पहला छक्का लगाने के लिए 15वें ओवर तक इंतज़ार करना पड़ा।
मलान और मोईन ने संभाला
इंग्लैंड के दृष्टिकोण से वह शुरुआती विकेट बचाने में कामयाब रहे, लेकिन इससे मध्य क्रम के कंधों पर बहुत दबाव आ गया। एक ऐसा मध्य क्रम जिसे इस टूर्नामेंट में ज़्यादा क्रीज़ पर मौक़े ही नहीं मिले। लेकिन डाविड मालन ने चीज़ों को खूबसूरती से नियंत्रित किया। यदि आप इसके बारे में किसी भी संदेह में हैं, तो उनके कवर ड्राइव की क्लिप देख लें। बहतरीन फुटवर्क और शानदार टाइमिंग के साथ उन्होंने बीच के ओवरों में अपनी टीम का भरपूर साथ दिया, वह बदकिस्मत रहे कि अर्धशतक से चूक गए।
मोईन अली ने वह गलती नहीं की। दुनिया के सबसे खूबसूरत लेग-साइड स्लॉग खेलते हुए, 37 गेंद पर उनके नाबाद 51 रनों ने इंग्लैंड को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया।
अलागप्पन मुथू ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।