बड़ी तस्वीर
दिल्ली कैपिटल्स ने राजस्थान रॉयल्स पर जीत हासिल कर प्ले ऑफ़ में अपनी जगह लगभग पक्की कर ली है। अंतिम चार मैचों में दो जीत हासिल कर वह शीर्ष दो में स्थान बनाना चाहेगी ताकि उन्हें फ़ाइनल में पहुंचने के कम से कम दो मैच मिले। अंतिम मैचों में वह अपने कुछ रिज़र्व खिलाड़ियों को भी टीम में आज़माना चाहेगी।
वहीं कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए स्थितियां अलग हैं। यूएई चरण के तीन मैच में उन्हें दो में जीत और एक हार मिली है और उसका तीन अन्य टीमों के साथ आठ अंक है, तो अगर-मगर, नेट रन रेट आदि किसी भी परिस्थितियों से बचने के लिए वह ज़रूर जीत हासिल करना चाहेगी।
इस लेग में वेंकटेश अय्यर कोलकाता के लिए छुपा रुस्तम साबित हुए हैं। लॉकी फ़र्ग्यूसन और सुनील नारायण ने भी गेंद से अच्छा प्रदर्शन किया है। हालांकि कप्तान ओएन मॉर्गन की फ़ॉर्म उनके लिए चिंता का संकेत है। आईपीएल 2020 से टी20 क्रिकेट में मॉर्गन का औसत 18.92 और स्ट्राइक रेट 123.72 रहा है। इसमें एक भी अर्धशतक नहीं है। आंद्रे रसल की अनुपस्थिति में टीम को मॉर्गन की बल्लेबाज़ी की सबसे अधिक ज़रूरत होगी।
चेन्नई के ख़िलाफ़ फ़ील्डिंग करते हुए रसल हैमस्ट्रिंग इंज़री का शिकार हो गए थे। उनका खेला जाना तय नहीं माना जा रहा है। बेन कटिंग या शाकिब अल हसन उनकी जगह ले सकते हैं। हालांकि धीमी पिचों पर शाकिब को वरीयता मिल सकती है। वहीं दिल्ली की बात की जाए तो मॉर्कस स्टॉयनिस को चोट है और उनकी जगह सैम बिलिंग्स खेल सकते हैं।
दिल्ली कैपिटल्स: पृथ्वी शॉ, शिखर धवन, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत (कप्तान/विकेटकीपर), ललित यादव, शिमरन हेटमायर, अक्षर पटेल, आर अश्विन, कगिसो रबाडा अनरिख़ नॉर्खिये, आवेश ख़ान
कोलकाता नाइटराइडर्स: शुभमन गिल, वेंकटेश अय्यर, राहुल त्रिपाठी, शाकिब अल हसन, नितीश राणा, ओएन मॉर्गन (कप्तान), दिनेश कार्तिक, सुनील नारायण, लॉकी फ़र्ग्यूसन, प्रसिद्ध कृष्णा, वरुण चक्रवर्ती
क्या केकेआर नारायण को मध्य क्रम में जगह दे सकता है? उन्होंने पिछले सीज़न नंबर पांच पर बल्लेबाज़ी करते हुए दिल्ली के ख़िलाफ़ 32 गेंद पर 64 रन बनाए थे। हंड्रेड में भी उन्होंने दिखाया कि उनकी बल्लेबाज़ी में सुधार हुआ है और वह अब शॉर्ट गेंदों को पुल या हुक करके छक्के लगा सकते हैं।
ललित यादव दिल्ली के प्लेइंग इलेवन से अंदर-बाहर होते रहे हैं। केकेआर में बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों की उपस्थिति के कारण उन्हें टीम में जगह मिल सकती है। अपने छोटे से आईपीएल करियर में उन्होंने कभी भी खब्बू बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ बॉउंड्री नहीं दी है और उनके सभी तीन आईपीएल विकेट बाएं हाथ के बल्लेबाज़ ही रहे हैं। इसमें नारायण और मॉर्गन का भी नाम शामिल है।