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पोंटिंग की क्लिप ने कैसे की सिकंदर रज़ा की मदद

रज़ा ने इस वर्ष कुल सात प्लेयर ऑफ़ द मैच ख़िताब जीते हैं

ज़िम्बाब्वे के ऑलराउंडर सिकंदर रज़ा ने अपने मैच जिताऊ प्रदर्शन का श्रेय रिकी पोंटिंग को दिया है। रज़ा बताते हैं कि पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मुक़ाबले से पहले उनके लिए सोना दूभर हो रहा था लेकिन मुक़ाबले से ठीक पहले पोंटिंग की वह क्लिप ने उनके मन को शांत कर दिया जिसमें वह ग्लेन मैक्ग्रा और शेन वॉर्न के बारे में बात करते हुए उनकी फ़ॉर्म पर चर्चा कर रहे थे।
ज़िम्बाब्वे की जीत के तुरंत बाद रज़ा ने ब्रॉडकास्टर से बात करते हुए कहा, "आज सुबह मुझे एक क्लिप भेजी गई जिसमें रिकी पोंटिंग मेरे बारे में बात कर रहे थे। मैं आज के लिए उत्सुक होने के साथ साथ नर्वस भी था। प्रेरणा ज़रूर थी लेकिन अगर अतिरिक्त सहायता की ज़रूरत थी तो मुझे लगता वह क्लिप मेरे काम आई।"
मैच के बाद प्रेस वार्ता के दौरान रज़ा ने कहा, "मेरे परिवार के ही किन्हीं सदस्यों ने मुझे वह क्लिप भेजकर कहा था कि वे भावुक हैं। इस खेल के महान खिलाड़ी ज़िम्बाब्वे और विशेषकर मेरी बात कर रहे थे, यह सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे। ऐसा नहीं था कि मुझे एक्स्ट्रा किक चाहिए थी लेकिन अगर मुझे उसकी ज़रूरत होती तो वह क्लिप मेरे काम आई।"
रज़ा के लिए यह एक अविस्मरणीय वर्ष रहा है जहां उन्होंने किसी भी अन्य क्रिकेटर की तुलना में सर्वाधिक सात प्लेयर ऑफ़ द मैच के ख़िताब जीते हैं। पोंटिंग ने टीम में उनकी एक सीनियर के तौर पर भूमिका और चुनौतियों का सामना करने की क्षमता की तारीफ़ की थी।
आईसीसी द्वारा जारी किए गए एक वीडियो में पोंटिंग कह रहे थे, "चूंकि टी20 एक क्षण आधारित खेल है जहां एक गेंद मुक़ाबले की दशा और दिशा तय करने का माद्दा रखती है ऐसे में एक अनुभवी खिलाड़ी के पास परिस्थिति और गेम की अधिक समझ होती है। मैंने शुरू में सिकंदर रज़ा के परिपक्वता की बात की थी, ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें पता है कि कब क्या करना है? और दबाव में कैसा खेला जाता है? ग्लेन मैक्ग्रा और शेन वॉर्न इसके बड़ी मिसाल हैं। यह ऐसे खिलाड़ी थे जो मुक़ाबले में ऐसा क्षण चाहते थे और वह उस घड़ी को अपने हाथों से फिसलने नहीं देते थे और यह कुछ ऐसा है जिसे सिकंदर रज़ा ने कर के दिखाया है। 33-34 की उम्र में लगातार सुधार करना आसान नहीं होता है लेकिन उन्होंने वनडे और टी20 दोनों ही प्रारूपों में ख़ुद को साबित किया है। वह भले ही इस समय 36 वर्ष के हैं लेकिन मैदान पर उनका अंदाज़ किसी अन्य युवा खिलाड़ी से कम नहीं है। ऐसा लगता है जैसे वह अभी भी 26 साल के हैं। वह खेल का भरपूर लुत्फ़ उठाते हैं और सामने से टीम का नेतृत्व भी करते हैं।"
रज़ा ने इस विश्व कप में बल्ले और गेंद के साथ ज़िम्बाब्वे के लिए कमाल किया है। पहले राउंड के पहले मुक़ाबले में उन्होंने आयरलैंड के ख़िलाफ़ 82 रनों की पारी खेली, वहीं वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध उन्होंने 19 रन देकर तीन विकेट झटके। स्कॉटलैंड के विरुद्ध उन्होंने 40 रन बनाने के साथ 20 रन देकर एक विकेट अपने नाम किया। अब पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 25 रन देकर उन्होंने तीन बल्लेबाज़ों को अपना शिकार बनाते हुए अपनी टीम की जीत का मार्ग प्रशस्त किया।
उन्होंने पाकिस्तान के विरुद्ध मिली जीत पर बात करते हुए कहा, "जब से मैं ज़िम्बाब्वे क्रिकेट का हिस्सा हूं, मैं इस जीत को सबसे बड़ी जीत की संज्ञा दूंगा। क्योंकि यह विश्व कप है जो सबसे बड़ा मंच है। एक छोटे स्कोर का बचाव करते हुए पाकिस्तान को हराने के लिए आपको सब कुछ झोंकना पड़ेगा जोकि हमने किया भी। यह मेरे लिए अब तक की सबसे बड़ी जीत है।"
ऑस्ट्रेलिया आने से पहले रज़ा ने अपने कप्तान क्रेग एर्विन से कहा था कि अगर वह प्लेयर ऑफ़ द मैच बनेंगे तो प्रति मैच के हिसाब से एर्विन उन्हें तोहफ़े के रूप में एक घड़ी देंगे। रज़ा के खाते में पहले ही तीन घड़ियां आ चुकी हैं। रज़ा ने बताया कि आख़िर प्लेयर ऑफ़ द मैच जीतने के बाद उन्होंने क्यों अपनी कलाई की ओर इशारा किया था। रज़ा ने कहा, "मैं उन्हें याद दिला रहा था कि उन्हें मुझे अब तीन घड़ी देनी है।"

फ़िरदौस मुंडा ESPNcricinfo की साउथ अफ़्रीकी संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर नवनीत झा ने किया है।