राजस्थान (A+) - यशस्वी जायसवाल ने अच्छी शुरुआत दी और जॉस बटलर के साथ 72 रनों की साझेदारी की। लेकिन बटलर 18 और कप्तान सैमसन 14 रन बनाकर लौट गए। देवदत्त पड़िक्कल और शिमरॉन हेटमायर भी सस्ते में आउट हुए। लेकिन एक छोर पर यशस्वी का बल्ला चलता रहा और उन्होंने अपनी 124 रनों की धुआंधार पारी में 8 छक्के और 16 चौके लगाए। उन्होंने अपनी पारी में पुल, लैप, स्कूप, स्ट्रेट, रिवर्स स्विप, कवर ड्राईव जैसे शॉट चौतरफा खेले।15 ओवर तक 143 का स्कोर, 20 वें ओवर तक 212 पहुंच गया।
मुंबई (A++)- रोहित शर्मा सस्ते में लौट गए तो किशन ने 28 रन जोड़े।
कैमरन ग्रीन ने 2 छक्कों के साथ 44 रन तो
सूर्यकुमार यादव ने 8 चौकों और 2 छक्कों के साथ 55 रनों की पारी खेली। इसके बाद
तिलक वर्मा और टिम डेविड ने मिलकर 62 रन जोड़े। तिलक ने 29 रन तो डेविड ने 14 गेंदों में 5 छक्कों सहित 45 रन बनाते हुए तीन गेंद शेष रहते हुए ही विजयी लक्ष्य हासिल कर लिया।
मुंबई (B)- जोफ़्रा आर्चर, ग्रीन और रायली मेरेडिथ महंगे साबित हुए लेकिन
पीयूष चावला ने बटलर और पड़िक्कल को चलता किया। टीम में वापस आते ही
अरशद ख़ान को भी तीन सफलता मिली। कप्तान सैमसन, हेटमायर और यशस्वी का विकेट उन्हीं के खाते में गया। मुंबई के गेंदबाज़ों ने पूरी पारी में कुल 25 अतिरिक्त रन दिए।
राजस्थान (C) -
संदीप शर्मा ने रोहित के रुप में शुरुआती सफलता दिलाई तो किशन और ग्रीन को
रविचंद्रन अश्विन ने चलता किया। सूर्यकुमार और तिलक की साझेदारी को
ट्रेंट बोल्ट ने तोड़ा और सूर्यकुमार का विकेट निकाला। पर इसके बाद कोई सफलता गेंदबाज़ों को नहीं मिली जिसकी वजह से वे मुंबई पर दबाव नहीं बना सके।
मुंबई (A)- तिलक वर्मा ने कप्तान सैमसन और जुरेल के कैच आत्मविश्वास के साथ लपके तो सूर्यकुमार ने हेटमायर का कैच नहीं जाने दिया। टिम डेविड के हाथों में होल्डर का कैच गया। हालांकि राजस्थान की ओर से लगे 20 मैदानी चौकों को रोकने में मुंबई के फील्डर नाकाम रहे। निजी तो नहीं लेकिन सम्मिलित टीम के रुप में प्रयास की वजह से मुंबई को जीत हासिल हुई और यहीं उनकी रणनीति काम कर गई।
राजस्थान (B) - इशान और ग्रीन का कैच बोल्ट के हाथों में गया तो संदीप शर्मा ने मैच का सबसे अहम, सूर्यकुमार का कैच पीछे दौड़ते हुए लिया और गिरने के बावजूद भी गेंद को हाथ से नहीं फिसलने दिया। मुंबई की ओर से कुल 10 छक्के और 21 चौके लगे जो राजस्थान को महंगे पड़ गए। इंपैक्ट प्लेयर के रुप में राजस्थान ने ध्रुव जुरेल की जगह कुलदीप सेन को लिया लेकिन उन्होंने एक ओवर में ही 20 रन दे दिए। रनों का विशाल लक्ष्य देने के बावजूद महंगी गेंदबाज़ी की वजह से राजस्थान के हाथों से मैच निकल गया।