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कोविड पॉज़िटिव बने रहने के बाद भी गाबा टेस्ट खेल सकते हैं ट्रैविस हेड

बस उन्हें कुछ प्रोटोकॉल का पालन करना होगा

Travis Head was named Player of the Match for his 119, Australia vs West Indies, 1st Test, Adelaide, 3rd day, January 19, 2024

हेड ने पहले मैच में शतक लगाया था  •  Cricket Australia/Getty Images

एडिलेड टेस्ट के बाद से ही कोरोना से संक्रमित चल रहे ट्रैविस हेड वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ दूसरा टेस्ट खेल सकते हैं। ऑस्ट्रेलियाई खेमा इस बात को लेकर आश्वस्त है कि हेड कोविड पॉज़िटिव बने रहने के बाद भी गाबा में उतर सकते हैं।
कोरोना संक्रमण के चलते हेड ने ब्रिस्बेन पहुंचने के लिए एक अतिरिक्त दिन लिया क्योंकि वह घर पर रिकवर होने के लिए ख़ुद को अतिरिक्त समय देना चाहते थे। हालांकि दूसरे टेस्ट से पहले उनके पूरी तरह से ठीक होने की उम्मीद जताई जा रही है लेकिन वह अगर रिकवर नहीं हो पाते हैं तब भी वह मैच खेल पाएंगे। हालांकि इसके लिए उन्हें कुछ अतिरिक्त प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। हेड ने पिछले टेस्ट में 134 गेंदों पर 119 रन बनाए थे।
पैट कमिंस ने कहा, "वह लगभग स्वस्थ हो चुके हैं। वह ठीक हैं और अच्छा महसूस कर रहे हैं। अगर वह रिकवर नहीं हो पाते हैं तब भी वह खेल सकते हैं, बस कुछ प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। लेकिन मेरे ख़्याल से वह कोविड नेगेटिव होने की कगार पर हैं।"
उस्मान ख़्वाजा द्वारा कन्कशन टेस्ट पास किए जाने के बाद ऑस्ट्रेलिया बिना किसी फेरबदल के ही दूसरा टेस्ट खेलने उतर सकती है। मैट रेनशॉ को BBL में ब्रिस्बेन हीट के लिए खेलने की अनुमति भी दे दी गई है और वह बुधवार को होने वाले फ़ाइनल के लिए अपने दल के साथ जुड़ेंगे। हालांकि इसके बाद वह वापस टेस्ट दल के साथ जुड़ जाएंगे।
एडिलेड टेस्ट तीन दिन भी नहीं चल पाया था। हालांकि एक गेंदबाज़ के तौर पर शायद ही कमिंस को इससे कोई समस्या है। इसके साथ ही उन्होंने इन गर्मियों में हुए छोटे टेस्ट मैचों को ही ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण में बदलाव ना किए जाने का कारण बताया है।
कमिंस ने कहा, "मैंने ऐसे टेस्ट मैच भी खेले हैं जो पांच दिन तक खेलने के बाद भी ड्रॉ हुए हैं। मैंने लोगों को खाली हाथ लौटते देखा है। लेकिन दो या तीन दिन तक चलने वाले मैच लोगों को मन में उत्सुकता पैदा करते हैं और वह पूरे समय टीवी पर अपनी नज़रें गड़ाए रखते हैं। आदर्श स्थिति में आप तो यही चाहते हैं कि टेस्ट कम से कम दो दिन से ज़्यादा चले लेकिन बल्ले और गेंद के बीच प्रतिस्पर्धा होना भी उतना ही ज़रूरी है क्योंकि तब ही लगता है कि हर सत्र का अपना महत्व है।"
ऑस्ट्रेलिया के तीनों तेज़ गेंदबाज़ डे-नाइट टेस्ट में 20 से कम की औसत से रन ख़र्च करते हैं और इसे देखते हुए तो ऐसा नहीं लग रहा कि वेस्टइंडीज़ के बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किलें कम होने वाली हैं।

ऐंड्र्यू मक्ग्लैशन ESPNcricinfo में डिप्टी एडिटर हैं