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पाकिस्तान को हराकर संतुष्ट नहीं हैं श्रेयस अय्यर, बोले- 'हम और पहले जीत सकते थे'

अर्धशतक लगाने वाले अय्यर ने स्वीकार किया कि अबरार अहमद का सामना करना मुश्किल था

"क्या आप मुझे बता सकते हैं कि कितने ओवर बचे थे?" श्रेयस अय्यर ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस शुरू होते ही पत्रकारों से ये सवाल किया। "45 गेंदें बची थी? ठीक है।"
"मुझे लगता है कि हम और पहले जीत सकते थे। ये एक दबदबे वाली जीत हो सकती थी।"
सात ओवर से अधिक शेष रहते हुए छह विकेट की जीत भी दबदबे वाली नहीं थी? 242 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक भी नहीं लगा कि भारतीय टीम मुश्किल में है। पहली पारी में भी कभी नहीं लगा कि पाकिस्तान ऐसा स्कोर बना पाएगा जो भारतीय टीम की परीक्षा लेने वाला होगा।
अय्यर ने कहा, "यदि हमने थोड़ा आक्रामक खेला होता तो हम और पहले जीत सकते थे।" उन्होंने 67 गेंदों में 56 रनों की पारी खेली।
अपनी पारी के दौरान उन्हें लेग स्पिनर अबरार अहमद का सामना करना पड़ा जो पाकिस्तान के सबसे किफ़ायती गेंदबाज़ रहे। अबरार ने अपने 10 ओवर में केवल 28 रन खर्च करते हुए एक विकेट लिया। उन्होंने शुभमन गिल को शानदार गेंद पर क्लीन बोल्ड किया था। अय्यर ने उनके बारे में कुछ अच्छी बातें कही।
"मुझे लगता है कि अबरार ने बेहतरीन गेंदबाज़ी की। मेरे लिए ये अहम था कि उस स्पेल को निकालूं और साथ ही लगातार स्ट्राइक भी रोटेट करता रहूं। इसमें थोड़ा समय लगा और जब मेरी आंखें जम गई तो मुझे लगा कि स्वीप और रिवर्स स्वीप उन्हें बैकफ़ुट पर भेजने के लिए सबसे अच्छा विकल्प था। मुझे लगता है कि मेरे लिए ये अच्छा काम किया।"
"अबरार के ख़िलाफ़ आक्रमण करना आसान नहीं था। उस समय सिंगल लेते रहना और टीम को अंत तक ले जाना सबसे अहम था। एक बार हम 30 या 40 रन पर पहुंच जाए तब आक्रमण करना आसान होता।"
चैंपियंस ट्रॉफ़ी में इस मैदान पर ये भारत का दूसरा मैच था, लेकिन ये पिच बांग्लादेश के ख़िलाफ़ हुए मैच की पिच से अलग थी। जिन गेंदबाज़ों ने गति में मिश्रण किया उनके ख़िलाफ़ रन बनाना मुश्किल था।
"पिछला मैच भी यहां खेलने के कारण हमें पता था कि यहां कि विकेट धीमी है। यहां स्पिनर्स को मदद मिलती है। उनके सभी गेंदबाज़ों का संयोजन और उनका अनुभव उनकी गेंदबाजी में काफ़ी स्पष्टता लाता है।"
भारत के सामने बहुत बड़ा लक्ष्य नहीं था, लेकिन इसके बाद भी अय्यर की शुरुआत धीमी रही थी। उन्होंने अपने पहले 28 गेंदों में केवल 12 रन बनाए थे।
उन्होंने कहा, "आक्रमण करना आवश्यक था, लेकिन वहां पहुंचते ही बड़े शॉट्स खेल पाना आसान नहीं था। आपको विकेट की गति और गेंद किस तरह बल्ले पर आ रही है ये देखना होता है। यदि आप हर गेंद पर वैसी सोच दिखाते हैं तो ईमानदारी से कहूं ये बल्लेबाज़ के लिए मुश्किल होता है।"
"थोड़ा समय लेना अच्छा होता है। देखिए किस तरह से ये आपके पास आ रही है और फिर गेंद को ही काम करने दीजिए।"

एंड्रयू फिडेल फर्नांडो ESPNcricinfo के सीनियर राइटर हैं.