अपने अब तक के करियर में जेसन होल्डर को शीर्ष क्रम की गड़बड़ी के बाद अकेला नहीं छोड़ा गया था। वहीं, ऐसे करते हुए उन्होंने पहली बार नहीं दिखाया कि काम कैसे किया जाता है। यह भी आपको चौंका सकता है कि वह एक स्थान नीचे नंबर सात पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे।
कायरन पोलार्ड ने 50 ओवरों में बल्लेबाज़ी करना एक अहम लक्ष्य होने की बात कही, लेकिन वेस्टइंडीज़ को सीरीज़ के पहले मैच में 30 ओवरों के अंदर सिमटने का ख़तरा था। होल्डर की डिफ़ेंसिव पारी, जो जल्दी से एक आक्रमण में बदल गई। ख़ास तौर से तब जब भारत के स्पिनरों ने नियंत्रण करने की कोशिश की, यही वजह थी कि वेस्टइंडीज़ 43.5 ओवर तक बल्लेबाज़ी करने में क़ामयाब रही, लेकिन इसके लिए कोई सांत्वना नहीं है।
रिकॉर्ड के लिए वेस्टइंडीज़ ने अब लगातार सात मैचों में 50 ओवरों में बल्लेबाज़ी नहीं की है, जो सिलसिला जुलाई 2021 में घर पर ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सीरीज़ में शुरू हुआ था। यह केवल पोलार्ड के इस बयान की पुष्टि करता है कि वेस्टइंडीज़ को बल्लेबाज़ी की समस्या है।
होल्डर ने एक ऐसा बैटिंग शो दिखाया जिसका अनुकरण करने के लिए उनके कई साथी अच्छा प्रदर्शन करेंगे। न तो पहले से सोचा गया था, न ही गेंदबाज़ों को उनकी लंबाई से दूर गेंद रखने का प्रयास किया गया था। वह केवल उस पर प्रतिक्रिया कर रहे थे जो उनके सामने था। उन्होंने शॉट खेले जो उन्होंने सोचा की यह सही है, इस बात की परवाह किए बिना कि पिच कैसे खेल रही है या एक अच्छी गेंद उन्हें कैसे मिल सकती है।
उनकी पारी का सार पूरी तरह से यह था कि आगे आकर खेलो और चहल की लेग ब्रेक पर लंबे लीवर का प्रयोग करो या वॉशिंगटन सुंदर को क्रीज़ के अंदर आकर खेलो, यह जानते हुए कि वह लगभग गुड लेंथ पर गेंदबाज़ी कर रहे थे।
युज़वेंद्र चहल के चिढ़ाने वाले लेग ब्रेक खेलने के लिए या क्रीज में वापस जाकर वॉशिंगटन सुंदर को खेलने के लिए, यह देखते हुए कि वह काफ़ी हद तक अच्छी लेंथ और उसके आसपास गेंदबाज़ी करना चाह रहे थे।
यह उनकी बल्लेबाज़ी का क्लास नहीं था। उन्होंने सात साल पहले अपने पदार्पण से ही भरपूर लाभ उठाया है। आप 53 टेस्ट में 30 का औसत 7 नंबर पर खेलते हुए ख़ास नहीं मानते हैं। आप क्रीज़ पर खुद बनाए रखकर सीखे बिना टेस्ट में 202* का उच्चतम स्कोर नहीं बना सकते। फिर भी, आप उनकी स्पिन के साथ बॉल को उठाने की क्षमता पर विश्वास नहीं करते हैं, वह लेंथ बॉल को जल्दी पिक करके कवर की ओर ड्राइव लगा देते हैं, जो गेंद पैड पर हो उस पर वह पिक अप शॉट लगा देते हैं। आज पता भी चलता है जब वह 20वें ओवर में क्रीज़ पर आए तो तब वेस्टइंडीज़ का स्कोर 71 रन पर पांच विकेट था।
पिछले सात वर्षों के एक बेहतर हिस्से में होल्डर ने वनडे मैचों में निचले क्रम की बल्लेबाज़ी में काफ़ी प्रभावित किया है। 2015 विश्व कप के बाद से होल्डर ने 25 ओवर के अंदर 19 बार बल्लेबाज़ी की है, जब उन्होंने नंबर 7 या उससे कम पर बल्लेबाज़ी की है। हर बार, उन्हें एक संकट टालना पड़ता है। उन्होंने 35.25 की औसत से 564 रन बनाए हैं, जिसमें छह अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने 88 के स्ट्राइक रेट पर ये रन बनाए हैं। क्या यह पदोन्नति के लायक़ है? हां, आप सोचेंगे।
पोलार्ड से जब पूछा गया कि क्या होल्डर को प्रमोट करेंगे तो उन्होंने कहा, "जब आप अलग-अलग चीज़ों को देख रहे होते हैं, तो आप ऐसा कह सकते हैं। उदाहरण के लिए 12 महीने पहले, लोग आंकड़ों के दृष्टिकोण से ऐसा नहीं कह रहे होते, लेकिन पिछले कुछ मैचों में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट खेला है, उन्होंने दोहरा शतक बनाया है, इसलिए वह बल्लेबाज़ी क्रम में किसी भी स्थान पर बल्लेबाज़ी कर सकते हैं।"
"लेकिन फिर, जब आप टीम का संयोजन देखते हैं तो हां वह नंबर 6 या नंबर 5 पर बल्लेबाज़ी कर सकता है, लेकिन जब आप हमारी टीम का मेकअप देखते हैं, तो हमारे पास ऐसे अंतरराष्ट्रीय बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने टेस्ट खेला है। क्रिकेट में उन्हें फिर से हमारे लिए एक भूमिका निभानी है। आज वह एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आए और एक महत्वपूर्ण अर्धशतक बनाया। पिछले कुछ हफ़्तों में उनके क्रिकेट में सुधार हुआ है और वह अपने लिए अच्छा कर रहे हैं। हम एक टीम के रूप में जेसन के लिए खुश हैं और यह लंबे समय तक जारी रह सकता है।"
इस गेंदबाज़ी ऑलराउंडर की यह बल्लेबाज़ी क्षमता कुछ ऐसी है जिसके लिए दुनिया भर की टीमें तरसती हैं। रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ से पूछिए। वह इस क्षमता को अपने गेंदबाज़ी आक्रमण में शामिल करने के लिए आतुर हैं। यह कुछ ऐसा है जिसने कुछ समय के लिए टेस्ट क्रिकेट में वेस्टइंडीज़ को मिली सफलता में बहुत योगदान दिया है। इसने उन्हें पांच गेंदबाज़ों को खेलने की अनुमति दी है। लेकिन वनडे मैचों में, उनका कौशल उनके साथी खिलाड़ियों की लापरवाही को छिपाने के लिए पर्याप्त नहीं है।
शे होप बिना फ़ुटवर्क के खेल रहे थे, उसी ओवर में उन्होंने मोहम्मद सिराज पर दो शानदार चौके लगाए। पोलार्ड, युज़वेंद्र चहल की फ़्लाइट और स्पिन की अवहेलना करके ग़लती कर बैठे। उन्होंने पहली ही गेंद पर उन पर चौका लगाने का प्रयास करके 20वें ओवर के अंदर ही पारी का पुनर्निर्माण करने की कोशिश की। ब्रैंडन किंग और फ़ेबियन ऐलेन कुछ समय तक उन पर क़ाबू पा पाए। निकोलस पूरन ने फ़ुलर गेंद को स्वीप करने की कोशिश और गेंद की लंबाई में पूरी तरह से फंस गए। बेशक, आप इस तथ्य पर कुछ कह सकते हैं कि वेस्टइंडीज़ बिना किसी सत्र के यहां पर खेलने आया है लेकिन सवाल यह है: अगर होल्डर कर सकते हैं, तो शायद अन्य भी कर सकते हैं।
होल्डर एक तरफ़, मेहमानों के लिए कुछ अन्य सकारात्मक भी थे। अल्ज़ारी जोसेफ, बांग्लादेश प्रीमियर लीग में खेलने के बाद ताज़ा थे और उन्होंने रोहित शर्मा, विराट कोहली और इशान किशन के विकेटों को लेकर इसे साबित किया। विशेष रूप से कोहली का विकेट, जो एक अच्छी कमाई वाला विकेट था, क्योंकि उन्होंने कोहली को अपनी गति से चौंकाया और फ़ाइन लेग पर लपकवाया। रोहित एक अच्छी लाइन की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हुए और इशान डीप स्क्वायर लेग पर आउट हो गए।
वेस्टइंडीज़ के पास दूसरे वनडे तक अपनी मानसिकता को ठीक करने के लिए बहुत कम समय है। अगर उन्हें प्रेरणा की तलाश करनी है, तो उन्हें होल्डर द जेंटल जायंट से आगे देखने की ज़रूरत नहीं है। पोलार्ड, ब्रावो, नारायण और गेल के युग में, जो उन्होंने ख़ुद के लिए एक जगह बनाने में क़ामयाबी हासिल की है, वह उससे प्रेरणा ले सकते हैं। उनकी टीम के साथी आगे चलकर वनडे क्रिकेट में बेहतर परिणाम देने के लिए बेंचमार्क तक पहुंच सकते हैं जो उन्होंने पहले बनाए हुए हैं।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।