भारत ने बांग्लादेश को आठ विकेट से रौंदते हुए एशियाई खेलों के महिला क्रिकेट फ़ाइनल में प्रवेश कर देश के लिए पदक - स्वर्ण या रजत - सुनिश्चित कर ली है। पूजा वस्त्रकर (4-0-17-4) और डेब्यू कर रहीं तितास साधु (4-0-10-1) ने पावरप्ले में ही बांग्लादेश पारी की कमर तोड़ दी थी। इसके बाद अमनजोत कौर, राजेश्वरी गायकवाड़ और देविका वैद्य ने भी विकेट लेते हुए बांग्लादेश को 51 ऑल आउट कर दिया।
जवाब में भारत ने दोनों ओपनरों को थोड़ा जल्दी खो दिया था लेकिन जेमिमाह रॉड्रिग्स ने अपने फ़ॉर्म को बरक़रार रखते हुए 15 गेंदों पर 20 नाबाद की पारी से भारत को नौवें ओवर में ही जीत दिला दी।
भारत के लिए सबसे अच्छी बात रही उनकी तेज़ गेंदबाज़ी। पूजा, तितास और अमनजोत ने परिस्थितियों को सही पढ़ते हुए पिच को अपना काम करने दिया। स्मृति मांधना की कप्तानी भी काफ़ी सकारात्मक रही और यह भारत के भविष्य के लिए एक अच्छा संकेत है।
हालांकि भारत की आउटफ़ील्डिंग काफ़ी बढ़िया थी, उन्होंने तीन कैच भी ड्रॉप किए और फ़ाइनल में इस पहलू में बेहतरी लाने की ज़रूरत होगी।
प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वश्रेष्ठ)
स्मृति मांधना, 6: स्मृति ने कप्तानी में आज ख़ासा प्रभावित किया। तेज़ गेंदबाज़ों के साथ उन्होंने शुरुआत से ही आक्रामक रुख़ रखा - पूजा वस्त्रकर को पहली गेंद से पहले ही उन्होंने 5-3 फ़ील्ड देते हुए बताया कि उनसे केवल विकेटों की उम्मीद थी, रन रोकने की नहीं। पावरप्ले में केवल तेज़ गेंदबाज़ी का उपयोग भी अच्छा था और उन्होंने सही समय को पहचानते हुए पूजा को अपनी चौथी ओवर के लिए भी लौटाया। हालांकि उन्होंने फ़ील्डिंग करते हुए एक आसान कैच टपकाया। बल्ले के साथ भी एक चुनौतीपूर्ण विकेट पर वह लय में आते हुए संघर्ष करती दिखीं।
शेफ़ाली वर्मा, 5: यह पिच शेफ़ाली जैसी स्ट्रोकप्लयेर के लिए बिल्कुल अनुकूल नहीं था। बावजूद इसके, उन्होंने 21 गेंदों तक विकेट पर टिकने का पूरा प्रयास किया और दो बाउंड्री भी लगाए। हालांकि लेग स्पिन पर फ़्रंट-ऑन होकर बोल्ड होने के उनके तरीक़े से फ़ाइनल में विरोधी टीम इस रणनीति को अपना सकती है।
जेमिमाह रॉड्रिग्स, 9: जेमिमाह ने लघु पारी में अपनी क्लास को अच्छे से दर्शाया। धीमी और नीची रहती पिच पर वह निर्णायक फ़ुटवर्क के साथ खेलीं और मैच को जल्दी से ख़त्म करने में मदद की।
कनिका आहूजा, कोई अंक नहीं: कनिका को प्रोमोशन मिला लेकिन प्रभाव डालने का पर्याप्त मौक़ा नहीं। वैसे भी शायद वह फ़ाइनल में अपनी जगह नियमित कप्तान हरमनप्रीत कौर को अपना स्थान दे देंगीं।
ऋचा घोष, 7: ऋचा घोष के नाम आज दो कैच, एक स्टंपिंग और एक रन आउट में योगदान था। इसके अलावा उन्हें एक थोड़ा कठिन कैच भी छोड़ा था, हालांकि बांग्लादेश कप्तान और पारी की सर्वाधिक स्कोरर निगार सुल्ताना इस जीवनदान के बाद केवल तीन रन ही जोड़ सकीं।
दीप्ति शर्मा, 7: दीप्ति शर्मा के लिए आज ख़ास कुछ नहीं था। हालांकि उनके दो ओवर में 11 डॉट गेंदें थीं और जिस गेंद पर रन भी पड़े, वहां अगर फ़ील्डर जेमिमाह सीमारेखा पर रहतीं, तो उन्हें विकेट भी मिल सकता था।
देविका वैद्य, 7: देविका ने एक बढ़िया डायरेक्ट हिट के ज़रिए सुल्ताना को पवेलियन का रास्ता दिखाया। एक कैच ड्रॉप करने के बावजूद उन्होंने अपने इकलौते ओवर में मेडन डालते हुए एक विकेट भी निकाला।
अमनजोत कौर, 8.5: अमनजोत ने गेंद के साथ रणनीति को सहज रखते हुए स्टंप्स पर आक्रमण करने की पूरी कोशिश की। इसके चलते उनसे दिशा में दो बार चूक भी हुई लेकिन उन्होंने हल्के से स्विंग के साथ बल्लेबाज़ों को परेशान किया और एक फ़ुल गेंद पर विकेट भी निकाला।
पूजा वस्त्रकर, 10: पूजा को नई गेंद थमाई गई और उन्होंने पहली गेंद से ही सही लाइन (ऑफ़ क बाहर) और गुड लेंथ पकड़ी। हल्की सी नमी के चलते उन्हें थोड़ी मूवमेंट मिलती रही और उन्होंने इसके चलते गेंद को स्विंग और सीम करवाते हुए कई कठिन प्रश्न पूछे। अगर उनकी कप्तान एक आसान कैच पकड़ लेतीं, तो वह आज पांच विकेट भी निकाल सकतीं थीं।
तितास साधु, 9: भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू कर रहीं तितास की गेंदबाज़ी में सबसे प्रभावशाली बात रही उनकी निरंतरता। लगभग लगातार गेंद को ऑफ़ स्टंप पर टप्पा दिलाते हुए उन्होंने अच्छी गति से गेंदबाज़ी की और बल्लेबाज़ों से कई फ़ॉल्स शॉट खिलवाए। एक फ़ुल गेंद पर उन्हें विकेट मिला लेकिन उनके विश्लेषण बताते हैं कि उन्होंने कैसे बल्लेबाज़ों को बांध कर रखा था।
राजेश्वरी गायकवाड़, 9: राजेश्वरी को आज पहले स्पिनर के तौर पर अटैक पर लाया गया और उन्होंने परिस्थितियों का फ़ायदा उठाते हुए अच्छी मिश्रण के साथ गेंदबाज़ी की। उन्हें इकलौता विकेट अपनी आख़िरी ओवर में मिला, लेकिन उनके पहले ओवर में दबाव के चलते बांग्लादेश के दो रन आउट हुए, जिनसे उनकी पारी तहस-नहस हो गई।