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महेंद्र सिंह धोनी फिर से बने चेन्नई के अधिनायक

अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं रवींद्र जाडेजा

चेन्नई सुपर किंग्स की कैंप में इस आईपीएल सीज़न में दूसरी बार कप्तानी को लेकर एक बड़ी ख़बर सामने आई है।रवींद्र जाडेजा ने कप्तानी पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में सौंप दी है। इसका कारण उन्होंने बताया है कि वह अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। इसी कारण से जाडेजा ने धोनी से यह अनुरोध किया था कि वह कप्तानी वापस उन्हें सौंपना चाहते हैं। धोनी ने जाडेजा के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
यह घोषणा चेन्नई ने सोशल मीडिया के ज़रिए शनिवार शाम को किया। चेन्नई का अगला मुक़ाबला रविवार शाम को सनराइज़र्स हैदराबाद के ख़िलाफ़ पुणे में खेला जाएगा।
इस सीज़न की शुरुआत से पहले चेन्नई के ख़ेमे से यह ख़बर आई थी कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए कप्तानी धोनी से हटाकर जाडेजा को सौंप दी गई है। हालांकि जाडेजा की कप्तानी में चार बार लीग विजेता रहे चेन्नई ने आठ में सिर्फ़ दो मैच ही जीते हैं।
ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को पता चला है कि शनिवार को चेन्नई टीम प्रबंधन ने यह फै़सला लिया है। हालांकि पिछले कुछ हफ़्तों से इस बात की समीक्षा की जा रही थी कि कप्तानी की दबाव का जाडेजा के प्रदर्शन पर किस तरह का प्रभाव पड़ रहा है। जाडेजा खु़द इन वार्ताओं में मुख्य कोच स्टीवन फ्लेमिंग और धोनी के साथ शामिल थे। आख़िरकार जडेजा ने फै़सला किया कि टीम के सर्वोत्तम हित में उनके लिए पद छोड़ना बेहतर होगा क्योंकि वह मुख्य रूप से एक खिलाड़ी के रूप में बेहतर करना चाहते थे। पता चला है कि शनिवार को फ्रे़ंचाइजी की घोषणा से पहले टीम के मालिक एन श्रीनिवासन से भी सलाह ली गई थी।
धोनी को फिर से कप्तानी थमाने के बारे में टीम प्रबंधन की यही सोच थी कि वह अभी भी टीम का नेतृत्व करने के लिए सबसे अच्छे व्यक्ति हैं क्योंकि कोई अन्य विश्वसनीय विकल्प नहीं उभरे। समझा जाता है कि धोनी केवल इसलिए सहमत हुए क्योंकि यह टीम के सर्वोत्तम हित में था। चेन्नई के पास छह और मैच बचे हैं और उसके पास प्लेऑफ़ में जगह बनाने का अभी भी मौक़ा है।
फ़िलहाल चेन्नई टीम प्रबंधन मौजूदा आईपीएल पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है। इस सीज़न के ख़त्म होने पर कप्तानी के मामले को फिर से सामने लाया जाएगा।
आईपीएल और चैंपियंस लीग को मिला कर धोनी ने चेन्नई के लिए 213 मैचों में कप्तानी की है। इस दौरान उन्हें 130 मैचों में जीत मिली है एवं 80 मैचों में उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा धोनी के कप्तान रहते हुए चेन्नई ने चार बार आईपीएल और दो बार चैंपिंयस लीग का टाइटल जीता है।
वहीं 33 वर्षीय जाडेजा को कप्तानी का ज़्यादा अनुभव नहीं था। इससे पहले उन्होंने सिर्फ़ 2007 में एक सीरीज़ के दौरान अंडर 19 टीम की कप्तानी की थी। उन्होंने कभी भी सीनियर टीम की कप्तानी नहीं की है।
जाडेजा को कप्तानी सौंपे जाने के बाद इसका असर उनके प्रदर्शन पर भी देखने को मिला। आठ मैचों में उन्होंने 22.40 की औसत और 121.73 के स्ट्राइक रेट से सिर्फ़ 112 रन बनाए हैं। गेंदबाज़ी में भी उनका प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा है। आईपीएल 2022 में उन्होंने सिर्फ़ पांच विकेट लिए हैं। पूरे आईपीएल में जाडेजा के कुल रिकॉर्ड से यह प्रदर्शन कहीं से भी मेल नहीं खाता है। उन्होंने अपने आईपीएल करियर में 26.53 की औसत और 136.41 के स्ट्राइक रेट से 1592 रन बनाए हैं। साथ ही उन्होंने 28.61 की औसत से 114 विकेट झटके हैं।