स्पिनरों के आपस में सात विकेटों बांटते हुए भारत ने सीरीज् के पहले मैच में छह विकेट से जीत हासिल की, एक ऐसी पिच पर जहां पर गेंद टर्न हो रही थी और यह मैच केवल 71.5 ओवर तक चला। जनवरी 2019 के बाद यह पहली बार था जब भारत के स्पिनरों ने वनडे मैच में पांच से अधिक विकेट लिए, लेकिन भारत अपने तेज़ गेंदबाज़ों से भी उतना ही प्रभावित होगा जिससे वेस्टइंडीज़ 176 रन ही बना सकी।
वापसी कर रहे वॉशिंगटन सुंदर ने वेस्टइंडीज़ के नुकसान की शुरुआत की, युज़वेंद्र चहल ने चार विकेट लेकर बल्लेबाज़ी की कमर तोड़ दी, लेकिन मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा के स्पैल भी ख़तरनाक थे। 2019 विश्व कप के बाद से पावरप्ले में भारत ने जो 46 डॉट गेंद फेंकी, वह उनके द्वारा सबसे अधिक थी, जिसका श्रेय सिराज के 5-2-13-1 के शुरुआती स्पैल को जाता है। कृष्णा ने अपने बाद के स्पैल में विकेट लिए।
भारत अपने 1000वें वनडे में नए रूप के गेंदबाज़ी आक्रमण के साथ उतरा। दूसरी पंक्ति के साथ श्रीलंका दौरे को अलग रखें तो यह पहली बार था जब भारत दिसंबर 2020 के बाद से न तो भुवनेश्वर कुमार और न ही दीपक चाहर के साथ वनडे मैच में उतरा। इसके बजाय भारत ने ऐसे गेंदबाजों को चुना जो हिट द डेक गेंदबाज़ी करते हैं। जैसा कि इंग्लैंड सीमित ओवरों के क्रिकेट में अंतर पैदा करने के लिए करता आया है। मददगार सतह पर स्पिनरों ने मौक़े को भुनाया तो सिराज और कृष्णा ने वही किया जिसकी भारत को उम्मीद थी।
यह दृष्टिकोण में एकमात्र परिवर्तन नहीं था। छोटे लक्ष्य का पीछा करने उतरे नए कप्तान रोहित शर्मा ने पहले 10 ओवर में 46 रन बनाए, यह उनके पहले 10 ओवरों में वनडे में सबसे ज़्यादा रन हैं। हाल के वनडे मैचों में भारत के मुद्दों में से एक यह रहा है कि उनका शीर्ष क्रम बहुत रूढ़िवादी है, जिससे यह अनिवार्य हो जाता है कि वे अधिकांश पारियों में बल्लेबाज़ी करें अन्यथा मध्य क्रम के लिए बहुत कुछ करना रह जाता है। मेज़बानों के पास अपने शुरुआती बल्लेबाज़ों में से एक शिखर धवन नहीं थे, अब यह देखना दिलचस्प होने वाला था कि इशान किशन इस छोटी से मौक़े को कैसे भुनाते हैं, लेकिन यह रोहित ही थे उन्होंने शुरुआत में ही रन बनाने की पहल की, जिससे भारत को एक ऐसी शुरुआत मिली, भारत को बीच में झटके भी लगे लेकिन वह परेशानी नहीं खड़ी कर सके।
दिन की शुरुआत सिराज ने अच्छी गति से कठिन लेंथ की गेंदबाज़ी के साथ की। एक कड़ी शुरुआत के बाद शाई होप ने उन्हें तीसरे ओवर में लगातार बाउंड्री के लिए खदेड़ दिया, केवल एक बार उन्होंने ओवर पिच किया था। तीसरी गेंद समान लंबाई की थी, लेकिन वोबल सीम के साथ थी, गेंद पिच हुई होप के बल्ले के अंदरूनी हिस्से पर लगकर स्टंप्स पर जा टकराई।
कृष्णा के तीन ओवर के बाद रोहित वॉशिंगटन के पास गए, जो टी20 क्रिकेट में गेंदबाज़ी करने के काफ़ी अभ्यस्त हैं। पहली गेंद उन्होंने डैरेन ब्रावो को फेंकी, यह एंगल के साथ अंदर आ रही थी, वह सिंगल लेने के लिए चले लेकिन गेंद बहुत अधिक टर्न हो गई और पैड पर जा लगी, एलबीडब्ल्यू की अपील नहीं की गई क्योंकि गेंद ऑफ़ स्टंप को मिस कर जाती।
एक बार पिच में टर्न आने के बाद वेस्टइंडीज़ के लिए वॉशिंगटन की सटीकता का जवाब देना मुश्किल होने वाला था। ब्रावो ने अपनी पहली 13 गेंदों का सामना किया और किसी तरह बच गए, लेकिन दाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज ब्रैंडन किंग पहली ही गेंद पर सामना करते हुए अपना विकेट खो बैठे। मिडविकेट पर खेलने के प्रयास में उन्होंने बल्ले का मुंह जल्दी बंद कर लिया और शॉर्ट मिडविकेट पर वह लपके गए। उसी ओवर में ब्रावो एलबीडब्ल्यू पर आउट हुए, यह गेंद ज़्यादा टर्न नहीं हुई, एक ऐसी गेंद पर जो टर्निंग विकेट पर अधिक नुकसान करती हैं।
इसके बावजूद भारत लालची नहीं हुआ। उन्होंने कभी भी एक साथ स्पिनरों को गेंदबाज़ी नहीं दी। वॉशिंगटन के 6-1-21-2 के स्पैल के बाद, चहल और भी विनाशकारी परिणाम लेकर आए। चहल की पहली गेंद पर निकोलस पूरन ने स्वीप किया, गेंद उनकी पहुंच से कम हो गई और वह सामने फंस गए। चहल ने इसके बाद पोलार्ड को एक धीमी गति से डिलीवरी के साथ चिढ़ाया, एक बड़े ड्राइव के मज़बूर किया और वह गुगली पर एक ग़लत शॉट खेल बैठे और बोल्ड हो गए। हैट्रिक की गेंद पर होल्डर का अंदरूनी किनारा लगा लेकिन यह गेंद शॉर्ट लेग से थोड़ा आगे गिर गई।
जल्द ही चहल ने शमार ब्रूक्स के डिफेंसिव सोच को परखते हुए सटीक लेग ब्रेक डाली जो उनके बल्ले का महीन किनारा लेती हुई विकेटकीपर के दस्तानों में पहुंच गई। दूसरे छोर पर कृष्णा ने लेंथ स्तर पर गेंदबाज़ी करते हुए दबाव बनाए रखा। 23वें ओवर में एक शॉर्ट गेंद, जो नीचे रही और अकील हुसैन को एलबीडब्ल्यू करने से चूक गई, लेकिन अगली गेंद एक टेनिस-बॉल उछाल के साथ खड़ी हो गई और बल्ले का किनारा लेती हुई पंत के दस्तानों में समां गई।
जेसन होल्डर और फ़ेबियन ऐलेन ने हालांकि 78 रनों की साझेदारी से पारी को कुछ हद तक बचाया, लेकिन 38वें ओवर में वॉशिंगटन ने ऐलेन का रिटर्न कैच लपक लिया। भारत के लिए अंतिम संतोष की बात यह होगी कि कृष्णा वापस आए और उसी कठिन लेंथ पर होल्डर को आउट कर दिया।
वेस्टइंडीज़ के पास काम करने के लिए बहुत कुछ नहीं था, लेकिन यह भी स्पष्ट था कि उन्होंने सिराज और कृष्णा के अनुशासन की तरह गेंदबाज़ी नहीं की। रोच पैड में लगातार गेंदबाज़ी करते रहे और होल्डर ओवर पिच करते रहे और रोहित अपने काम में लगे रहे। जल्द ही रोहित ने रोच पर चिपिंग और पुल करना शुरू कर दिया।
यह अल्ज़ारी जोसेफ थे जिन्होंने रोहित को 51 गेंद पर 60 बनाकर पवेलियन भेजा। उसी ओवर में, एक असामान्य रूप से अस्थिर विराट कोहली दो चौके मारने के बाद डीप स्क्वायर लेग पर छक्का लगाने के प्रयास में आउट हो गए। ऋषभ पंत, सूर्यकुमार यादव की स्ट्रेट ड्राइव पर बदकिस्मती से रन आउट हो गए। 32 रन पर चार विकेट खोने के बावजूद, रोहित की तेज़ शुरुआत की बदौलत भारत नियंत्रण में था।
ज़रूरी रन रेट को ज़्यादा नहीं बढ़ाते हुए सूर्यकुमार और दीपक हुड्डा ने भारत को 22 ओवर बचे रहते जीत दिला दी।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।