भारत 225 पर तीन (गिल नाबाद 98, धवन 58) ने वेस्टइंडीज़ 137 (पूरन 42, चहल 4-17) को डकवर्थ लुईस स्टर्न पद्धति से 119 रन से हराया
अंतिम ओवर तक जाने वाले पहले दो मैचों में कड़े मुकाबले के बाद, भारत ने
शुभमन गिल के करियर की सर्वश्रेष्ठ नाबाद 98 रनों की पारी की बदौलत तीसरे वनडे में वेस्टइंडीज़ को हराकर सीरीज़ 3-0 से जीती।
कप्तान
शिखर धवन ने 58 रन बनाए;
श्रेयस अय्यर ने 34 गेंदों में 44 रन बनाए और युज़वेंद्र चहल ने चार ओवर में 17 रन देकर 4 विकेट लिए।
बार-बार बारिश आने की वजह से हो रही देरी ने भारत की पारी को 40 ओवरों तक सीमित करने के लिए मजबूर किया। भारतीय टीम 36 ओवर में 3 विकेट पर 225 रन बनाई थी तब एकबार फिर बारिश के कारण रुकावट आई जिसने शुभमन गिल को पहला वनडे शतक लगाने से मात्र दो रनों से महरूम कर दिया। वेस्टइंडीज़ को डीएलएस पद्धति के अनुसार 35 ओवर में 257 रनों का लक्ष्य दिया गया था, और वे कभी भी चेज़ में नहीं थे।
मोहम्मद सिराज ने चेज़ करने उतरी वेस्टइंडीज़ को दूसरे ओवर में दो झटके दिए। काइल मेयर्स को अच्छी लेंथ गेंदों के साथ गेंदबाज़ी की और शामार ब्रूक्स को एलबीडब्ल्यू में फंसाया। अपनी पारी की नौ गेंदों में वेस्टइंडीज़ 2 विकेट पर 0 थी।
युज़वेंद्र चहल द्वारा शे होप को 22 रन पर स्टंप कराने से पहले ब्रैंडन किंग और शे होप ने 47 रन की साझेदारी के साथ वेस्टइंडीज़ को वापस पटरी पर ला दिया था। किंग और उनके कप्तान निकोलस पूरन ने एक और रिकवरी शुरू की, लेकिन 14वें ओवर में अक्षर पटेल की सीधी गेंद ने 42 रन पर किंग के स्टंप्स बिखेर दिया।
पूरन ने दीपक हुड्डा को तुरंत एक छक्का और एक चौका लगाया, जिसने उनकी टीम को चेज़ में बनाए रखा क्योंकि ज़रूरी रनरेट लगभग आठ प्रति ओवर के आसपास थी। हालांकि, केसी कार्टी के संघर्ष ने पूरन पर दबाव डाला, और जब कार्टी ने अंततः कुछ अलग करने की कोशिश करने का फ़ैसला किया तो वे अपने विकेटों पर खेल गए।
तब तक वेस्टइंडीज़ को एक ओवर में लगभग 10 रन की ज़रूरत थी, और जब 22 वें ओवर में प्रसिद्ध कृष्णा की गेंद पर पूरन 42 रन पर आउट हुए तो वेस्टइंडीज़ के लिए मैच ख़त्म सा हो गया।
जब पहली बारिश की रुकावट के बाद खेल फिर से शुरू हुआ तो भारत के पास 16 ओवर बचे थे, और गिल और अय्यर ने तेज़ रन बटोरने के लिए गियर बदल लिए। वे स्पिनरों के सामने आगे निकलकर खेले, रिवर्स स्वीप का प्रयास किया, हवाई पुल और ड्राइव खेले और घेरे के अंदर के खिलाड़ियों के ऊपर से लगातार उठाकर खेलते रहे।
गिल और अय्यर ने दस ओवर से भी कम में दूसरे विकेट के लिए 86 रन जोड़े, जिससे धवन के टॉस जीतने के बाद शुरू हुई धीमी रनगति की भरपाई हुई। धवन पारी की शुरुआत में शांत थे, उन्होंने धीमी पिच पर 74 गेंदों में 58 रन बनाए, जहां उन्होंने आक्रमण करने की कोशिश की, लेकिन अक्सर टाइम करने और गैप भेदने में असफल रहे।
इसके विपरीत, भारत ने बारिश के ब्रेक के बाद पहले दो ओवरों में 31 रन बनाए, जिसमें चार चौके और दो छक्के शामिल थे, लेकिन गिल और अय्यर की मोमेंटम जल्द ही एक बार फिर बारिश के कारण भंग हो गई।
जब खेल फिर से शुरू हुआ, तो गंवाने के लिए समय नहीं था, और अय्यर ने हेडेन वॉल्श की दूसरी गेंद को डीप स्क्वेयर लेग पर छक्का लगाया। उन्होंने अगली गेंद को बैकवर्ड पॉइंट बाउंड्री की ओर दिशा दिखाई।
वेस्टइंडीज़ ने दूसरे छोर से तेज़ गेंदबाज़ को लाया, सिर्फ़ अय्यर के लिए, उन्होंने जेडेन सील्स को चौका लगाया और गिल ने लगातार चौके लगाए, जिनमें से पहला मिड ऑफ़ के बगल से शानदार टाइमिंग के साथ खेला गया था। दोनों बल्लेबाज़ों ने जेसन होल्डर और अकील हुसैन के ख़िलाफ़ बाउंड्री ढूंढना जारी रखा।
गिल ने एक समय पर 65 गेंदों में 51 रन बनाए थे, उन्होंने 98 रन की पारी उतनी ही गेंदों में खेली, लेकिन वह अपने पहले वनडे शतक तक पहुंच सकते थे, अगर वह अंत में थोड़ा तेज़ खेलते: उन्होंने अपनी आख़िरी 14 गेंदों में केवल 13 रन बनाए। अंत में हालांकि उन्होंने भारत को मैच और ख़ुद को प्लेयरऑफ़ द सीरीज़ पुरस्कार जीतने के लिए पर्याप्त कार्य कर दिया था।
हिमांशु अग्रवाल ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।