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जाडेजा और अक्षर: यहां स्वीप और रिवर्स स्वीप खेलना मुश्किल है

अक्षर ने 74 रन की महत्पूर्ण पारी के दौरान इन शॉट्स को नहीं खेला, वहीं ऑस्ट्रेलिया द्वारा ज़रूरत से ज़्यादा खेलने से जाडेजा को फ़ायदा हुआ

दिल्ली टेस्ट की दूसरी पारी में ज़रूरत से ज़्यादा स्वीप शॉट खेलने के कारण ऑस्ट्रेलिया की पारी बिखर गई और उन्हें भारत के हाथों हार का सामना करना पड़ा। उनकी इस हार के बाद स्पिनरों की मददगार पिचों पर शॉट चयन को लेकर काफ़ी सवाल खड़े हुए हैं।
भारत के दो बाएं हाथ के स्पिन-गेंदबाज़ी ऑलराउंडरों रवींद्र जाडेजा और अक्षर पटेल ने कहा कि कम उछाल वाली पिचों पर स्वीप शॉट ग़लत विकल्प था, बेहतर रणनीति यह थी कि सीधे बल्ले से खेला जाए।
दोनों खिलाड़ियों ने मैच के दूसरे दिन ऐसा ही किया, जिसकी मदद से भारत, ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के स्कोर 263 रन के क़रीब तक पहुंच पाया। जाडेजा ने 26 रन बनाए और अक्षर ने भारत की ओर से सर्वाधिक 74 रन बनाए और फिर जब ऐसा लग रहा था कि तीसरे दिन के खेल शुरू होने पर भारत बैकफ़ुट पर है, तब जाडेजा ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ी क्रम को तहस-नहस कर दिया। उन्होंने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी प्रदर्शन करते हुए 42 रन देकर 7 विकेट लिए।
अक्षर ने बीसीसीआई की वेबसाइट के लिए जडेजा से बातचीत में कहा, "यहां स्वीप और रिवर्स स्वीप करना मुश्किल होता है, लिहाज़ा मैंने इसका प्रयास नहीं किया (हंसते हुए)। बजाय इसके मैंने बल्ले को पैड के सामने लाया और गेंद को उसकी मेरिट के आधार पर खेला।
"पिछली बार जब मैंने आपके [जाडेजा] के साथ बल्लेबाज़ी की थी, तो आपने मुझे बताया था कि वे मेरे पैड को टारगेट करने की कोशिश कर रहे थे, इसलिए मैं अपने पैड को बचा रहा था। मेरा मानना था कि जो गेंद स्लॉट में है उसे हिट करना है और अच्छी गेंदों का सम्मान करना है। यही वह चीज़ है जो मैं करता हूं। इस बार तो एक बाएं हाथ का स्पिनर [मैथ्यू कुनमन] भी था।" जाडेजा ने उस समय हस्तक्षेप किया और कहा, "और तुमने उसे आड़े हाथों लिया।" अक्षर थोड़ा हंसे और बोले, "नहीं, मैंने उसे आड़े हाथों नहीं लिया, लेकिन एक ऑफ़ स्पिनर के बजाय बाएं हाथ का स्पिनर जब गेंदबाज़ी करता है तो गेंद टर्न होकर आपकी ओर आती है जिस पर आपको शॉट खेलने का मौक़ा मिलता है।"
जाडेजा की 26 रनों की पारी भले ही उतनी बड़ी नहीं लग रही हो, लेकिन विराट कोहली (44 रन) के साथ उनकी साझेदारी अहम रही। दोंनों ने टेस्ट बल्लेबाज़ी की कुछ बेहतरीन झलिकयां पेश की।
जाडेजा ने कहा, "इस पिच पर [बल्ले के साथ] सोच यह थी कि एक अच्छी गेंद कभी भी आ सकती है। हालांकि योजना डिफ़ेंस पर भरोसा करना और पैड के सामने बल्ले से खेलना था। मैं और विराट कम उछाल वाली गेंदों पर ज़्यादा से ज़्यादा सीधा खेलने की बात कर रहे थे।"
इसके बाद जब गेंद जाडेजा के हाथ में थी और उन्होंने देखा कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ हर गेंद को स्वीप करने की कोशिश कर रहे हैं, तो उन्हें पता था कि स्टंप लाइन में गेंदबाज़ी करनी है।
उन्होंने कहा, 'भारत में अगर ऐसे विकेट रहते हैं, तो अच्छा लगता है कि एक स्पिनर की भूमिका और ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है। जिस तरह से वे स्वीप और रिवर्स स्वीप को प्राथमिकता दे रहे थे, मैं स्टंप लाइन में गेंदबाज़ी करना चाह रहा था। इसका अर्थ हुआ कि अगर उन्होंने मिस किया और गेंद नीची रही तो जाकर स्टंप्स को हिट करेगी।"
भारत 1 मार्च को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी का तीसरा टेस्ट खेलेगा। मेज़बान टीम ने 2-0 की बढ़त के साथ इस ट्रॉफ़ी को रिटेन कर लिया है। साथ ही भारतीय टीम जून के आख़िर में होने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फ़ाइनल में जगह बनाने के लिए अच्छी स्थिति में है।