2019 की शुरुआत से भारत और वेस्टइंडीज़ ने
47 वनडे मुक़ाबले खेले हैं जो इस अवधि में सर्वाधिक हैं। इनके परिणामों में बड़ा अंतर हैं क्योंकि भारत ने जहां 27 मुक़ाबले जीते और 19 में हार का सामना किया, वहीं वेस्टइंडीज़ को 18 में जीत और 26 में हार मिली। यह अंतर
पहले वनडे में साफ़ देखने को मिला जब भारत ने मध्य क्रम के लड़खड़ाने के बावजूद एक आसान जीत दर्ज की।
बल्लेबाज़ी वेस्टइंडीज़ के लिए एक बड़ी समस्या रही है। उनके द्वारा रखे गए 177 रनों के लक्ष्य को भारत ने मात्र 28 ओवरों में हासिल कर लिया। वह भी तब जब 116 पर चार विकेट की स्थिति में अपना डेब्यू कर रहे दीपक हुड्डा बल्लेबाज़ी करने उतरे। साथ ही वनडे मैचों के लिए चुनी गई टीम के कई खिलाड़ी उपलब्ध नहीं थे - शिखर धवन, श्रेयस अय्यर, ऋतुराज गायकवाड़ और नवदीप सैनी कोरोना संक्रमित होने के बाद क्वारंटीन में थे, केएल राहुल व्यक्तिगत कारणों से अवकाश पर थे और रिप्लेसमेंट के तौर पर टीम में शामिल किए गए मयंक अग्रवाल का अनिवार्य क्वारंटीन पूरा नहीं हुआ था। इन छह खिलाड़ों में से पांच अभ्यास के लिए उपलब्ध थे और केवल गायकवाड़ अब भी आइसोलेशन में हैं।
वेस्टइंडीज़ को चाहिए कि उनका शीर्ष क्रम बड़े रन बनाए। जबकि उनके पास कई ऑलराउंड विकल्प हैं, पारी की नींव शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ों को ही रखनी पड़ेगी ताकि हरफ़नमौला खिलाड़ी खुलकर खेल सकें। साल 2019 से विश्व की टॉप 10 वनडे टीमों के ख़िलाफ़ जहां भारत के शीर्ष सात बल्लेबाज़ों की औसत 44.15 की रही है, वेस्टइंडीज़ के लिए यह आंकड़ा
गिरकर 34.33 हो जाता है। ऐसा नहीं है कि रनों की कमी का मुख्य कारण तेज़ी से रन बनाने की योजना है क्योंकि शीर्ष 10 टीमों में उनका स्टाइक-रेट नीचे से चौथे स्थान पर हैं।
भारत जीत, हार, हार, हार, हार
वेस्टइंडीज़ हार, हार, हार, जीत, हार
पहले वनडे में
विराट कोहली की पारी हमेशा की तरह नहीं थी। पहली गेंद किनारा लेकर चौके के लिए गई और दूसरी को अपर-कट के साथ उसी नतीजे के लिए भेज दिया गया। इसके बाद गेंदबाज़ को राहत मिली जब एक गेंद वाइड करार की गई और तीखी बाउंसर पर कोहली को नीचे झुकना पड़ा। अगली छोटी गेंद पर उन्होंने फिर एक बार आक्रामक रुख़ अपनाया लेकिन वह अपने पुल को नियंत्रण में नहीं रख पाए और फ़ाइन लेग पर लपके गए। यह वनडे क्रिकेट के आधुनिक मास्टर की विशेषता नहीं थी और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह अपना दबदबा क़ायम करने की हड़बड़ी में थे। जबकि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कोहली के शतक की कमी को लेकर बातें होती रहेंगी, अपने
पिछले वनडे शतक के बाद से उनके आंकड़े लाजवाब हैं - 40 से अधिक की औसत, 90 से बेहतर का स्ट्राइक रेट और 19 पारियों में 10 अर्धशतक। अगर यह आंकड़े कमतर लगते हैं तो वह इसलिए क्योंकि कोहली ने अपने करियर में उच्च मानक स्थापित किए हैं। यह आंकड़े दिखाते हैं कि वनडे क्रिकेट में कोहली का फ़ॉर्म अच्छा रहा है और इसी वजह से पहले वनडे में उनकी पारी कुछ अजीब थी।
जेसन होल्डर टेस्ट क्रिकेट में वेस्टइंडीज़ के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज़ बन गए हैं। अब वह वनडे क्रिकेट में भी टीम के सबसे कारगर बल्लेबाज़ बनते जा रहे हैं। नंबर 7 या उससे नीचे बल्लेबाज़ी करते हुए, 2015 विश्व कप के बाद से, उन्हें 19 बार 25वें ओवर से पहले बल्लेबाज़ी करने उतरना पड़ा है। इसके बावजूद 88 के स्ट्राइक रेट से खेलते हुए उन्होंने 35.25 की औसत से रन बनाए हैं। हमेशा सवाल खड़ा हो जाता है कि
क्या उन्हें क्रम में आगे भेजा जाना चाहिए। कप्तान कायरन पोलार्ड ने होल्डर के प्रदर्शन के सराहा लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि शीर्ष क्रम में क़ाबिल बल्लेबाज़ मौजूद हैं। रनों के अकाल में कब तक ऐसा चलते रहेगा, यह तो वक़्त ही बताएगा।
राहुल और मयंक ने भारतीय टीम के साथ अभ्यास किया और वह दूसरे मैच के लिए उपलब्ध हैं। धवन और श्रेयस ने चिकित्सा टीम की देखरेख में हल्का अभ्यास किया। जबकि वह कोरोना से मुक्त हो गए हैं, टीम प्रबंधन उन्हें 100 ओवरों के मैच में उतारने से पहले कुछ दिन और आराम देना चाहेगा। राहुल तुरंत टीम में वापसी करेंगे लेकिन यह देखना होगा कि वह किसकी जगह लेते हैं। सूर्यकुमार यादव मध्य क्रम को तेज़ी प्रदान करते हैं वहीं दीपक हुड्डा इकलौते ऐसे बल्लेबाज़ हैं जो गेंदबाज़ी कर सकते हैं। पहले वनडे में इस दोनों की नाबाद साझेदारी ने टीम को जीत दिलाई। इस वजह से इशान किशन को बाहर जाना पड़ सकता है और राहुल अपने कप्तान के साथ ओपन कर सकते हैं। गेंदबाज़ों ने बढ़िया प्रदर्शन किया था और वहां बदलाव की कोई आवश्यकता नहीं होगी। दीपक चाहर के लिए यह कठोर होगा लेकिन अगर टीम प्रबंधन अहमदाबाद में उन्हें पहली पसंद वाले तीन तेज़ गेंदबाज़ों की सूची में नहीं देखता है, तो उन्हें बाहर बैठना होगा।
भारत: (संभावित) 1 रोहित शर्मा (कप्तान), 2 केएल राहुल, 3 विराट कोहली, 4 ऋषभ पंत (विकेटकीपर), 5 सूर्यकुमार यादव, 6 दीपक हुड्डा, 7 वॉशिंगटन सुंदर, 8 शार्दुल ठाकुर, 9 मोहम्मद सिराज, 10 युज़वेंद्र चहल, 11 प्रसिद्ध कृष्णा
पहले मैच में प्लेयर ऑफ़ द मैच युज़वेंद्र चहल की स्पिन को देखकर वेस्टइंडीज़ हेडन वॉल्श जूनियर को खिलाने पर विचार कर सकता है। पिछले मैच में उनके दोनों स्पिनर अकील हुसैन और फ़ेबियन ऐलेन को उनके ऑलराउंड खेल के लिए चुना गया था। केमार रोच को वनडे टीम में वापस बुलाया गया है और टीम उन्हें और मौक़े देना चाहेगी। अल्ज़ारी जोसेफ़ वनडे क्रिकेट में वेस्टइंडीज़ के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ों में से एक रहे हैं और उन्होंने ही एक ओवर में रोहित और कोहली को आउट कर टीम को वापसी करने का मौक़ा दिया था।
वेस्टइंडीज़: (संभावित) 1 शे होप (विकेटकीपर), 2 ब्रैंडन किंग, 3 डैरन ब्रावो, 4 शमार ब्रूक्स, 5 निकोलस पूरन, 6 कायरन पोलार्ड (कप्तान), 7 जेसन होल्डर, 8 फ़ेबियन ऐलेन, 9 अकील हुसैन, 10 अल्ज़ारी जोसेफ़, 11 केमार रोच
गर्मियों की शुरुआत होने से ओस ने पहले वनडे में अहम भूमिका नहीं निभाई। अहमदाबाद में थोड़े बादलों के साथ मौसम साफ़ रहने की उम्मीद है। पिचों में स्पिन के लिए मदद रही है लेकिन अब तक बल्लेबाज़ हावी रहे हैं।