शुभमन गिल का संवाद स्पष्ट था।
गौतम गंभीर जैसे मुखर हेड कोच के बगल में बैठे गिल सहज, आत्मविश्वासी और किसी भी सवाल का सामना करने के लिए तैयार दिखे। उन्होंने
भारत के
नए टेस्ट कप्तान के रूप में पहली बार मीडिया से बात की।
लगभग दो सप्ताह पहले उन्हीं के चयन के ऐलान के मंच पर
अजित आगरकर ने रोहित शर्मा के उत्तराधिकारी के तौर पर उन्हें घोषित किया था। ठीक उसी मंच पर गिल ने जिस स्पष्टता और सुरक्षा का प्रदर्शन किया, वही गुण वे इंग्लैंड के
पांच टेस्ट मैचों के दौरे में ड्रेसिंग रूम में ले जाना चाहते हैं।
मुंबई में गिल ने कहा, "मेरे पास कप्तानी की कोई ख़ास शैली नहीं है जिसे मैं अपनाना चाहता हूं। जैसे-जैसे आप खेलते हैं, अनुभव बढ़ता है, और आपकी अपनी शैली दिखने लगती है। मुझे संवाद पसंद है, खिलाड़ियों को सुरक्षित महसूस कराना, उनसे बात करना, उनकी कमजोरियों और ताकतों पर चर्चा करना... खिलाड़ियों से एक रिश्ता बनाना बेहद ज़रूरी होता है। जब खिलाड़ी सुरक्षित महसूस करते हैं, तभी वे अपना 100% दे सकते हैं।"
"मैंने बहुत ही शानदार और बेहतरीन कप्तानों के तहत खेला है। रोहित भाई अपने इरादों और अपेक्षाओं को लेकर बहुत स्पष्ट थे। यह उनकी वह विशेषता है जिसे मैं उनसे अपनाना चाहूंगा। एक कप्तान के तौर पर, आप अपने प्रदर्शन और उदाहरण से टीम का नेतृत्व करना चाहते हैं, चाहे वो कोई भी मैच हो।"
25 साल की उम्र में गिल को खु़द के शब्दों में "एक बड़ी चुनौती" सौंपी गई है। इंग्लैंड का बड़ा दौरा उनकी कप्तानी की शुरुआत है। भारत को हाल ही में न्यूजीलैंड से घरेलू हार और ऑस्ट्रेलिया से विदेशी धरती पर हार का सामना करना पड़ा, जिससे टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल से बाहर हो गई थी। जब चयनकर्ताओं ने उन्हें कप्तान चुना तो गिल ने कहा कि वह "काफ़ी भावुक" हो गए थे। वे भारत के पांचवें सबसे युवा टेस्ट कप्तान होंगे और 1988 में रवि शास्त्री के बाद सबसे कम उम्र में यह ज़िम्मेदारी संभालेंगे।
गुरुवार की शाम गिल के उत्तर बहुत सधे हुए थे, लेकिन लगभग हर जवाब की शुरुआत "सर" से होना उनकी कम उम्र की याद दिलाता रहा।
जब उनसे पूछा गया कि क्या इस सीरीज़ में दबाव अलग है जो
नई WTC साइकिल की शुरुआत है। गिल ने कहा, "हर दौरे पर दबाव होता है। अनुभवी खिलाड़ियों के जाने के बाद जो जगहें खाली हुई हैं उन्हें भरना मुश्किल है, लेकिन अलग दबाव जैसा कुछ नहीं है। हर सीरीज़ में दबाव होता है और खिलाड़ी उस दबाव में खेलने के आदी हैं। मुझे लगता है कि हमारी टीम में अनुभव और प्रतिभा का अच्छा मिश्रण है।"
गिल ने बताया कि बल्लेबाज़ी क्रम को लेकर टीम प्रबंधन ने अब तक कोई अंतिम फै़सला नहीं किया है, जो कि 20 जून से शुरू होने वाले पहले टेस्ट से पहले ही तय होगा।
गिल ने कहा, "हमने अभी तक बल्लेबाज़ी क्रम तय नहीं किया है। हमारे पास अभी थोड़ा समय है। हम 13 से 16 जून तक एक इंट्रा-स्क्वाड मैच खेलेंगे और लंदन में लगभग 10 दिनों का कैंप होगा। वहां जाकर हम इसका फ़ैसला लेंगे।"
भारत ने 18-सदस्यीय स्क्वाड में अनकैप्ड बल्लेबाज़ बी साई सुदर्शन को बुलाया है, 33 वर्षीय करुण नायर को फिर से मौक़ा दिया है और अभिमन्यु ईश्वरन को भी टीम में बरकरार रखा है। ऑलराउंडर्स में नितीश रेड्डी, वॉशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर को चुना गया है, जबकि रविंद्र जाडेजा अनुभवी विकल्प के रूप में शामिल हैं। गंभीर ने कहा कि अंतिम प्लेइंग XI का चुनाव कई कारकों पर निर्भर करेगा।
गंभीर ने कहा, "केवल पिच की कंडीशन नहीं बल्कि मौसम भी मायने रखती है। हम जो भी प्लेइंग XI चुनेंगे वो इस पर आधारित होगी कि कौन हमें रिज़ल्ट दिला सकता है -स्पिन ऑलराउंडर या सीम ऑलराउंडर। 20 विकेट लेना टेस्ट मैच जीतने की कुंजी है। हज़ार रन बना लो लेकिन अगर विकेट नहीं लिए तो जीत पक्की नहीं होगी।"
इंग्लैंड की आक्रामक शैली (बाज़बॉल') भारत के लिए भी एक चुनौती हो सकती है। यह शैली उन्हें तेज़ी से स्कोर दिला सकती है या पतन का कारण भी बन सकती है। गिल ने कहा कि यह शैली विरोधी टीम को "एक अवसर" भी देती है।
गिल ने कहा, "वे एक विशेष शैली में खेलते हैं। हमने भारत में भी देखा था कि वो कैसे खेलते हैं। लेकिन हमारे लिए यह रोमांचक है, यह हमें एक अवसर देता है, और यह एक बड़ी भी चुनौती है। अगर हम अपनी रणनीतियों में प्रोऐक्टिव रहें, तो हम उन पर भारी पड़ सकते हैं।
वनडे और T20I में भारत अभी भी ICC रैंकिंग में शीर्ष पर है, जहांं कप्तान क्रमश: 38 और 34 साल के हैं। अगले WTC फ़ाइनल में अभी दो साल हैं और ऐसे में गिल के कंधों पर बहुत कुछ टिका है। तब तक वे केवल 27 साल के होंगे।