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साउथ अफ़्रीका की लीग एसए20 में क्या अलग है?

सबसे महंगा कौन बिका? पुरस्कार राशि क्या है? सब कुछ जानिए

Aiden Markram, Wayne Parnell, Rashid Khan, David Miller, Faf du Plessis and Quinton de Kock with the SA20 trophy, Cape Town, January 7, 2023

एसए20 ट्रॉफ़ी के साथ ऐडन मारक्रम, वेन पार्नेल, राशिद ख़ान, डेविड मिलर, फ़ाफ़ डुप्लेसी और क्विंटन डिकॉक  •  SA20

साउथ अफ़्रीका ने तीन बार फ़्रैंचाइज़ी टी20 टूर्नामेंट शुरू करने का प्रयास किया और तीसरे प्रयास में आख़िरकार उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया। न ये ग्लोबल टी20 है, न ज़ांसी सुपर लीग, यह है एसए20, जो मंगलवार से शुरू होने जा रहा है। आइए इस नए लीग के बारे में आपको बारीकी से बताते हैं।

अगर ये टी20 टूर्नामेंट है तो इसके नाम में टी कहां गायब है?
सही पकड़े आप। ख़ैर, इस टी20 टूर्नामेंट में न सिर्फ़ टी बल्कि इसमें प्रीमियर या लीग शब्द भी नहीं है। दरअसल यह नामकरण को लेकर नया प्रयोग है। असल में एसए20 के कमिश्नर ग्रीम स्मिथ ने कहा कि उन्होंने अलग दिखने के लिए ख़ास तौर पर टी को हटा दिया।

तो इसमें क्या अलग है?
देखा जाए तो कुछ नहीं। यहां तक कि टी के बिना भी, यह टी20 टूर्नामेंट ही है और काफ़ी हद तक वैसा ही है जैसा आपने दूसरी टी20 लीगों के बारे में सुना होगा। इसमें कुल छह टीमें हैं और वे राउंड-रॉबिन चरण खेलेंगी, जिसमें प्रत्येक टीम एक-दूसरे से एक मैच घर पर और एक बाहर खेलेगी। राउंड-रॉबिन चरण के बाद सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल होगा। प्री-टूर्नामेंट नीलामी हुई और प्रत्येक टीम को 18 खिलाड़ियों के दल की अनुमति है, जिनमें से अधिकांश साउथ अफ़्रीकी हैं। मैच के दिन प्रत्येक टीम को अपनी प्लेइंग-XI में तीन विदेशी खिलाड़ियों को उतारने की अनुमति होगी।

यह थोड़ा आईपीएल की तरह लग रहा है …
पैसों का खेल है बाबू भैया! सभी छह टीमों का मालिकाना हक़ आईपीएल फ़्रैंचाइज़ियों के पास है और उन्होंने साउथ अफ़्रीकी शहरों के अनुसार अपने आकर्षक नामों को भी बदला है। और ये टीमे हैं - जोबर्ग सुपर किंग्स, प्रिटोरिया कैपिटल्स, डरबन सुपर जायंट्स, सनराइज़ेज़ ईस्टर्न केप, पार्ल रॉयल्स और हरेक की पसंदीदा माय केप टाउन।

तब तो इसका मतलब है कि इसमें बड़ा पैसा बहा होगा, है ना?
आपने सही कहा। आईपीएल टीमों की बड़ी बोलियां एक कारण रही कि साउथ अफ़्रीका का कोई भी कारोबारी इस लीग में टीम ख़रीदने में सक्षम नहीं था। हालांकि आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन यह बताया गया है कि सभी फ़्रैंचाइज़ियों को एक मिलियन डॉलर से अधिक में ख़रीदा गया था, जिसमें सबसे महंगा जोहैनेसबर्ग और केप टाउन था, जिनकी कथित तौर पर प्रत्येक की क़ीमत 28 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी। और अच्छी ख़बर यह है कि ये निवेशक पहले साल की शुरुआत में ही रिटर्न की आशा कर सकते हैं। भारत में अच्छा प्रसारण डील और इसके बाद अन्य ग्लोबल टेलीविज़न प्रदाताओं के साथ, लीग को पहले साल की शुरुआत में पैसा बनाने की उम्मीद है, भले ही सीएसए ने शुरुआत में भविष्यवाणी की थी कि इसमें पांच साल लगेंगे। 4 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की पुरस्कार राशि की पेशकश की जा रही है। साथ नीलामी में बड़ी राशि भी ख़र्च किए गए थे। ट्रिस्टन स्टब्स 520,000 अमेरिकी डॉलर (साउथ अफ़्रीकी मुद्रा में 9.2 मिलियन रैंड) में सबसे महंगे बिके थे।

सुने थे साउथ अफ़्रीका के सीमित ओवरों के कप्तान तेम्बा बवूमा नहीं बिके थे?
आपने दुखती रग पर हाथ रख दी। बवूमा का बेस प्राइस 50,000 अमेरिकी डॉलर था। वह लंबे समय तक चोटिल रहने और ख़राब फ़ॉर्म के का कारण नीलामी में नहीं बिके। नीलामी के समय कोहनी की चोट से पीड़ित होने के कारण बवूमा ने तीन महीने से अधिक समय तक प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेला था और उनका टी20 अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड अच्छा नहीं था। उन्होंने खेले 25 मैचों में 26.86 की औसत से रन बनाए थे और सबसे ग़ौर करने वाली बात, उनका स्ट्राइक रेट 120.60 का था। फिर भी उन्होंने टूर्नामेंट में अनदेखी किए जाने पर निराशा व्यक्त की थी। और फिर बात बिगड़ गई। बवूमा ने ऐक्शन में लौटने पर संघर्ष किया। वह भारत के ख़िलाफ़ तीन मैचों की सीरीज़ में दो बार शून्य और 3 के स्कोर पर चलते बने थे और पांच टी20 विश्व कप मैचों में उन्होंने 100 से कम की स्ट्राइक रेट से 70 रन बनाए।

तब से इस बात पर सवालिया निशान लगे हैं कि क्या एक बल्लेबाज़ के रूप में वह साउथ अफ़्रीका की टी20 टीम में जगह पाने के योग्य हैं, कोई बात नहीं कि उन्हें कप्तानी करनी चाहिए या नहीं।। यह देखते हुए कि बवूमा साउथ अफ़्रीका के पहले अश्वेत अफ़्रीकी कप्तान हैं और उन्होंने टीम के सबसे कठिन समय में नेतृत्व किया है।

लेकिन वह अकेले नहीं हैं जिन्हें नज़रअंदाज किया गया। डीन एल्गर और कीगन पीटरसन उन नामी साउथ अफ़्रीकी खिलाड़ियों में शामिल हैं जो बाहर बैठेंगे। ऑलराउंडर एंडिले फेहलुकवायो भी नीलामी में नहीं बिके थे, लेकिन पार्ल रॉयल्स ने उन्हें वाइल्ड कार्ड खिलाड़ी के रूप में अपनी टीम में शामिल किय था।

इसमें साउथ अफ़्रीकी शहरों का प्रतिनिधित्व कैसा है?
साउथ अफ़्रीका का एक पूरा क्षेत्र एसए20 से पूरी तरह से अलग हो गया है क्योंकि यह हाई-प्रोफ़ाइल क्रिकेट से तेज़ी से अलग होता जा रहा है। ब्लॉमफ़ॉन्टेन और किम्बर्ले जैसै शहरों वाले मध्य क्षेत्र, जिसमें फ़्री स्टेट प्रांत शामिल है, की एक भी एसए20 टीम नहीं है और वह किसी भी मैच की मेज़बानी नहीं करेगा या इस आयोजन में कोई भूमिका नहीं निभाएगा। यह देखते हुए कि नाइट्स कहे जाने वाले ब्लोमफ़ॉन्टेन-किम्बर्ले फ़्रैंचाइज़, साउथ अफ़्रीका के पूर्व शीर्ष स्तर की छह फ़्रैंचाइज़ियों में से एक थी और फ्री स्टेट प्रांतीय टीम वर्तमान घरेलू संरचना के डिवीज़न 1 में खेलती है, यह काफ़ी अपमानजनक है।

यद्दपि मध्य क्षेत्र देश का सबसे आकर्षक हिस्सा शायद नहीं है, इसने एलन डोनाल्ड सहित देश के कुछ बेहतरीन क्रिकेटर दिए हैं और यह ग्रे कॉलेज जैसे देश के कुछ शीर्ष क्रिकेट स्कूलों का घर है। क्या उस प्रतिभा को अन्य क्षेत्रों में समाहित किया जा रहा है या पूरी तरह से उपेक्षित किया जा रहा है, यह देखा जाना बाक़ी है, लेकिन अभी के लिए फ़्री स्टेट के 30 लाख लोग एसए20 की कोई चकाचौंध और चमक नहीं देख पाएंगे, लेकिन उनके लिए सांत्वना यह है कि 27 जनवरी से 1 फ़रवरी के बीच इंग्लैंड के ख़िलाफ़ तीन विश्व कप सुपर लीग वनडे खेले जाएंगे।
एक मिनट, एसए20 के बीच में वनडे है?
हां हैं और इसे टालना मुश्किल था। ये वे मैच हैं जिन्हें नवंबर 2020 में स्थगित कर दिया गया था जब साउथ अफ़्रीका और इंग्लैंड दोनों के कैम्प में कोविड -19 का मामला देखा गया था और बीटा वैरिएंट की खोज के परिणामस्वरूप इंग्लैंड जल्दी घर चला गया था। न केवल इन मैचों से प्रसारण राट्स से एक बड़ा वित्तीय सहायता मिलेगा, बल्कि साउथ अफ़्रीका को 2023 विश्व कप के लिए स्वत: क्वालिफ़ाई करने के लिए कम से कम एक मैच जीतना ज़रूरी है। साउथ अफ़्रीका अभी तालिका में 11वें स्थान पर है और ऑस्ट्रेलिया में तीन वनडे हारने के बाद उनके पास केवल पांच मैच शेष हैं। उन्हें आठवें स्थान पर आने के लिए उन पांच मैचों में से कम से कम तीन मैचों में जीत हासिल करनी होगी और यदि वे ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो वे जून में क्वालिफ़ाईंग इवेंट के लिए ज़िम्बाब्वे जाएंगे।

और आख़िरकार यह सब साउथ अफ़्रीकी क्रिकेट के लाभ के लिए है?
हम उम्मीद कर सकते हैं, क्योंकि क्रिकेट साउथ अफ़्रीका को निश्चित तौर पर इसकी ज़रूरत है। 2017 और 2019 के बीच सीईओ के रूप में थबांग मोरो के व्यर्थपूर्ण कार्यकाल के कारण यह संगठन काफ़ी वित्तीय दबाव में है, जब उन्होंने अपने लगभग सभी प्रायोजकों को भी खो दिया। राष्ट्रीय पुरुष टीम और तीनों घरेलू प्रतियोगिताएं कॉर्पोरेट समर्थन के बिना बनी हुई हैं और सीएसए को दो साल नुक़सान हुआ है, जिसके बाद उन्हें इस साल भी नुक़सान होगा। सीएसए का नकद भंडार इतना कम है (कुछ साल पहले एक अरब रैंड से कम होकर अब सिर्फ़ करोड़ों में है) कि कुछ अंदरूनी सूत्रों का अनुमान है कि वे एक या दो साल से अधिक नहीं गुज़ारा कर पाएंगे, जब तक कि कुछ जल्द ही खजाने को नहीं भरती है।

लेकिन बात सिर्फ़ पैसों की नहीं है। साउथ अफ़्रीकी क्रिकेट में मनोबल सर्वकालिक निम्न स्तर पर है। टेस्ट टीम ऑस्ट्रेलिया में बेहद ख़राब प्रदर्शन कर रही है । देश को आनंद के एक इंजेक्शन की ज़रूरत है और एक ऐसी जगह जहां खिलाड़ी खेल की पुरानी शैली से बाहर निकल सकें जो खेल पर हावी हो गई है और अधिक सक्रिय और मनोरंजक तरीक़े से आगे बढ़ सकें।

आईएलटी20, बीपीएल, बीबीएल भी इस टूर्नामेंट के साथ हो रहे हैं, तो इस पर हम कैसे नज़र रखेंगे?
आप हमसे पूछ रहे हैं! हम जो एकमात्र सलाह दे सकते हैं, वह आपके कैलेंडर को और भी जटिल बना देगी। पहला अंडर -19 महिला टी20 विश्व कप, भारत में न्यूज़ीलैंड की सीरीज़, ज़िम्बाब्वे में आयरलैंड की सीरीज़, ऑस्ट्रेलिया और भारत दौरे पर पाकिस्तान महिला टीम की सीरज़ और साउथ अफ़्रीका में वेस्टइंडीज़ महिला टीम की सीरीज़ सभी एक ही समय पर हैं। आनंद लीजिए।

फ़िरदौस मूंडा ESPNcricinfo की साउथ अफ़्रीकी संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।