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शेफ़ाली वर्मा हैं सीनियर क्रिकेट की स्टार, लेकिन अंडर-19 विश्व कप उन्हें बहुत कुछ सीखा रहा है

2020 टी20 विश्व कप फ़ाइनल में हार का स्वाद चखने वाली शेफ़ाली साउथ अफ़्रीका में कप्तानी और गेंदबाज़ी के ज़रिए एक बेहतर खिलाड़ी बन रहीं हैं

तारीख़ 8 मार्च, 2020 और स्थान था मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड। टी20 विश्व कप में भारत की ओर से सर्वाधिक रन बनाने के बावजूद फ़ाइनल में भारतीय पारी की तीसरी गेंद पर आउट होकर 16 वर्षीय शेफ़ाली वर्मा ख़ुद को रोने से रोक नहीं पा रहीं थीं।

इस हार के कुछ दिन बाद कोविड-19 के चलते दुनिया बदल सी गई। तीन साल बाद, भारत एक और टी20 विश्व कप फ़ाइनल का हिस्सा है और शेफ़ाली भी बदल सी गईं हैं।

फ़ाइनल की पूर्व संध्या पर शेफ़ाली ने 19 साल पूरे किए। इस अंडर-19 विश्व कप में 74 बार भारत के लिए खेल चुकी शेफ़ाली सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं और 16 टीमों में सबसे आसानी से पहचाने जाने वाला चहरा भी उन्हीं का है। हालांकि उनके चयन के साथ ही यह विवाद छिड़ा था कि क्या भारत को उन्हें साउथ अफ़्रीका लाने की ज़रूरत भी थी? क्या शेफ़ाली के शामिल नहीं होने से भारत जीत का बड़ा दावेदार नहीं होता?

ऑस्ट्रेलिया के लिए दो बार विश्व कप जीतने वाली खिलाड़ी और कोच जुलिया प्राइस का इस बारे में कहना है, "यह उनके लिए इस टूर्नामेंट और महिला क्रिकेट के लिए एक अच्छा फ़ैसला है। सीनियर खिलाड़ी होने का अनुभव उनके लिए अच्छा रहेगा। उन्हें खिलाड़ियों को संभालने, कप्तानी, लोगों से बात करने, चयन और टीम प्रबंधन के मामलों में योगदान देना होगा, जो शायद सीनियर टीम में नहीं होता होगा। यह गेम को अनुभव करने का एक अलग ही तरीक़ा है।"

शेफ़ाली का ख़ुद इस बारे में कहना है, "आप मैच में हर पल जुड़े रहते हैं। आपका दिमाग़ हमेशा सक्रीय रहता है और मैं अपने साथियों से हर पल कुछ नया सीख रही हूं। यहां सब बातें सुनते हैं और यह मुझे याद दिलाता है कि मुझे भी अपने कप्तान की बात को सुनना होगा। कई बार आप अपना काम करने के बाद स्विच ऑफ़ कर जाते हैं लेकिन आपको प्लान के प्रति समर्पित रहना पड़ता है। बतौर कप्तान आप गेम से अपना मन कभी हटा ही नहीं सकते।"

शेफ़ाली को टीम चयन के महत्व का भी अच्छा अनुभव मिला है। भारत ने एक मैच में तो छह बदलाव कर दिए थे और शेफ़ाली ने जीत के बाद भी गेंदबाज़ी क्रम में बदलाव करने की योजना बनाई है। शेफ़ाली कहती हैं, "आपको समझ आता है कि कुछ खिलाड़ी बार-बार क्यों पिक किए जाते हैं या कोई और क्यों हर बार ड्रॉप होती है। मैं रोज़ मुख्य कोच [नुशीन अल ख़दीर] के साथ बैठकर प्लेइंग XI के बारे में बातचीत कर रही हूं। मुझे पता चल रहा है कि आप भले अच्छा खेल रहे हों, अगर आप टीम के लिए विशेष रोल अदा नहीं कर पा रहे तो आपको ड्रॉप किया जा सकता है।"

कप्तानी के अलावा शेफ़ाली का मुख्य काम बल्लेबाज़ी है। उन्होंने पहले दो मैचों में 45 और 78 की तेज़ पारियां खेलीं थीं लेकिन उसके बाद से चार पारियों में 34 रन बनाए हैं। प्राइस ने कहा, "ऐसा नहीं है कि अंडर-19 विश्व कप होने से आपको ख़राब स्तर की गेंदबाज़ी मिलेगी। इस दर्जे पर खिलाड़ी सीनियर स्तर से अधिक तेज़ी से दौड़ते हैं। आपको यहां भी काफ़ी कुछ सीखने को मिलता है और ऐसा नहीं कि यहां सिर्फ़ स्पिनर ही गेंदबाज़ी करते हैं।"

पूर्व पाकिस्तान ऑलराउंडर मरीना इक़बाल ने कहा, "स्कॉटलैंड के ख़िलाफ़ आउट होकर उनकी निराशा देखने लायक थी। सीनियर टीम में शायद उन्हें ऐसा महसूस नहीं होता होगा। यहां वह एक पारी की रचना करना सीखेंगी। वह सबसे उच्च स्तर पर खेल चुकीं हैं और इसका मतलब है उन्हें तकनीक पर कोई काम करने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन इस टूर्नामेंट से मिले अनुभव को वह सीनियर स्तर पर फ़ॉर्म में बदल सकती हैं।"

सीनियर स्तर पर शेफ़ाली ने पिछले नौ टी20आई में 50 का आंकड़ा केवल दो बार पार किया है। उससे पहले 18 पारियों में उन्होंने 20 का स्कोर केवल चार बार पार किया था। इसके अलावा 51 टी20आई मैचों में उन्होंने गेंदबाज़ी केवल 11 बार की है। इस अंडर-19 विश्व कप में उन्होंने एक छोड़कर बाक़ी सब मैचों में गेंदबाज़ी की है और कई बार दबाव की परिस्थिति में भी गेंद को अपने हाथ में लिया है। मेज़बान साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ एक अच्छी शुरुआत के बाद उन्होंने दो महत्वपूर्ण विकेट लिए और सेमीफ़ाइनल में चार ओवर में 1/7 के विश्लेषण से गेंदबाज़ी की।

शेफ़ाली का कहना है, "अगर आप गेंदबाज़ी करते हैं तो टीम को बड़ा फ़र्क पड़ता है। मैंने बचपन से ही गेंदबाज़ी की है क्योंकि मेरे पिता चाहते थे मैं हर पहलू में सक्षम बनूं। सीनियर टीम में हरमन दी [हरमनप्रीत कौर] के चलते मैंने फिर गेंदबाज़ी शुरू किया। इस टूर्नामेंट में मुझे यह विश्वास है कि मैं मैच सिचुएशन के हिसाब से प्रभाव डाल सकती हूं।"

जब तक शेफ़ाली मैदान पर हैं, ऐसा लगता है कि भारत इस सप्ताहांत में कुछ ऐतिहासिक कर गुज़र सकता है। तीन साल पहले उनके पास टी20 विश्व कप फ़ाइनल में हारने की चुनौती को सामना करने का अनुभव नहीं था। क्या पता इस बार उन्हें ऐसी कोई ज़रूरत ही ना हो?

रौनक कपूर ESPNcricinfo में वीडियो टीम का प्रतिनिधित्‍व करते हैं। अनुवाद ESPNcricinfo में स्‍थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।