IPL 2025 से पहले तक थे अंजान, अब खूब कमाया नाम और शोहरत
इस सीज़न कुछ ऐसे अनकैप्ड खिलाड़ियों पर नज़र जो पहली बार खेले और अपनी टीम का प्रमुख अंग बन गए
निखिल शर्मा
03-Jun-2025
IPL 2025 में यूं तो कई दमदार प्रदर्शन देखने को मिले हैं, लेकिन शायद ऐसा पहली बार हुआ है जब कई टीमों में पहली बार टूर्नामेंट खेल रहे खिलाड़ियों ने न केवल कुछ अच्छे प्रदर्शन किए बल्कि वह अपनी टीमों के प्रमुख खिलाड़ी के तौर पर उभरे और लगातार प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बने। ये कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें शायद ही उनकी फ़्रैंचाइज़ी अगले सीज़न के लिए रिलीज़ करती दिखे, बल्कि ये सभी खिलाड़ी अपनी-अपनी फ्रैंचाइज़ी का भविष्य बनकर उभरे हैं।
प्रियांश आर्य इस सूची में सबसे पहला नाम हैं। पंजाब किंग्स के इस युवा विस्फ़ोटक बल्लेबाज़ हमेशा टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई और एक बार जब वह क्रीज़ पर टिके तो फिर विरोधी टीम का जीना मुश्किल कर दिया। पंजाब किंग्स के फ़ाइनल में पहुंचने में इस बल्लेबाज़ का भी अहम योगदान है, जो रोल प्रभसिमरन सिंह निभाते आए थे वह उन्होंने संभाला और टीम के लिए कई प्रमुख योगदान दिए। आर्य ने इस सीज़न 17 मैचों की 17 पारियों में 27.94 की औसत और 179.24 के स्ट्राइक रेट से 475 रन बनाए जिसमें एक शतक भी शामिल है।
दिग्वेश राठी भी इस सीज़न लखनऊ सुपर जायंट्स के अहम खिलाड़ी बनकर उभरे हैं। इसी के साथ वह अपने सिग्नेचर सेलिब्रेशन की वजह से भी चर्चाओं में बने रहे और कई बार उन पर जुर्माना लगा और एक मैच का प्रतिबंध भी झेलना पड़ा। हालांकि राठी ने अपने प्रदर्शन की वजह से ही टीम में नंबर एक स्पिनर के तौर पर नाम कमाया, जिसकी वजह से टीम ने मुख्य स्पिनर रवि बिश्नोई की जगह उनको आगे रखा। राठी ने इस सीज़न 13 मैचों में 30.64 की औसत और 7.59 के इकॉनमी रेट से 17 विकेट अपने नाम किए हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन चार ओवर में आठ रन देकर दो विकेट रहा है।
सनराइज़र्स हैदराबाद की बात करें तो उनके लिए अनिकेत वर्मा एक मज़बूत अनकैप्ड खिलाड़ी बनकर उभरे हैं। अनिकेत ने सनराइज़र्स हैदराबाद के लिए इस सीज़न सभी 14 मैच खेले और मध्य क्रम में एक विस्फ़ोटक बल्लेबाज़ के तौर पर अपनी पहचान बनाई। उन्होंने इस दौरान 26.22 की औसत और 142 के स्ट्राइक रेट से 236 रन बनाए हैं। अनिकेत ने दिल्ली कैपिटल्स के ख़िलाफ़ नाबाद 74 रनों की पारी खेली थी, जो उनका टूर्नामेंट में एकमात्र अर्धशतक भी रहा है।
ऐसे ही एक खिलाड़ी चेन्नई सुपर किंग्स के ओपनर आयुष म्हात्रे भी रहे हैं। शुरुआत में तो उनको मौक़ा नहीं मिला, लेकिन जब टीम के अंतिम सात मैच बचे थे तो उनको लगातार ओपनिंग पर मौक़ा दिया और उन्होंने दिखाया कि वह इस टीम का भविष्य बनने की कुव्वत रखते हें। उन्होंने सात मैचों में 34.28 की औसत और 188.97 के स्ट्राइक रेट से 240 रन बनाए हैं, जिसमें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख़िलाफ़ खेली गई 94 रनों की पारी उनका एकमात्र अर्धशतक है। जब भी वह क्रीज़ पर टिके तो उन्होंने अपनी टीम को तेज़ शुरुआत दिलाई। इससे पहले पूरे सीज़न यह टीम ओपनिंग संयोजन को लेकर जूझती दिखी थी, लेकिन म्हात्रे ने इस रोल को बेहद ही संजीदगी के साथ निभाया।
ऐसा ही एक नाम विप्रज निगम का भी है। यूपी टी20 लीग में धमाल मचाने के बाद उनको दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलने का मौक़ा मिला। विप्रज भी अपनी टीम के लिए शुरुआत से ही सभी के सभी 14 मैच खेले। वह कुलदीप यादव के साथ स्पिन में टीम का एक मुख्य हथियार बनकर उभरे। इसी के साथ निचले मध्य क्रम में बल्ले से भी उन्होंने कई बार कमाल दिखाया। उन्होंने दिखाया कि वह मुश्किल पलों में बड़े शॉट खेलने की हिम्मत रखते हैं। विप्रज भी उन खिलाड़ियों में से हैं जिनको शायद ही टीम रिलीज़ करती दिखे। उन्होंने 14 मैचों में 32.36 की औसत और 9.12 की औसत से 11 विकेट लिए, जिसमें 18 रन देकर दो विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। वहीं बल्ले से भी उन्होंने 20.28 की औसत और 179.74 के स्ट्राइक रेट से 142 रन बनाए, जिसमें 39 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा।
इस सूची में आखिरी नाम वैभव सूर्यवंशी का आता है। वैभव को संजू सैमसन के चलते शुरुआत में मौक़े नहीं मिले। लेकिन जब सैमसन को चोट के कारण बाहर बैठना पड़ा तो वैभव ने टीम में ऐसी जगह बनाई कि वह टीम के बचे सभी सात मैचों में खेलते दिखे। उन्होंने सात मैचों में 36 की औसत और 206.55 के भारी भरकम स्ट्राइक रेट से 252 रन बनाए। उन्होंने गुजरात टाइटंस के ख़िलाफ़ 35 गेंद में शतक भी जड़ दिया जो इस टूर्नामेंट में किसी युवा का सबसे तेज़ शतक था। इसके अलावा आखिरी मैच में उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स के ख़िलाफ़ अर्धशतक भी लगाया था।
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26