इस दौरे पर आए स्पिनरों की एक जोड़ी द्वारा संयुक्त रूप से दो प्रथम श्रेणी पांच विकेट लेने के कारण न्यूज़ीलैंड के हाथों घरेलू श्रृंखला में हार के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या भारत की स्पिन खेलने की क्षमता में गिरावट आई है। मुख्य कोच
गौतम गंभीर इतनी दूर तक जाने को तैयार नहीं थे, लेकिन उन्होंने व्यापक T20 क्रिकेट के परिणामस्वरूप डिफ़ेंस कौशल में आई गिरावट पर ज़रूर टिप्पणी की।
उन्होंने गुरुवार को कहा, "कभी-कभी आपको इसका श्रेय विपक्षी टीम को भी देना पड़ता है। मुझे लगता है कि मिचेल सैंटनर पिछले मैच में उत्कृष्ट थे, लेकिन हां, हम कड़ी मेहनत करते रहेंगे। हम बेहतर होते रहेंगे। खिलाड़ी नेट्स में काफ़ी मेहनत कर रहे हैं। हां, जब आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हो तो अंततः परिणाम ही मायने रखते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि स्पिन के ख़िलाफ़ हमारा कौशल वास्तव में कम हुआ है।"
इस सीरीज़ में भारत की हर पारी ढह गई। 46 पर ऑलआउट एक विषम परिस्थिति में हुआ। लेकिन इसके बाद उन्होंने 54 रन पर 7 विकेट, 95 रन पर 6 विकेट और 40 रन पर 5 विकेट गंवाए, जिससे उन्हें कठिन परिस्थितियों में बल्लेबाज़ी करने के तरीके पर काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
गंभीर ने कहा, "टेस्ट क्रिकेट को सत्र के हिसाब से खेलना होता है। मुझे लगता है कि अगर हम सीखना शुरू कर सकते हैं कि सत्र कैसे खेलना है और हमारी बल्लेबाज़ी लाइन-अप में जिस तरह की गुणवत्ता है, मुझे लगता है कि अगर हम चार-साढ़े चार सत्र खेलेंगे, तो हमारे पास बोर्ड पर बहुत रन होंगे।"
इस मूलभूत मांग को पूरा करने की असमर्थता ने आधुनिक बल्लेबाज़ों के सामने आने वाली चुनौती को उजागर कर दिया है। गंभीर ने कहा, "हमें बेहतर डिफ़ेंस करने की ज़रूरत है। मुझे लगता है कि यह करना महत्वपूर्ण है, विशेषकर टर्निंग ट्रैक पर, क्योंकि अगर आपको अपने डिफ़ेंस पर भरोसा है, तो बहुत सी चीज़ सुलझाई जा सकती हैं और यह एक ऐसी चीज़ है जिस पर हमें बेहतर होते रहना है, काम करते रहना है।"
"क्योंकि, फिर से मैं उसी उत्तर पर वापस जाता रहूंगा कि सीमित ओवर-क्रिकेट और T20 क्रिकेट से भी बहुत कुछ लेना-देना है, क्योंकि जब आप गेंद को मसलने के इतने आदी हो जाते हैं कि आप नरम हाथों से खेलना भूल जाते हैं, वो सारी चीज़ें जो शायद आठ या दस साल पहले हुआ करती थीं इसीलिए मैंने कहा कि एक संपूर्ण क्रिकेटर वह क्रिकेटर होता है जो T20 प्रारूप को वास्तव में सफलतापूर्वक खेलता है और टेस्ट क्रिकेट को भी वास्तव में सफलतापूर्वक खेलता है। वह अपने खेल में सामंजस्य बैठा सकता है। यही विकास है।"
"विकास का मतलब केवल गेंद को स्टैंड में मारना नहीं है। यह टर्निंग ट्रैक पर सत्र दर सत्र बल्लेबाज़ी करने के बारे में भी है, जहां आप जानते हैं कि आप स्टैंड में हिट नहीं कर पाएंगे, लेकिन आप बेहतर तरीके़ से स्ट्राइक रोटेट कर पाएंगे। उसके लिए, मुझे लगता है कि नींव बहुत-बहुत महत्वपूर्ण है।"
मुंबई टेस्ट ऐसी परिस्थितियों में खेले जाने की संभावना है जिससे स्पिनरों को भी मदद मिलेगी। गुरुवार सुबह भारत के अभ्यास सत्र के अंत में कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली ने सहायक कोच अभिषेक नायर के साथ पिच को अच्छी तरह से देखा। इसके बाद कोहली चले गए लेकिन गंभीर और गेंदबाज़ी कोच मोर्ने मोर्कल, रोहित और नायर के साथ शामिल हो गए और ये चारों क़रीब 20 मिनट तक चली चर्चा में शामिल रहे। थोड़ी देर बाद, ग्राउंड स्टाफ़ ने पिच पर चिपकी घास को झाड़ने का काम शुरू किया। बल्लेबाज़ों को यहां अच्छा प्रदर्शन करने के लिए उन कौशलों को त्यागना होगा जो उन्हें T20 में सफल होने में मदद करते हैं। लेकिन क्या ऐसा संभव है? क्या कोई कोच उन्हें यह बदलाव लाने में मदद कर सकता है?
गंभीर ने कहा, "कुछ हद तक, हां। वैसे कुछ हद तक, यह व्यक्ति से भी आना चाहिए। वह डिफ़ेंस करने को कितना महत्व देता है? यह ऐसी चीज़ है जो बहुत महत्वपूर्ण है। और विशेषकर टर्निंग ट्रैक पर। क्योंकि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि इस प्रारूप में, या चाहे कोई भी प्रारूप हो, सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों और सबसे सफल खिलाड़ियों के पास हमेशा मज़बूत डिफ़ेंस क्षमता होती है। तो यह ऐसी चीज़ है जिसके बारे में हम बात करते रहते हैं। और यह कोई रातों-रात की बात नहीं है कि हम आज इसके बारे में बात करने जा रहे हैं और लोग कल बेहतर होने लगेंगे। लेकिन यह एक सतत प्रक्रिया है। हमें इस पर काम करते रहना होगा। हमें लोगों को डिफ़ेंस का महत्व बताते रहना होगा।"
क्या भारत को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है जहां उन्हें टेस्ट क्रिकेट के लिए अधिक उपयुक्त खिलाड़ियों के एक अलग समूह पर विचार करना होगा? गंभीर किसी काल्पनिक प्रश्न का जवाब नहीं दे सके, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया, "आगे बढ़ते हुए, ज़ाहिर है, हमें उन खिलाड़ियों की पहचान करनी होगी जो ठोस रेड-बॉल क्रिकेटर हैं। क्योंकि अंत में परिणाम पाने करने के लिए आपको ईमानदारी से कहूं तो तीन या चार दिन या पांच दिन तक वास्तव में कड़ी मेहनत करनी होगी। इसलिए कभी-कभी यह महत्वपूर्ण है। यदि हम सत्रों में बल्लेबाज़ी कर सकते हैं, तो हम जानते हैं कि हमारे पास 20 विकेट लेने के लिए गेंदबाज़ी आक्रमण है। फिलहाल इसका जवाब देना मुश्किल है।"
अलगप्पन मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।