कोलकाता नाइड राइडर्स 130/7 (राणा 36*, गिल 30, आवेश 3-13) ने दिल्ली कैपिट्लस 127/ 9 (पंत 39, स्मिथ 39, फ़र्ग्युसन 2-10, नारायण 2-18, वी अय्यर 2-29) को तीन विकेट से हराया
एक ऑलराउंडर के बजाय एक तेज़ गेंदबाज़ को घायल आंद्रे रसेल की जगह टीम में जगह देने का मतलब था कि कोलकाता नाइट राइडर्स अपने टीम को संतुलित करने के लिए सुनील नारायण पर बहुत विश्वास कर रहे हैं। हालिया दिनों में नारायण का फ़ॉर्म उतना अच्छा नहीं रहा है।
नारायण ने भी उस विश्वास के एवज में एक प्रभावशाली ऑलराउंड प्रदर्शन के साथ शुक्रिया अदा किया। नारायण के इस प्रदर्शन की मदद से आईपीएल 2021 के यूएई चरण में चार मैचों में तीसरी जीत मिली है।
शारजाह में एक मुश्किल और धीमी पिच पर दिल्ली की टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए सिर्फ़ 127 रन बनाए। इस दौरान नारायण ने अपने 4 ओवरों में 18 रन देकर 2 विकेट लिए। जवाब में जब कोलकाता बल्लबाज़ी करने उतरी तो कई बार ऐसा लगा कि मैच किसी भी टीम के पाले में जा सकती है। लेकिन नियमित अंतराल पर विकेट गिरते रहे, जिससे मैच में शुरू से अंत तक रोमांच बना रहा। हालांकि अंत में नारायण ने 10 गेंदों में 21 रनों की पारी खेल कर मैच को कोलकाता की झोली में डाल दिया।
मैच के शुरुआती पल और धवन
पहले चार ओवरों में यह साफ नहीं था कि यह पिच कैसी है। पावरप्ले में केकेआर ने ज़्यादातर तेज़ गेंदबाज़ों का प्रयोग किया। उस दौरान शिखर ने संदीप वॉरियर और टिम साउदी को 16 गेंदों में पांच चौके लगाए। पहले तो धवन को एक अंपायर्स कॉल ने आउट होने से बचा लिया हालांकि कुछ ही देर बाद वह 20 गेंदों में 24 रन बना कर फ़र्ग्युसन की बैक ऑफ लेंथ गेंद पर प्वाइंट के फ़िल्डर को कैच थमा बैठे। पहले पांच ओवर की समाप्ति पर दिल्ली का स्कोर एक विकेट के नुकसान पर 35 रन था।
चक्रवर्ती और नारायण का चक्रव्यूह
छठे ओवर से 11वें ओवर तक लगातार इन दोनों रहस्यमयी स्पिनरों ने गेंदबाज़ी की, दोनों ही गेंदबाज़ काफ़ी तेज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे और लगातार लेंथ को थोड़ा पीछे रख रहे थे। दोनों गेंदबाज़ बल्लेबाज़ों को आसानी गेंद ज़मीनी शॉट लगाने का मौका नहीं दे रहे थे। यह इस पिच के लिए स्पिन गेंदबाज़ी की आदर्श शैली थी जिसके कारण कैपिटल्स के बल्लेबाज़ों को इन दोनों गेंदबाज़ों के सामने रन बनाने में संघर्ष करना पड़ा।
पहले चार ओवरों में इन दोनों गेंदबाज़ों ने सिर्फ़ 17 रन दिए जिसमें श्रेयस अय्यर का विकेट भी शामिल था।
हालांकि श्रेयस के आउट होने के बाद पंत और स्मिथ ने कुछ देर तक बल्लेबाज़ी की लेकिन तेज़ी से रन बनाने में असफल रहे। स्मिथ ने स्पिनर्स को कुछ शॉट लगाकर रन गति को बढ़ाने का प्रयास किया लेकिन यह काफ़ी नहीं था। 12.2 ओवरों के बाद दिल्ली का स्कोर तीन विकेट के नुकसान पर 77 रन था और अब दिल्ली को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने की ज़िम्मेदारी पंत के हाथ में थी।
स्मिथ का विकेट फ़र्ग्युसन के दूसरे ओवर में आया। वेंकटेश अय्यर ने भी अपने बहुमुखी प्रतिभा का यहां बढ़िया प्रदर्शन किया, उन्होंने मध्यम गति से गेंदबाज़ी करते हुए अपने चार ओवरों में सिर्फ़ 29 रन देकर दो विकेट लिए।
पंत लगातार अपनी टाइमिंग से जूझते नज़र आए। अंतिम नौ ओवरों में दिल्ली ने सिर्फ 54 रन बनाए और नौ विकेट गंवाए। वहीं यह दूसरा मौका था जब दिल्ली की पूरी टीम पारी में एक भी छक्का लगाने में कामयाब नहीं हो पाई।
केकेआर की शुरुआत
पहले ही ओवर में नॉर्खिये की गेंद पर दो चौके लगाकर वेंकटेश ने केकेआर की पारी को एक सकारात्मक शुरुआत दिला दी थी। केकेआर का पहला विकेट पांचवें ओवर में आया और तब टीम का स्कोर 28 रन था। उसके बाद त्रिपाठी बल्लेबाज़ी करने आए जिन्होंने पहले ही गेंद पर छक्का लगाया हालांकि वह भी 43 के स्कोर पर अश्विन का शिकार हो गए।
रबाडा और अश्विन ने मैच को रोमांचक बना दिया
कैपिटल्स ने रबाडा को 11वें ओवर में पहली बार गेंदबाज़ी करने के लिए बुलाया और उन्होंने पांच डॉट गेंद फेंकने के बाद गिल को आउट कर दिया। इसके बाद अश्विन ने भी एक बढ़िया ओवर डालते हुए मॉर्गन को आउट कर दिया। उस वक़्त कोलकाता को 54 गेंदों में 61 रनों की दरकार थी।
इसके बाद कार्तिक का विकेट जरूर गिरा लेकिन राणा ने काफ़ी समझदारी के साथ बल्लेबाज़ी की और बाद में जब नारायण आए तो 10 गेंदों में 21 रन बना कर मैच को पूरी तरह से केकेआर की झोली में डाल दिया।