चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीचे खेले गए मैच के दौरान एक समय ऐसा आया जब, महेश थीक्षाना सोच रहे थे कि उन्हें कहां फ़ील्डिंग करनी है। वह नए कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ का ध्यान खींचने की कोशिश करते हुए, फ़ाइन लेग के पास इधर-उधर घूम रहे थे। और धीरे-धीरे सीमा रेखा की तरफ़ आगे बढ़ रहे थे।
हालांकि ऋतुराज मिड ऑफ़ पर थे और वह गेंदबाज़ तुषार देशपांड के साथ बात कर रहे थे। हालांकि जब तक कप्तान का ध्यान उन पर जाता, थीक्षणा को एम एस धोनी ने बता दिया था कि उन्हें कहां फ़ील्डिंग करनी है।
थीक्षणा को धोनी ने फ़ाइन लेग सीमा रेखा पर भेजा था। हालांकि जब तक कप्तान ने धोनी की बात पर सहमति नहीं जताई, थीक्षणा ने थोड़ा इंतेज़ार भी किया। कुल मिला कर यह टीम एक व्यक्ति के विचारों का विस्तार कर रही है। एक ऐसा व्यक्ति जिनके व्यक्तित्व की सराहना करोड़ो लोग करते हैं। और अब तक धोनी की जगह किसी ने भी नहीं ली थी और पिछली बार जब उनकी जगह पर किसी खिलाड़ी को रखने का प्रयास किया गया तो वह प्रयास विफल साबित हुआ था।
स्टीफ़न फ्लेमिंग ने प्री-मैच प्रेस कॉन्फ्रे़ंस में कहा कि एमएस धोनी में क्रिकेट के प्रति ऐसी समझ है कि उनके विचारों को दरकिनार करना असंभव है। साथ ही उनकी बातों पर ध्यान न देना मूर्खता होगी। शुक्रवार को गेंदबाज़ी के लिए आने से ठीक पहले रवींद्र जाडेजा ने धोनी से बातचीत की।
उन्होंने शानदार गेंदबाज़ी की। तीनों स्पैल में उन्होंने अपना कौशल दिखाया। वह आम तौर पर जितनी तेज़ गेंदबाज़ी करते हैं, आज उससे कहीं ज़्यादा तेज़ गति से गेंदबाजी कर रहे थे। उन्होंने सटीक लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाज़ी की। इसके अलावा वह अपनी धीमी गेंदों का काफ़ी अच्छा प्रयोग कर रहे थे।
मुस्तफिज़ुर की गेंदबाज़ी पर दिनेश कार्तिक
मैच के दौरान भी धोनी फ़ील्ड सेट करते हुए काफ़ी सक्रिय थे। हालांकि यह कहना सही नहीं होगा कि वह फ़ील्ड सेट कर रहे थे, बल्कि वह यह चाह रहे थे कि अगर किसी खिलाड़ी को किसी स्थान पर भेजा गया है तो वह सही स्थान और सही एंगल पर खड़ा रहे।
पिछले सीज़न भी धोनी ने कहा था कि कभी-कभी फ़ील्डर को एक या दो मीटर इधर-उधर खड़ा होना पड़ता है। इसी कारण से फ़ील्डरों के लिए यह ज़रूरी है कि वह उनकी तरफ़ देखते रहें। शायद इस साल भी चेन्नई की टीम में भी ऐसा ही होने वाला है।
उद्घाटन समारोह से लेकर पूरे मैच में ऐसा प्रतीत हो रहा था कि कई पुराने चीज़ों की पुनरावृति हो रही है। उद्घाटन समारोह में कई पुराने बॉलीवुड गानों का प्रयोग किया गया। साथ ही मैच का परिणाम भी ठीक वैसा ही था, जैसा काफ़ी समय से चेपॉक में खेले गए, RCB और CSK के मैच में होता आया है। CSK की टीम के लिए चेपॉक के मैदान पर यह लगातार आठवीं जीत थी। हालांकि पुरानी चीज़ों से हट कर उनकी टीम में कुछ अलग भी देखने को मिला।
CSK की टीम में कुछ चार खिलाड़ियों को डेब्यू कैप दिया गया। पिछले सीज़न को अगर देखा जाए तो वहां पूरे सीज़न के दौरान सिर्फ़ पांच ही खिलाड़ियों का डेब्यू हुआ था। हालांकि कल के मैच में हुए बदलावों के पीछे एक बड़ा कारण यह था कि CSK के कई पुराने खिलाड़ी चोटिल हैं।
कुल मिला कर यह ज़रूर कहा जा सकता है कि CSK की टीम बदल रही है। हालांकि उनके पास इसके इतर और कोई रास्ता भी नहीं है।
वहीं ऋतुराज भी अपनी कप्तानी का पूरा आनंद लेने का प्रयास कर रहे थे। पहले कुछ ओवरों के दौरान उन्होंने लगभग छह फ़ील्ड चेंज़ किए। उनमें से एक बदलाव ने मैच पर काफ़ी गहरा असर डाला, जो उन्होंने मुस्तफ़िजुर रहमान के साथ मिल कर लिया था। उस फ़ैसले में उन्होंने थर्डमैन को ऊपर बुलाया था और कवर के फ़ील्डर को पीछे भेजा था। यह फ़ैसला इस कारण से लिया गया था कि बल्लेबाज़ को मिल रहे आसान रनों का सिलसिला बंद हो जाए। इससे उनकी टीम को फ़ायदा भी मिला और आक्रामक शैली में बल्लेबाज़ी कर रहे फ़ाफ़ डुप्लेसी भी उसी तरफ़ हवाई शॉट लगाने के प्रयास में कैच आउट हो गए।
पहले विकेट के पतन के बाद RCB की टीम ने काफ़ी धीमी गति से रन बनाए और इसका सबसे बड़ा कारण मुस्तपफिज़ुर की शानदार गेंदबाज़ी थी। अपने स्पेल के पहले दो ओवर में उन्होंने सिर्फ़ सात रन देकर चार विकेट लिए। अगर मुस्तिफिज़ुर एक और विकेट ले लेते तो वह एल बालाजी के बाद चेन्नई के लिए पांच विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज़ बन जाते।
अक्सर जब हम मुस्तफिज़ुर और धोनी को एक साथ याद करने का प्रयास करते हैं तो हमें वह वाक़्या याद आता है, जहां इन दोनों खिलाड़ियों के बीच टक्कर हुई थी। हालांकि इस बार देखा गया कि धोनी मुस्तफिज़ुर की पीठ थपथपा रहे हैं।
RCB के बल्लेबाज़ और चेन्नई के रहने वाले दिनेश कार्तिक ने कहा, "उन्होंने शानदार गेंदबाज़ी की। तीनों स्पैल में उन्होंने अपना कौशल दिखाया। वह आम तौर पर जितनी तेज़ गेंदबाज़ी करते हैं, आज उससे कहीं ज़्यादा तेज़ गति से गेंदबाजी कर रहे थे। उन्होंने सटीक लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाज़ी की। इसके अलावा वह अपनी धीमी गेंदों का काफ़ी अच्छा प्रयोग कर रहे थे। इस पिच पर उतनी स्पिन नहीं थी, जिसकी हम अक्सर अपेक्षा करते हैं। यहां गेंद स्किड कर रही थी और यह बल्लेबाज़ी के लिए काफ़ी अच्छी थी।"
मैच के अंतिम क्षणों में शिवम दुबे के ख़िलाफ़ RCB ने पगबाधा की अपील की गई और इस अपील में पूरा स्टेडियम RCB की टीम साथ अपील कर रहा था। वह चाह रहे रहे थे कि शिवम पवेलियन चले जाएं और नंबर सात का बल्लेबाज़ एक बार फिर से मैदान पर कदम रखें और उनकी एक झलक देखने को मिल जाए।
चेन्नई की टीम में काफ़ी चीज़ें बदल रही हैं, काफ़ी चीज़ें पुरानी भी हैं। धोनी ने जैसे ही मैदान पर अपना पहला कदम रखा तो वहां मौजूद सभी लोगों उनका जम कर स्वागत किया। कीपिंग के दौरान दोनी ने दो कैच लिया और एक रन आउट भी किया। कुल मिला कर वह अपने प्रदर्शन से काफ़ी ख़ुश होंगे। हालांकि एक बात तो यह ज़रूर है कि इस मैच का हेडलाइन किसी और खिलाड़ी के लिए लिखा जा रहा था।