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विश्व कप के परिणामों का मतलब यह नहीं कि हम ख़राब क्रिकेट खेलते थे : रोहित

"हम खिलाड़ियों से कह रहे हैं कि जिस तरह से वे अपने आईपीएल टीम या राज्य के लिए खेलते हैं, वैसे ही खेलें"

Rohit Sharma gets sprayed with champagne after the series win, England vs India, 3rd ODI, Manchester, July 17, 2022

रोहित का मानना है कि खिलाड़ियों मैदान के बाहर भी एकजुट रहना चाहिए  •  Getty Images

भारत ने 2007 में टी20 विश्व कप उद्घाटन संस्करण में अपनी सफलता के बाद से कोई टी 20 विश्व कप नहीं जीता है। पिछले संस्करण में भारत को एक मज़बूत टीम माना जा रहा था। इसके बावजूद वे नॉकआउट के लिए क्वालीफ़ाई नहीं कर सके। हालांकि रोहित शर्मा के अनुसार, उस परिणाम से ये तय नहीं किया जा सकता कि उस वक़्त टीम "रूढ़िवादी" दृष्टिकोण के साथ क्रिकेट खेल रही था। उन्होंने कहा कि टीम प्रबंधन ने अब खिलाड़ियों को खुलकर खेलने की आज़ादी दी है।
वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ पहले टी20 मैच से पहले रोहित ने कहा, "अगर पिछले विश्व कप में हमें अच्छे परिणाम नहीं मिल रहे थे, इसका यह मतलब नहीं है कि हम ख़राब क्रिकेट खेल रहे थे। मैं इस बात से भी सहमत नहीं हूं कि विश्व कप में एक या दो मैच हार जाने से यह तय कर लिया जाए कि हम रूढ़िवादी क्रिकेट खेल रहे थे। अगर आप देखें ते हम टी20 विश्व कप से पहले लगभग 80(71) फ़ीसदी मैचों में जीत रहे थे। अगर आप रूढ़िवादी क्रिकेट खेल रहे हैं तो इतने मैच नहीं जीत सकते हैं।"
"हां, हमने 2021 में नॉकआउट के लिए क्वालीफ़ाई नहीं किया। इसका मतलब यह नहीं है कि हम स्वतंत्र रूप से नहीं खेल रहे थे। हालिया समय में हमने अपने खेल में ऐसा कोई बदलाव नहीं किया है। हम पहले जैसा खेल रहे थे अब भी हम उसी तरह से खेल रहे हैं लेकिन हमने खिलाड़ियों को अपना खेल खेलने की आज़ादी दी है, क्योंकि अगर आप खुलकर खेलेंगे तो आप अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।"
"इसी लिए जो लोग मैदान से बाहर हैं उन्हें धैर्य रखना पड़ेगा। जिस तरीक़े से हम अपने खेल को आगे बढ़ा रहे हैं, उसमें हम कई मैच हारेंगे भी। परिणाम हमेशा हमारे पक्ष में नहीं जाएंगे लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं होगा कि हमारे खिलाड़ी अच्छे नहीं हैं। बात बस इतनी सी है कि हम कुछ नया करने का प्रयास कर रहे हैं। समय के साथ हर किसी को बदलना पड़ता है।"
पिछले महीने मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने "आक्रामक क्रिकेट" खेलने की बात की थी। उसके परिणाम भी आए हैं। इस साल टी20 क्रिकेट में,भारत ने 9.45 प्रति ओवर की दर से रन बनाए हैं, जो एक कैलेंडर वर्ष में उनका सर्वश्रेष्ठ रन दर है। इस साल भारत की तुलना में किसी अन्य टीम ने इतनी तेज़ गति से रन नहीं बनाया है।
रोहित का मानना है कि खिलाड़ियों को स्वतंत्र रूप से बल्लेबाज़ी करने का एक तरीक़ा यह भी है कि उन्हें उसी तरह से बल्लेबाज़ी करने के लिए कहा जाए जैसे कि वे अपनी फ़्रेंचाइज़ी या राज्य की टीमों के लिए खेल रहे थे और परिणाम के बारे में अधिक न सोचें।
रोहित ने कहा, "हम अभ्यास के दौरान तक़नीक और बाक़ी सभी चीज़ के बारे में बात कर सकते हैं लेकिन मैच के दौरान खिलाड़ियों को स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। हम उनसे कह रहे हैं कि जिस तरह से वे अपने फ़्रेंचाइज़ी या राज्य के लिए खेलते हैं, वैसे ही खेलें। वहां वे ज़्यादा दबाव नहीं लेते हैं। इसलिए यहां भी उन्हें ऐसा ही करने की ज़रूरत है। बेशक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का एक अलग दबाव है लेकिन यह हमारा काम है कि हम उस दबाव को कम करें। इसलिए हम लड़कों को वह माहौल देने की कोशिश कर रहे हैं जहां वे खुलकर खेलें और अपने प्रदर्शन के बारे में अधिक नहीं सोचें।"
एक और चीज़ जिस पर टीम ध्यान केंद्रित कर रही है वह है सही माहौल बनाना। भारत ने फिर पैडी अप्टन को मानसिक स्वास्थ्य (मेंटल कंडीशनिंग) कोच बनाया है। रोहित को लगता है कि उनके टीम में आने खिलाड़ियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा, "मैदान पर तो हम वैसे भी एक इकाई के रूप में खेलते हैं, लेकिन यह भी ज़रूरी है कि मैदान के बाहर खिलाड़ी साथ रहें, साथ में मस्ती करें, एक-दूसरे की टांग खींचे। यह कुछ ऐसा है जो एक अच्छा टीम वातावरण बनाता है। इसलिए हमारा ध्यान उस पर भी है, हम कैसे माहौल को हल्का रख सकते हैं और इसका आनंद ले सकते हैं।"

हेमंत बराड़ ESPNcricinfo के सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।