कैसी दिखती है साउथ अफ़्रीका?
कागजों पर, साउथ अफ़्रीका की टीम काफ़ी संतुलित है, जिसमें पूरे क्रम में फ़ॉर्म में चल रहे बल्लेबाज़, तीन तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर, तीन स्पिन विकल्प और दो प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ हैं। मैदान पर, यह हमेशा योजना के अनुसार नहीं हुआ है।
पिछले विश्व कप के बाद से साउथ अफ़्रीका का वनडे रिकॉर्ड ख़राब है और व्यस्त अंतरराष्ट्रीय और लीग कार्यक्रम के कारण उन्हें एक साथ ज़्यादा मैच का समय नहीं मिला है। यह परिणामों में गिरावट को बताता है और इसका मतलब यह भी है कि एक टीम के रूप में उन्हें हाल ही में एक साथ ज़्यादा समय नहीं मिला है। आधुनिक क्रिकेट की दुनिया में यह अभी भी मायने रखता है या नहीं, यह देखना बाक़ी है।
उनके पास पाकिस्तान में हालिया अनुभव है, इसके लिए मिनी त्रिकोणीय सीरीज़ का धन्यवाद, हालांकि वे दोनों मैच हार गए। उन्हें उसी शहर, कराची में एक सप्ताह के अनुकूलन और प्रशिक्षण से भी लाभ हुआ होगा, जहां उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफ़ी अभियान की शुरुआत करनी है। ऐसे ग्रुप में जहां वे एक ऐसी टीम से खेलेंगे जो उनके जैसी ही ख़राब फ़ॉर्म में है इंग्लैंड और दूसरी टीम कई अनुपस्थित खिलाड़ियों से प्रभावित है ऑस्ट्रेलिया। ऐसे में साउथ अफ़्रीका सेमीफ़ाइनल को पहले लक्ष्य के तौर पर देखेंगे।
कौन हैं पहले दौर में विरोधी?
21 फ़रवरी : साउथ अफ़्रीका बनाम अफ़ग़ानिस्तान, कराची
25 फ़रवरी : साउथ अफ़्रीका बनाम ऑस्ट्रेलिया, रावलपिंडी
1 मार्च : साउथ अफ़्रीका बनाम इंग्लैंड, कराची
सर्वश्रेष्ठ XI
1. तेंबा बावुमा 2 रयान रिकेलटन, 3 रासी वान दर दुसें, 4 ऐडन मारक्रम, 5 हाइनरिक क्लासन, 6 डेविड मिलर, 7 मार्को यानसन, 8 केशव महाराज, 9 कगिसो रबाडा, 10 लुंगी एनगिडी, 11 तबरेज़ शम्सी
बेंच : टॉनी डी ज़ॉर्जी, ट्रिस्टन स्टब्स, कॉरबिन बॉश, वियान मल्डर
देखने लायक खिलाड़ी
पिछले विश्व कप के बाद से 150 या उससे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों में
हाइनरिक क्लासन का स्ट्राइक रेट दूसरा सबसे अच्छा है और वह अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ फ़ॉर्म का लुत्फ़ ले रहे हैं। उन्होंने अपने पिछले पांच वनडे मैचों में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ लगातार चार बार अस्सी से अधिक का स्कोर बनाया है और वह मध्य क्रम में ऊर्जा भरते हैं। मज़बूत शीर्ष क्रम के साथ, क्लासन से अपेक्षा की जाती है कि वह जितनी चाहें उतनी स्वतंत्रता के साथ बल्लेबाज़ी करें।
लुंगी एनगिडी और
तबरेज़ शम्सी पर विशेष नज़र रखें, जो चैंपियंस ट्रॉफ़ी से पहले त्रिकोणीय सीरीज़ के मैचों का हिस्सा थे और उन्हें जल्दी से अपना आत्मविश्वास हासिल करने की आवश्यकता होगी।
चैंपियंस ट्रॉफ़ी से पहले साउथ अफ़्रीका अपने पिछले सभी छह वनडे हारा है। लगातार सबसे अधिक मैच हारने का उनका रिकॉर्ड 10 का है।
हालिया वनडे फ़ॉर्म
एक शब्द में कहा जाए तो ख़राब। 2023 वनडे विश्व कप के बाद से, साउथ अफ़्रीका ने 16 वनडे मैचों में से केवल पांच जीते हैं और चार द्विपक्षीय सीरीज़ में से तीन हार गए हैं, जिसमें घर पर उनका पहला व्हाइटवॉश भी शामिल है। यह टूर्नामेंट में भाग लेने वाली सभी टीमों का सबसे ख़राब रिकॉर्ड है। लेकिन इन परिणामों का एक कारण है: लीग संघर्षों या अन्य प्रारूपों की प्राथमिकता। जिसकी वजह से साउथ अफ़्रीका इनमें से किसी भी मैच में पूरी ताक़त वाली वनडे टीमों को मैदान में नहीं उतार सका है।
सफ़ेद गेंद के कोच रॉब वाल्टर ने कहा कि उन्हें बड़े खिलाड़ियों पर भरोसा है कि वे बड़े मौक़ों पर आगे बढ़ेंगे, जैसा कि उन्होंने 2023 विश्व कप के सेमीफ़ाइनल और 2024 टी20 विश्व कप के फ़ाइनल में पहुंचने के लिए किया था।
चैंपियंस ट्रॉफ़ी का इतिहास
साउथ अफ़्रीका 1998 में उद्घाटन टूर्नामेंट का विजेता था। तब इसे ICC नॉकआउट कहा जाता था, यह आयोजन गैर टेस्ट खेलने वाले देशों के लिए धन जुटाने के लिए आयोजित किया गया था। तब से, साउथ अफ़्रीका चार बार (2000, 2002, 2006 और 2013) सेमीफ़ाइनल में पहुंचा है, लेकिन 2004, 2009 (जो साउथ अफ़्रीका में खेला गया था) और 2017 में सबसे हालिया टूर्नामेंट में ग्रुप-स्टेज से बाहर हो गया।
फ़िरदौस मूंडा ESPNcricinfo में साउथ अफ़्रीका की संवाददाता हैं।