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मांधना ने कोटला में RCB की 'विजय पार्टी' में ख़ुद को रखा सुर्ख़ियों से दूर

उनकी चतुराई वाली कप्तानी और दमदार स्पिन गेंदबाज़ी ने RCB को बनाया चैंपियन

Smriti Mandhana and Co gather for WPL 2024, February 22, 2024

स्मृति मांधना ने WPL 2024 में की अदभुत कप्तानी  •  RCB

ऋचा घोष ने जैसे ही विजयी रन बनाए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू की सभी खिलाड़ी फ़ील्ड की ओर दौड़ पड़ीं, लेकिन स्मृति मांधना वहां नहीं थीं। RCB ने पहला संस्करण चौथे स्थान पर रहते हुए खत्म किया था और अब उन्होंने उस दिल्ली कैपिटल्स को हराते हुए ख़िताब जीता, जिसके ख़िलाफ़ उन्हें अब तक एक भी जीत नहीं मिली थी। दिल्ली ने लगातार दूसरी बार सीधे फ़ाइनल में जगह बनाई थी।
लगभग 29,000 लोगों की मौज़ूदगी में RCB ने ट्रॉफ़ी जीती और इसरका जश्न मनाया जाना स्वाभाविक था। श्रेयंका पाटिल मैदान में पहुंचने वाली पहली खिलाड़ी रहीं और उन्होंने ऋचा को गले लगाने के अलावा टीम के अन्य खिलाड़ियों को भी गले लगाया। इस दौरान उन्होंने एक इंटरव्यू भी दिया जिसमें उन्होंने कहा, "ई साला कप नाम दे, ई साला कप नाम दे [इस साल कप हमारा है]। देखिए हमें कप मिल गया है।"
एक सप्ताह पहले ही ऋचा और पाटिल पिच पर ही बिखर पड़ी थीं जब दिल्ली के ख़िलाफ़ ही उन्हें एक रन के क़रीबी हार झेलनी पड़ी थी। फ़ाइनल में आठ विकेट की जीत के बाद जहां पूरी टीम मैदान पर जश्न मना रही थी तो वहीं मांधना वहां पहुंचने वाली आख़िरी व्यक्ति थीं। उनके चेहरे पर जीत की खुशी साफ़ दिख रही थी, लेकिन उन्होंने इसे बहुत अधिक बाहर नहीं आने दिया। उन्होंने सबसे पहले दिल्ली की ऑलराउंडर अरुंधति रेड्डी को गले लगाया जिनकी गेंद पर विजयी रन बने थे। कुछ लोगों से हाथ मिलाने के बाद उन्होंने एलिस पेरी को गले लगाया और उन्हें उठा लिया।
थोड़ी ही देर बाद वह फिर से गायब थीं। वह वहां भी नहीं थीं जहां RCB के कुछ खिलाड़ी नाच रहे थे और ना ही वहां थीं जहां कुछ खिलाड़ी टीम के मालिकों के साथ हंसा-मज़ाक कर रहे थे। सपोर्ट स्टॉफ़ के साथ जीत का जश्न मना रहे लोगों के साथ भी मांधना दिख नहीं रही थीं। लगभग दस मिनट के बाद वह ड्रेसिंग रूम से बाहर निकलीं और अपने साथियों के साथ हो गईं।
मांधना ने बाद में प्रेस-कॉन्फ़्रेंस में कहा, "पहली चीज़ मैंने ये की थी कि मैं ड्रेसिंग रूम में जाकर बैठ गई थी। अन्य लोगों की तरह जश्न मनाना कठिन है। मुझे नहीं पता थायद कोई कमी है।"
संभवतः तीन घंटे पहले तक RCB के लिए हंसना मुश्किल था। कैपिटल्स ने पहले बल्लेबाज़ी का निर्णय लेने के बाद शेफ़ाली वर्मा के दम पर आतिशी शुरुआत की थी। पावरप्ले में उन्होंने बिना विकेट गंवाए 61 रन बना डाले थे। टूर्नामेंट के दो संस्करणों में यह पावरप्ले में बना दूसरा सर्वोच्च स्कोर था। मांधना ने इसके बाद अपने पहले ओवर में 10 रन देने वाली सोफ़ी मोलिन्यू को वापस गेंदबाज़ी के लिए बुलाया। यह निर्णय RCB के पक्ष में रहा। मोलिन्यू ने उस ओवर में शेफ़ाली के अलावा जेमिमाह रॉड्रिग्स और ऐलिस कैप्सी को पवेलियन की राह दिखाई।
शुरुआती झटके देने के बाद मांधना ने पाटिल को आक्रमण पर लगाया और उन्होंने दो मैचों में दूसरी बार मेग लानिंग का विकेट लेकर इस फ़ैसले को भी सही साबित किया। पाटिल को आशा शोभना का साथ मिला और दिल्ली ने 10 में से नौ विकेट स्पिनर्स के ख़िलाफ़ गंवाए। बिना विकेट खोए 64 रन बना चुकी दिल्ली ने 49 रनों पर 10 विकेट गंवा दिए और पूरी टीम 113 के स्कोर पर ढेर हो गई।
RCB द्वारा मोलिन्यू को ख़रीदने का फ़ैसला सही साबित हुआ क्योंकि उन्होंने पावरप्ले और डेथ ओवर्स में अधिकांश गेंदबाज़ी करते हुए 7.31 की इकॉनमी से 12 विकेट अपने नाम किए। वह RCB के लिए संयुक्त रूप से दूसरी सर्वाधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज़ रहीं और वह भी तब जब वह चोट के कारण लगभग दो साल तक मैदान से दूर रही थीं।
मांधना ने कहा, "हम लंबे समय से उन्हें फ़ॉलो कर रहे थे। मुझे याद है जब 2021 में वनडे सीरीज़ में वह हमारे ख़िलाफ़ गेंदबाज़ी कर रही थी। मेरे ख़्याल से वह भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीम के बीच का अंतर थी और जिस तरह से वो अंतिम 4-5 ओवर्स फेंकती थी वह मुझे हमेशा के लिए याद हो गया था।"
"पिछले दो साल चोट के कारण उनके लिए काफ़ी कठिन रहे। उन्हें एसीएल इंजरी हुई थी और मैं उसका दर्द महसूस कर सकती हूं [मैं भी इसका सामना कर चुकी हूं], उनके लिए काफ़ी खुश हूं। उन्होंने जिस तरह से वापसी की, वह एकदम साफ़ थीं। केवल आज ही नहीं बल्कि एलिमिनेटर में भी उस तरह का 19वां ओवर फेंकना [केवल चार रन देकर एक विकेट लेना], उनके लिए बहुत खुश हूं और वह निश्चित रूप से स्पेशल खिलाड़ी हैं।"
2021 वही सीरीज़ है जिसके तीसरे वनडे में थ्रो लगने के कारण मोलिन्यू का जबड़ा भी टूट गया था। उन्होंने खेलना ज़ारी रखा था। उनके साहस और शानदार प्रदर्शन का उन्हें फल मिला है और बांग्लादेश में होने वाले टी-20 विश्व कप के क़रीब होने के कारण उनके ऑस्ट्रेलिया की लिमिटेड ओवर्स टीम में वापसी के रास्ते भी खुल गए हैं।
प्लेयर ऑफ़ द मैच बनने के बाद मोलिन्यू ने कहा, "लंबे समय तक क्रिकेट नहीं खेलने के बाद भी RCB द्वारा चुना जाना स्पेशल था। मुझे लगा कि आज़ रात मैं काफ़ी धीमी गेंदबाज़ी कर रही थी। पूरे टूर्नामेंट के दौरान मैं थोड़ी तेज़ थी। मेरे हिसाब से टूर्नामेंट यही है जिसमें पिछली गलतियों से लगातार सीखते रहना और अगले मैच पर ध्यान लगाना होता है।"
मोलिन्यू के तीन विकेट वाले ओवर ने ही एक ऑस्ट्रेलियाई कप्तान को ट्रॉफ़ी उठाने का मौका नहीं दिया और दूसरी बार भी किसी भारतीय कप्तान के हाथ में ही ट्रॉफ़ी गई है। WPL की ट्रॉफ़ी हाथ में आते ही मांधना ने इसे युवा खिलाड़ियों को थमा दिया और ख़ुद बांयी ओर पीछे जाकर खड़ी हो गईं।

एस सुदर्शनन ESPNcricinfo में सब-एडिटर हैं @Sudarshanan7