मैच (11)
द हंड्रेड (महिला) (1)
AUS-WA vs IND-WA (1)
One-Day Cup (2)
CPL (2)
द हंड्रेड (पुरूष) (1)
Top End T20 (4)
फ़ीचर्स

गिल का उप-कप्तान बनने का मतलब संजू सैमसन की जगह पर ख़तरा

गिल और अभिषेक अगर सलामी साझेदार हुए तो जितेश शर्मा हो सकते हैं विकेटकीपर

Syed Hussain
सैयद हुसैन
21-Aug-2025 • 7 hrs ago
Shubman Gill and Sanju Samson put on a 69-run stand off just 53 deliveries, West Indies vs India, 3rd ODI, Tarouba, August 1, 2023

शुभमन गिल की वापसी ने संजू सैमसन की जगह ख़तरे में डाल दी है  •  Associated Press

एशिया कप 2025 के लिए शुभमन गिल का बतौर उप-कप्तान T20I में वापसी करना संजू सैमसन की प्लेइंग-XI में जगह पर बड़ा ख़तरा साबित हो सकता है। अब जब गिल उप-कप्तान हैं तो ज़ाहिर है प्लेइंग-XI में उनका स्थान क़रीब-क़रीब तय है, गिल के लिए यह तो अच्छा मौक़ा है लेकिन इसका असर T20I में भारतीय टीम संजोयन पर भी पड़ेगा। गिल लाल गेंद में तो पहले नंबर-3 और अब नंबर-4 पर खेलते हैं लेकिन सफ़ेद गेंद में वह एक ओपनर हैं। यानी वह अगर प्लेइंग-XI में आते हैं जिसकी संभावना प्रबल है तो फिर उनके लिए अभिषेक शर्मा या सैमसन में से किसी एक को अपना स्थान देना होगा। भारत के लिए पिछले 12 T20I से लगातार अभिषेक और सैमसन की जोड़ी ही पारी का आग़ाज़ कर रही है।
अभिषेक और सैमसन की सलामी साझेदारी ने इस दौरान 22.25 की औसत से 267 रन बनाए हैं, जिसमें एक ही बार दोनों के बीच 50+ की साझेदारी हुई और इस जोड़ी ने 9.82 की रन रेट से आक्रामक शुरुआत दिलाई है। इतना ही नहीं इन 12 मैचों में 10 बार भारत के सिर जीत का सेहरा बंधा है और इनमें से तीन बार सैमसन (2) और अभिषेक (1) में से कोई प्लेयर ऑफ़ द मैच रहा है। अभिषेक ने इस दौरान एक तो सैमसन ने तीन शतक भी जड़े हैं। अब ऐसे आंकड़ों के बावजूद इस सलामी जोड़ी को छेड़ना या तोड़ना हैरान ज़रूर कर सकता है। लेकिन भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता अजित आगरकर की सोच कुछ अलग है, उनहोंने कहा, "सैमसन पारी का आग़ाज़ तब कर रहे थे जब सीनियर खिलाड़ी नहीं खेल रहे थे।" आगरकर का यह बयान इशारा कर रहा है कि गिल के आने के बाद सलामी जोड़ी में बदलाव लगभग तय है।

गिल के साथ अभिषेक होंगे सलामी साझेदार या सैमसन?

अब सवाल ये खड़ा होता है कि गिल अगर ओपन करेंगे तो उनके सलामी साझेदार सैमसन होंगे या अभिषेक। टीम मैनेजमेंट के हाल के फ़ैसले और सोच को समझने की कोशिश की जाए तो इसका जवाब ज़्यादा मुश्किल नहीं है। एक तो ये कि टीम मैनेजमेंट अब वैसे खिलाड़ियों को तरजीह देती है जो बल्लेबाज़ी के साथ-साथ गेंदबाज़ी का भी विकल्प दे सकें। अभिषेक इस श्रेणी में सटीक बैठते हैं क्योंकि वह एक उपयोगी बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ भी हैं। दूसरा उनका मौजूदा फ़ॉर्म और बेजोड़ स्ट्राइक रेट से विपक्षी टीम को हक्का बक्का कर देना। अभिषेक ने भारत के लिए आख़िरी T20I में 54 गेंदों पर 135 रनों की आतिशी पारी खेली थी और फिर गेंदबाज़ी करते हुए 3 रन देकर 2 विकेट भी झटके थे। ऐसे में गिल के साथ उनका पारी का आग़ाज़ करना बहुत हद तक मुमकिन हैं, साथ ही बाएं हाथ के बल्लेबाज़ होने की वजह से गिल के साथ लेफ़्ट-राइट का कॉम्बिनेशन भी उनका पलड़ा भारी करता है।
दूसरी तरफ़ संजू सैसमन पिछले 10 T20I में भारत के लिए ज़रूर तीन शतक लगा चुके हैं, लेकिन IPL 2025 में चोट की वजह से वह RR के लिए नौ ही मुक़ाबला खेल पाए थे। IPL 2025 में सैमसन ने नौ पारियों में एक अर्धशतक के साथ 285 रन ही बनाए थे। इसके अलावा इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खेली गई आख़िरी T20I सीरीज़ में उनका प्रदर्शन बेहद साधारण रहा था, उन्होंने पांच पारियों में महज़ 10.20 की औसत से 51 रन ही बनाए थे। सैमसन उस सीरीज़ में जोफ़्रा आर्चर और दूसरे तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ तेज़ और शॉर्ट पिच गेंदों पर असहज दिखे थे। ऐसे में गिल के लिए उनका ओपनिंग स्लॉट जा सकता है।

प्लेइंग-XI से भी सैमसन हो सकते हैं बाहर

सिर्फ़ ओपनिंग स्लॉट ही नहीं, सैसमन के लिए अब प्लेइंग-XI में जगह बचाना भी मुश्किल मालूम पड़ता है। गिल और अभिषेक अगर सलामी बल्लेबाज़ की भूमिका निभाते हैं तो सैमसन के लिए नंबर-3 पर खेलना भी संभव नहीं दिखता, क्योंकि नंबर-3 पर तिलक वर्मा का खेलना क़रीब-क़रीब तय है। तिलक ने अपने T20I करियर में कुल 24 पारियां खेली हैं जिसमें से 13 बार वह नंबर-3 पर ही आए हैं, इतना ही नहीं नंबर-3 पर खेलते हुए उन्होंने 55.37 की बेहतरीन औसत और 169.37 के स्ट्राइक रेट से 443 रन बनाए हैं जिसमें दो शतक और दो अर्धशतक भी शामिल हैं। ऐसे में सैमसन के लिए अब मध्यक्रम या फ़िनिशर के तौर पर ही खेलने का विकल्प बचता है लेकिन आंकड़े कहते हैं कि सैमसन के लिए नंबर 4 से 7 का स्थान उनके अनुकूल नहीं रहा है। सैमसन ने मध्यक्रम (4-7) में 22 मैचों में 20.40 की औसत और 123.88 के स्ट्राइक रेट से 306 रन ही बनाए हैं जिसमें केवल एक पचासा शामिल है।
सैमसन के लिए ये चुनौती और भी कठिन तब हो जाती है जब दल में जितेश शर्मा के तौर पर एक और विकेटकीपर भी मौजूद है। सैमसन के ठीक उलट जितेश की ख़ासियत है नीचे आकर फ़िनिशर के तौर पर टीम के लिए आक्रामक रन बनाना। जितेश ने भारत के लिए आख़िरी T20I अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ जनवरी, 2024 में खेला था। अब तक वह भारत के लिए नौ T20I खेल चुके हैं और इनमें रन सिर्फ़ 100 आए हैं लेकिन ये रन उन्होंने नीचे आते हुए 147.05 के स्ट्राइक रेट से बनाए हैं। साथ ही साथ IPL 2025 में उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को चैंपियन बनाने में अहम योगदान दिया था। जितेश ने 15 मैचों में 37.28 की औसत और 176.35 के स्ट्राइक रेट से 261 रन बनाए थे। जितेश का नीचे आकर आतिशी अंदाज़ में पारी को समाप्त करने का हुनर हो सकता है उन्हें सैसमन से ऊपर प्लेइंग-XI में जगह दिला दे।
गिल की वापसी सैमसन के लिए ख़तरा ज़रूर है लेकिन इसके पीछे टीम मैनेजमेंट की एक सोच ये भी है कि गिल को ऑल फ़ॉर्मैट कप्तान के तौर पर तैयार किया जाए। भारतीय टीम थिंक टैंक कभी भी सभी फ़ॉर्मैट के अलग-अलग कप्तानों में विश्वास नहीं रखता है, लिहाज़ा आने वाले समय में गिल अगर सभी प्रारुपों के कप्तान बन जाएं तो हैरानी नहीं होगी और उसी कड़ी में ये पहला क़दम समझा जा सकता है।

सैयद हुसैन ESPNCricinfo हिंदी में एंकर कम प्रोड्यूसर हैं।@imsyedhussain