फ़्लावर ने कहा, "रजत के साथ सबसे अच्छी बात यह है कि इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी को निभाते हुए उन्होंने अपने ऊपर इसका असर नहीं पड़ने दिया, उनकी बल्लेबाज़ी प्रभावित नहीं हुई। मैं उन्हें बेहद क़रीब से देखा है और वह अभी भी वही शांत पाटीदार जो पिछले वर्ष थे। वह बिलकुल भी नहीं बदले हैं।"
"RCB की कप्तानी करना बेहद ही कठिन है और अगर मैं ख़ुद की उनसे तुलना करूं तो मुझे पता है कि जब मैं उनकी उम्र का था तो कितनी ख़राब कप्तानी किया करता था। ख़ासतौर पर जिस तरह से उन्होंने सीनियर खिलाड़ियों को लीड किया और किस तरह से उन्होंने ख़ुद को नियंत्रित करके रखा इसके लिए मेरे मन में उनके प्रति काफ़ी सम्मान है। जिस तरह से उन्होंने बड़े खिलाड़ियों को लीड किया और दबाव भरी परिस्थितियों में निर्णय लिए इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। तो मेरे मन में उनके प्रति काफ़ी सम्मान है।"
190 चेज़ करते हुए PBKS ने बढ़िया शुरुआत की थी लेकिन पांचवें ओवर में डीप बैकवर्ड स्क्वायर लेग पर
फ़िल सॉल्ट ने प्रियांश आर्य का कैच लपक लिया, फ़्लावर के अनुसार यह मैच के टर्निंग प्वाइंट में से एक रहा।
फ़्लावर ने कहा, "वो एक बेहतरीन कैच था, है ना? यह इस बात की सटीक मिसाल थी कि कैसे एक खिलाड़ी को दबाव भरी परिस्थितियों में अपनी भावनाओं को नियंत्रित रखना चाहिए। उन्होंने पता था कि वह बाउंड्री के क़रीब जा रहे हैं लेकिन ऐसी परिस्थिति में भी उन्होंने ख़ुद को शांत रखा। वह मैच के दिन सुबह तीन बजे ही इंग्लैंड से वापस लौटे थे और वह इस सीज़न हमारी टीम के लिए बेहतरीन बल्लेबाज़ और फ़ील्डर रहे हैं। मुझे लगता है कि उन्हें विकेटकीपिंग करना अधिक पसंद होता लेकिन उनका कैच बेहतरीन था और ज़ाहिर तौर पर यह मैच का टर्निंग प्वाइंट भी था।"
पहली पारी में गेंद विकेट पर फंस रही थी और फ़्लावर का मानना है कि ऐसी परिस्थिति में RCB के बल्लेबाज़ों ने टीम को एक अच्छे स्कोर तक पहुंचा दिया था।
फ़्लावर ने कहा, "अगर हमने टॉस जीता होता तो हम भी पहले गेंदबाज़ीव ही करते। विकेट ट्रिकी थी इसलिए काफ़ी लोगों को ऐसा प्रतीत हो रहा था कि पिच धीमी है। हालांकि हमारे बल्लेबाज़ी लाइन अप में निचले क्रम में कुछ आक्रामक कैमियों पारियां आईं और हम 190 के स्कोर तक पहुंचने में सफल रहे। जब कप जीतने का दबाव होता है तो 191 का लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं होता। तो भले ही हम टॉस हार गए लेकिन मुझे लगता है कि हमने बहुत अच्छे ढंग से ख़ुद को संभाले रखा।"
फ़्लावर ने पिछले सीज़न एक खिलाड़ी से बल्लेबाज़ी कोच और मेंटॉर की भूमिका में ख़ुद को तब्दील करने के लिए
दिनेश कार्तिक की भी तारीफ़ की।
फ़्लावर ने कहा, "मुझे लगता है कि हमारे सहायक कोच डीके (कार्तिक), माले (मालोलन रंगराजन), रिचर्ड हलसॉल और ओमकार साल्वी ने बेहतरीन ढंग से अपनी भूमिका अदा की। इस सीज़न कोचिंग में भारतीय सहायता भी हमारे लिए मददगार सिद्ध हुई। और ख़ासतौर पर डीके ने बतौर बल्लेबाज़ी कोच और मेंटॉर बहुत बेहतरीन ढंग से अपनी भूमिका निभाई। मुझे उनके साथ काम करके मज़ा आया, वह काफ़ी ऊर्जावान हैं और उनके चहरे पर अधिकतर समय मुस्कुराहट रहती है। मुझे लगता है कि उन्होंने इस सीज़न अपनी भूमिका काफ़ी लुत्फ़ उठाया है। खिलाड़ी से कोच के रूप में उनका परिवर्तन बेहद शानदार रहा है। बल्लेबाज़ी ग्रुप के साथ ही टीम के नेतृत्व और मैनेजमेंट में भी उन्होंने अपना प्रभाव छोड़ा है। उनके साथ समय बिताना शानदार रहा और मैंने उनके साथ बिताए हर मिनट का आनंद लिया।"
फ़्लावर निदेशक मो बोबट से भी प्रभावित हुए ख़ासतौर पर नीलामी में जिस तरह की रणनीति उन्होंने अपनाई।
फ़्लावर ने कहा, "मैं उनके साथ इंग्लैंड के लिए भी पहले काम कर चुका हूं। इतने युवा व्यक्ति के पास इस तरह का ज्ञान होना काफ़ी प्रभावित करता है। ख़ासतौर पर पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने अपनी लीडरशिप से काफ़ी प्रभावित किया है। उनके पास तेज़ दिमाग़ है और वह एक बेहतरीन रणनीतिकार हैं। आपकी कोशिश होती है कि नीलामी अच्छी जाए और मो की रणनीति का यह हिस्सा रहा है कि बड़े नाम वाले बल्लेबाज़ों पर अधिक ख़र्च करने के बजाय वैल्यू पर ध्यान दिया जाए। ज़ाहिर तौर पर वे बहुत बड़े खिलाड़ी होते हैं लेकिन नीलामी से पहले ही हमने एक अच्छा गेंदबाज़ी आक्रमण सुनिश्चित करने का फ़ैसला किया था और हमने उसी दिशा में काम किया।"
"मुझे पता है कि नीलामी के पहले दिन के बाद हमारी काफ़ी आलोचना हो रही थी कि हम पैसा ख़र्च करने के बजाय निवेश कर रहे हैं लेकिन इससे दूसरे दिन हमारे पास वैल्यू पर पैसा ख़र्च करने के लिए पर्याप्त राशि थी। दूसरे दिन हमने भुवी (
भुवनेश्वर कुमार),
टिम डेविड,
क्रुणाल पंड्या और
रोमारियो शेफ़र्ड जैसे खिलाड़ी मिले।
सुयश शर्मा ने भी इस सीज़न शानदार प्रदर्शन किया और उन्होंने इस सीज़न ख़ुद को बढ़िया ढंग से संभाला। क्रुणाल एक बड़े मैच के खिलाड़ी हैं और आज उनके स्पेल ने जीत और हार का अंतर तय किया।"