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अश्विन : डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल में ना खेलने से मुझे झटका नहीं लगा

'ऐसा मेरे साथ पहले भी हो चुका है और मैं इससे जल्द ही उबर जाऊंगा'

R Ashwin could only watch the WTC Final from the sidelines, Australia vs India, WTC final, day one, London, June 7, 2023

फ़ाइनल के दौरान अश्विन  •  ICC/Getty Images

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फ़ाइनल में भारत ने अपने एकादश में विश्व के नंबर एक गेंदबाज़ आर अश्विन को नहीं चुना था। अश्विन इसे 'झटका' नहीं बल्कि एक 'बाधा' मानते हैं।
इंडियन एक्सप्रेस और द हिंदू को दिए इंटरव्यू में अश्विन ने कहा, "यह महज एक छोटा सा झटका था। ऐसा मेरे साथ पहले भी हो चुका है और मैं इससे जल्द ही उबर जाऊंगा। जब कोई आपको पहली बार गिराता है, तो आप अपना घुटना झटक कर प्रतिक्रिया देते हैं। मुझे लगता है कि जीवन में कभी-कभी गिरते रहने चाहिए ताकि आप इसके अभ्यस्त हो जाएं और जान सकें कि कैसे वापसी करनी है। आपको यह सब सीखना ही होगा।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं फ़ाइनल में खेलना पसंद करता क्योंकि फ़ाइनल में पहुंचने तक की यात्रा का मैं हिस्सा रहा था। पिछले फ़ाइनल में मैंने चार विकेट लिए थे और अच्छी गेंदबाज़ी की थी। 2018-19 से मैंने विदेशों में अच्छी गेंदबाज़ी की है और टीम को मैच जिताये हैं। मैं इसे एक कप्तान या कोच के निर्णय के रूप में देख रहा हूं। मैं अपने करियर के उस दौर में हूं, जिसमें लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं, मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। मुझे अपनी क्षमता के बारे में पता है। अगर मैं किसी चीज़ में अच्छा नहीं हूं तो मैं अपना पहला आलोचक होऊंगा, मैं उस पर काम करूंगा। मैं कोई ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो नाम और ख़्याति होने पर बैठ जाए। मुझे ऐसा कभी नहीं बनना है।"
अश्विन ने इंग्लैंड में सात टेस्ट की 11 पारियों में 28.11 की औसत से 18 विकेट लिए हैं। हालांकि 2021-22 के इंग्लैंड दौरे पर उन्हें पांचों टेस्ट में बाहर बैठना पड़ा था। भारत तब अपने एकादश में चार तेज़ गेंदबाज़ और एक स्पिनर के साथ गया था।
अश्विन ने बताया कि उन्हें 48 घंटे पहले ही पता चल गया था कि वह फ़ाइनल में नहीं खेल रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैं पहले की तुलना में बहुत अधिक आश्वस्त हो गया हूं। बहुत से लोगों का मानना है कि मैं बहुत अधिक सोचता हूं। एक व्यक्ति जो 15-20 टेस्ट मैच अपने दम पर जीत सकता है, उसे मानसिक रूप से ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है।"