मैच (23)
MLC (1)
ENG v WI (1)
IRE vs ZIM (1)
Men's Hundred (2)
एशिया कप (2)
विश्व कप लीग 2 (1)
Canada T20 (4)
Women's Hundred (2)
TNPL (3)
One-Day Cup (5)
SL vs IND (1)
फ़ीचर्स

कोहली की बल्लेबाज़ी को क्या हो गया है?

लगातार दूसरे मैच में गोल्डन डक पर आउट होने के बाद लोग उनसे ब्रेक लेने की मांग कर रहे हैं

Damage done: Glenn Maxwell, Virat Kohli and Sanjay Bangar try to make sense of their side's collapse, Royal Challengers Bangalore vs Sunrisers Hyderabad, IPL 2022, Brabourne Stadium, Mumbai, April 23, 2022

लगातार दूसरी बार विराट कोहली गोल्डन डक पर आउट हुए हैं  •  BCCI

पारी का दूसरा ओवर चल रहा है। केन विलियमसन को ऊंची आवाज़ लगाकर एडन मारक्रम का ध्यान अपनी तरफ़ करना पड़ा। विलियमसन, अभिषेक शर्मा को बैकवर्ड प्वाइंट से पहली स्लिप पर भेजना चाहते हैं। वह टी20 पावरप्ले में दो स्लिप के साथ अपनी फ़ील्डिंग को सशक्त करना चाहते हैं। उन्हें पिच के एक कोने से दूसरे कोने तक अपनी आवाज़ पहुंचाने के लिए चिल्लाना पड़ा क्योंकि 'किंग' के आने से समर्थकों में अधिक जोश आ गया है।
विराट कोहली, मार्को यानसन के विरुद्ध स्ट्राइक लेने के तैयार है। यह वही यानसन है जो चार साल पहले तक कोहली के सामने एक शब्द भी नहीं बोल पाए थे, जब वह भारतीय टीम के लिए नेट बोलर की भूमिका अदा कर रहे थे। हालांकि 2022 के यानसन बहुत अलग हैं और दिलेर भी।
यानसन अपनी शारीरिक भाषा और ख़ासकर अपने शब्दों को व्यक्त करने से कतराते नहीं हैं। वह पटकी हुई गेंदों के साथ परेशान करने के बाद जसप्रीत बुमराह को खरी-खोटी सुनाना भी जानते हैं और बल्लेबाज़ी के दौरान शरीर पर गेंद खाने को भी तैयार रहते हैं। यह अपनी कला में उनके आत्मविश्वास को दर्शाता है।
दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के लिए उनकी गेंद अंदर की तरफ़ आती है। हालांकि पिछले एक वर्ष में कोण के साथ बाहर जाने वाली गेंद ने उन्हें भरपूर सफलता दिलाई है। इसी बाहर जाती गेंद ने उन्हें सबसे पहले अपने हमवतन फ़ाफ़ डुप्लेसी की विकेट दिलाई।
अब बारी थी कोहली की। मुंबई की जनता अपने किंग का प्रोत्साहन कर रही थी। लोग चाहते थे कि वह रन बनाए, कम से कम इतने रन बनाए जिसे देखकर लगे कि वह फ़ॉर्म में वापस लौट आए हैं। हर मैच की तरह इस बार भी कोहली सलामी बल्लेबाज़ों के मैदान पर जाने से पहले ही तैयार होकर बैठे थे। सिर पर हेलमेट बंधा हुआ था और वह बस अपने मौक़े का इंतज़ार कर रहे थे।
इस आईपीएल में एक अलग बात यह रही है कि कोहली रनों की तलाश कर रहे हैं। उनका बल्ला अधिकतर मैचों में शांत रहा है। टाइमिंग कहां है? क्या वह बायो-बबल की थकान से परेशान हैं? शतक कब बनेगा? चेज़ मास्टर कहां खो गया है? अब तो महेंद्र सिंह धोनी जैसे दिग्गज ने अपने पुराने दिनों की झलकियां दिखानी शुरू कर दी हैं। कोहली के अच्छे दिन भी जल्द ही आ जाएंगे?
केविन पीटरसन चाहते हैं कि कोहली आराम करें। रवि शास्त्री का भी मानना है कि उन्हें ब्रेक ले लेना चाहिए। अंडर 19 विश्व कप के बाद कोहली को भारतीय टीम में चुनने वाले दिलीप वेंगसरकर को भी लगता है कि यह सब थकान के कारण हो रहा है। कोहली जितना अधिक प्रयास कर रहे हैं, चीज़ें उनके लिए उतने ही मुश्किल होती जा रही है।
मैच दर मैच यह सारी बातचीत लंबी होती जा रही है। 2016 वाले कोहली कहां हैं? वह ऐसा सीज़न था जहां कोहली जिस भी चीज़ को छूते, वह खरा सोना बन जाती थी। वह आक्रामकता कहीं खो गई है। रन बटोरना कठिन हो गया है और स्पिन के ख़िलाफ़ उनका संघर्ष साफ़ नज़र आ रहा है।
हालांकि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के टीम प्रबंधन को लगता है कि वह अब भी खुले दिमाग़ के साथ खेल रहे हैं। प्रमुख कोच संजय बांगर का अनुमान है कि रनों का यह सूखा जल्दी की समाप्त होगा। कोहली को भी विश्वास है कि रन अब ज़्यादा दूर नहीं है।
वहीं विलियमसन की सोच इससे विपरित है। दो स्लिप के साथ गेंदबाज़ी करते हुए यानसन ने पांचवें स्टंप पर बाहर जाती हुई गेंद पर ड्राइव लगाने का लालच दिया। जाल में फंसते हुए कोहली आगे की गेंद पर कड़क हाथों का प्रयोग करते हैं और ब्रेबोर्न की पिच पर गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर सीधे दूसरी स्लिप में तैनात मारक्रम के हाथों में जा समाती है। खेलते संग ही कोहली को पता था कि गेंद उस दिशा में नहीं जा रही है जहां वह उसे भेजना चाहते थे। फिर एक बार पहली गेंद पर शून्य रन बनाकर कोहली को पवेलियन लौटना पड़ता है।
चार दिन पहले बैकवर्ड प्वाइंट पर कैच थमाने के बाद उनके चेहरे पर मुस्कान थी। इस बार वह इतने निराश थे कि उन्हें यक़ीन ही नहीं हो रहा था कि आख़िर हो क्या गया। वह पिच पर देखते हैं, अपने साथी बल्लेबाज़ अनुज रावत की तरफ़ नज़र घुमाकर इस घटना को समझने का प्रयास करते हैं। लगभग पांच सेकंड के लिए क्रीज़ पर ही खड़े रहने के बाद आख़िरकार वह ड्रेसिंग रूम की तरफ़ चल पड़ते हैं।
बेंगलुरु का ख़ेमा स्तब्ध है, कोहली भी स्तब्ध हैं। इसके बाद उन्हें एहसास होता है कि उनकी एक और पारी निराशाजनक तरीक़े से समाप्त हो गई है। ठीक इसी समय फिर एक बार चर्चा शुरू होती है कि आख़िर कोहली की बल्लेबाज़ी को क्या हो गया है?

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।