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जूतों पर संदेश: ख्‍़वाजा ने आईसीसी के फै़सले को स्वीकार किया लेकिन वह इसके मंजूरी के लिए लड़ेंगे

ख्वाजा ने साफ़ तौर पर कहा है कि वह इन विचारों को व्यक्त करने के अपने अधिकार के लिए लड़ते रहेंगे

Usman Khawaja had 'all lives are equal' written on his shoes, Optus Stadium, Perth, December 11, 2023

ख्‍़वाजा ने कहा कि इसकी मंजूरी के लिए लड़ेंगे  •  Getty Images

ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने पुष्टि की है कि सलामी बल्लेबाज़ उस्मान ख्‍़वाजा आईसीसी नियमों के कारण पाकिस्तान के ख़िलाफ़ पर्थ में गुरुवार से शुरू होने वाले पहले टेस्ट में ऐसा कोई जूता नहीं पहनेंगे, जिस पर कोई संदेश लिखा हुआ रहेगा। ख्‍़वाजा ने मंगलवार को अभ्यास के दौरान जो जूते पहने थे, उसमें "all lives are equal" और "freedom is a human right" लिखा हुआ था। हालांकि ख्‍़वाजा की तरफ़ से जो बयान आया है, उसमें साफ़ कहा गया है कि वह इस अधिकार को प्राप्त करने के लिए पूरा संघर्ष करेंगे।
भावुक दिख रहे ख्‍़वाजा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट में कहा कि मेरे जूतों पर जो लिखा हुआ था, वह कहीं से भी राजनीतिक बयान नहीं था।
उन्होंने कहा, "मैंने अपने जूतों पर जो लिखा है वह राजनीतिक बयान नहीं है। मैं किसी का पक्ष नहीं ले रहा हूं। मेरे लिए सभी मनुष्यों का जीवन एक समान है। एक यहूदी व्यक्ति का जीवन भी महत्वपूर्ण है और एक मुस्लिम व्यक्ति का जीवन भी महत्वपूर्ण है। उसी तरह से एक हिंदु व्यक्ति का भी जीवन महत्वपूर्ण है और सभी एक समान हैं।"
"मैं सिर्फ़ उन लोगों के लिए बोल रहा हूं जिनके पास आवाज़ नहीं है।"
उन्होंने यह भी कहा कि वह इन विचारों को व्यक्त करने के अपने अधिकार के लिए लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा, "आईसीसी ने मुझसे कहा है कि मैं मैदान पर अपने जूते (जिस पर संदेश लिखा हो) नहीं पहन सकता क्योंकि उन्हें लगता है कि यह उनके दिशानिर्देशों के तहत एक राजनीतिक बयान है। हालांकि मुझे ऐसा नहीं लगता कि यह एक राजनीतिक बयान है। यह एक मानवीय अपील है। मैं उनके विचार और निर्णय का सम्मान करूंगा, लेकिन मैं इसके लिए लड़ूंगा और अनुमति प्राप्त करने का प्रयास करूंगा।"
ख्‍़वाजा ने प्रशिक्षण से पहले अपने जूतों पर लगे संदेशों के बारे में फ़ोटोग्राफ़रों और मीडिया द्वारा देखे जाने से पहले अपनी टीम के साथियों या क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को इसके बारे में नहीं बताया था।
उन्होंने गाज़ा में युद्ध के संदर्भ में हालिया समय में सोशल मीडिया पर लगातार इसी तरह का संदेश लिखा है। सोशल मीडिया पर ऐसे संदेश पोस्ट करने वाले खिलाड़ियों के संबंध में आईसीसी के कोई नियम नहीं हैं।
हालांकि अंतर्राष्ट्रीय मैचों के दौरान कपड़ों पर पहने जाने वाले किसी भी संदेश या लोगो के बारे में आईसीसी के संदर्भ में सख़्त नियम हैं। साल 2014 में भी इंग्लैंड के ऑलराउंडर मोईन अली को आईसीसी ने उनके कलाई के बैंड को हटाने के लिए कहा था, जिसमें "Save Gaza" और "Free Palestine" लिखा हुआ था।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने बुधवार सुबह मैच से पहले कप्तान कमिंस के प्रेस कांफ़्रेंस से पहले एक बयान जारी कर कहा, "हम अपने खिलाड़ियों के व्यक्तिगत राय व्यक्त करने के अधिकार का समर्थन करते हैं, लेकिन आईसीसी के पास ऐसे नियम हैं जो व्यक्तिगत संदेशों के प्रदर्शन पर रोक लगाते हैं और हम उम्मीद करते हैं कि खिलाड़ी उस नियम का पालन करेंगे।"