इस सीज़न में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब पंजाब किंग्स ने आख़िरी ओवरों में अपना धैर्य खोया हो। आख़िरी चार ओवरों में बिना कोई बॉउंड्री लगाते हुए 135 का स्कोर खड़ा करने वाली पंजाब ने अपने डेथ ओवर में खूब रन खर्च किए। हार्दिक पंड्या और कायरन पोलार्ड ने 17 से 19 ओवर के बीच में चार चौके और तीन छक्के जड़े और अपनी टीम को छह विकेट से जीत दिला दी।
हार्दिक को 14वें ओवर में हरप्रीत बराड़ ने 7 रन के निजी स्कोर पर जीवनदान दिया, जिसका उन्होंने बखूबी फ़ायदा उठाया। इसके बाद हार्दिक ने मोहम्मद शमी की गेंद को फ़्लिक करते हुए चौका और छक्का जड़ा। वहीं इसके अगले ओवर में पोलार्ड ने अर्शदीप की यॉर्कर के प्रयास में की गई फ़ुलटॉस गेंदों पर चौरा व छक्का बटोरा। इसके बाद 19वें ओवर में शमी पर तीन चौके जड़ते हुए एक ओवर पहले ही मैच को अपने नाम कर लिया।
इससे पहले टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी पंजाब की टीम ने पॉवरप्ले में धीमी लेकिन सधी हुई शुरुआत करते हुए बिना विकेट खोए 36 रन बनाए। लेकिन अगली 14 गेंदों पर किंग्स की पारी का पतन शुरू हुआ और चार विकेट खोए। इस दौरान टीम ने सिर्फ़ 12 रन बनाए। क्रुणाल पंड्या ने चोटिल मयंक की जगह ओपनिंग करने आए मंदीप (15) को अपने लेफ़्ट आर्म स्पिन का शिकार बनाया। वह स्वीप करने के चक्कर में विकेट के एकदम सामने पाए गए और पगबाधा आउट हुए। यह पंड्या का आईपीएल में 50वां विकेट था और वह आईपीएल में 50 विकेट और 1000 रन का डबल बनाने वाले सिर्फ़ आठवें खिलाड़ी बने।
इसके बाद पोलार्ड ने एक ही ओवर में खतरनाक क्रिस गेल (1) और फ़ॉर्म में चल रहे केएल राहुल (21) को आउट किया। इन दो विकेटों की मदद से पोलार्ड ने टी20 क्रिकेट में अपना 300 विकेट पूरा किया। इसके बाद 8वें ओवर में जसप्रीत बुमराह ने ख़राब फ़ॉर्म में चल रहे निकोलस पूरन को फ़ुलटॉस गेंद पर पगबाधा आउट कराया। 48 रन पर 4 विकेट खोने के बाद पंजाब को मार्करम और हुड्डा की 61 रन की साझेदारी ने कुछ स्थायित्व दिया और टीम एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच सकी।
हालांकि यह स्कोर और बड़ा हो सकता था लेकिन डेथ में बुमराह और कूल्टर-नाइल ने कसी हुई गेंदबाज़ी की और पंजाब के बल्लेबाज़ों को रन बनाने का कोई मौक़ा नहीं दिया। 16वें ओवर की पहली गेंद पर मार्करम ने फ़्लिक कर के राहुल चाहर पर चौका लगाया। लेकिन यह इस पारी का आख़िरी चौका साबित हुआ। 29 गेंद और छह विकेट शेष रहते हुए भी पंजाब की टीम इसके बाद आख़िरी के ओवरों में एक भी बॉउंड्री नहीं लगा सकी। बुमराह और कूल्टर-नाइल ने अंतिम चार ओवरों में सिर्फ़ 23 रन दिए।
हालांकि पंजाब को उनके प्रतिभाशाली लेग स्पिनर रवि बिश्नोई ने चौथे ओवर में बेहतरीन शुरुआत दी, जब उन्होंने लगातार गेंदों पर रोहित शर्मा (8) और सूर्यकुमार यादव (0) पर आउट किया। इसके बाद 10वें ओवर में शमी ने डिकॉक (29) को बोल्ड आउट किया।
मुंबई को अंतिम 10 ओवर में 74 रन की ज़रूरत थी, लेकिन पंजाब की गेंदबाज़ी के सामने वह दबाव में दिख रही थी। हार्दिक को उन्होंने दो मौक़े दिया। वहीं दूसरी छोर से सौरभ तिवारी (45 रन, 37 गेंद) ने सूझ-बूझ से बल्लेबाज़ी की। सौरभ जब एलिस के एक वाइड यॉर्कर गेंद को मारने के प्रयास में विकेट के पीछे कैच आउट हुए, तो मुंबई को अंतिम पांच ओवरों में 44 रन की ज़रूरत थी। मैच तब भी पूरी तरह से मुंबई के हाथ में नहीं आया था। लेकिन पोलार्ड ने 7 गेंदों में एक चौके और एक छक्के के साथ 15 रन बनाकर यह सुनिश्चित किया कि मुंबई अब एक भी विकेट नहीं खोए और वह, हार्दिक के साथ टीम को जीत दिला कर ही वापस लौटे।
पीटर डेला पेना ESPNcricinfo के यूएस कॉरेस्पांडेंट हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के दया सागर ने किया है