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प्यार और नुकसान से भरा स्नेह राणा की वापसी का सफ़र

पांच साल बाद भारतीय टीम का हिस्सा बनी राणा का टेस्ट डेब्यू सफल रहा

Sneh Rana took three wickets on the first day of her Test debut, England Women vs India Women, Only Test, Bristol, 1st day, June 16, 2021

स्नेह राणा ने अपने टेस्ट डेब्यू के पहले दिन तीन विकेट झटके  •  Ashley Allen/Getty Images

"पापा, यह आपके लिए है।"
भारत की ऑलराउंडर स्नेह राणा ने पिछले महीने इंस्टाग्राम पर लिखे शब्दों का सार था - प्यार, नुकसान और लालसा। ये वही दिन था जब इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में चुने गए अन्य भारतीय खिलाड़ियों ने टेस्ट किट-प्रस्तुति समारोह के बारे में अपने विचार सोशल मीडिया पर व्यक्त किया था। उस दिन मुख्य कोच रमेश पवार ने उन्हें "इस जर्सी को एक बेहतर स्थान पर ले जाने" की कसम दिलाई थी।
भारत की टेस्ट ओर सीमित-ओवरों की जर्सी के संयोजन और अपनी सेल्फ़ी के कैपशन में राणा ने अपने दिवंगत पिता को याद किया। "काश आप यह देखने और इस पल को जीने के लिए यहां होते," उन्होंने लिखा।
पांच साल बाद भारतीय एकादश में वापसी कर रही राणा ने इस समारोह के दो हफ़्ते बाद पहली बार अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट की सफ़ेद जर्सी को धारण किया। ब्रिस्टल में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ इकलौते टेस्ट मैच में भारत की ओर से पांच खिलाड़ियों ने डेब्यू किया। अपने से अधिक प्रशंसनीय स्पिनरों, पूनम यादव और एकता बिष्ट, को पछाड़कर राणा ने टीम में अपनी जगह बनाई। भारत के छह-सदस्यीय गेंदबाज़ी क्रम में राणा ने पहले दिन सबसे ज़्यादा ओवर फ़ेंके और अपनी ऑफ़-स्पिन से 77 रन देकर 3 विकेट झटके। इसके चलते वह भारत की सबसे सफ़ल गेंदबाज़ रही।
अपना 29वां ओवर फेकते हुए राणा ने पहले दिन के खेल को समाप्त किया। जहां एक समय 230/2 की स्थिति से मेज़बान टीम को 269/6 पर लेकर आने में अपना अहम योगदान दिया। इसके बाद वर्चुअल प्रेस कॉन्फ़्रेंस में अपने दिवंगत पिता को याद करते हुए उन्होंने उन्हें श्रद्धांजली दी।
राणा ने कहा," इंग्लैंड दौरे के लिए टीम की घोषणा होने से दो महीने पहले मैंने अपने पिता को खो दिया था। उनको ख़ोना मेरे लिए थोड़ा मुश्किल था। [अपना टेस्ट डेब्यू करना] मेरे लिए भावनात्मक क्षण था क्योंकि वह मुझे फिर से भारत के लिए खेलते हुए और उस जर्सी को पहने हुए देखना चाहते थे लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो सका।" "पर कोई बात नहीं," उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा। "यह सब जीवन का एक हिस्सा है। उनके निधन के बाद से मैंने जो कुछ भा हासिल किया और भविष्य में जो कुछ भा हासिल करूंगी, वह सब उनको समर्पित होगा।"
टेस्ट के अलावा तीन वनडे और तीन टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों वाले इस दौरे के लिए सभी फ़ॉर्मेट की टीमों में चुनी गई राणा ने, साल की शुरूआत में खेले गए घरेलू वनडे टूर्नामेंट में अच्छे प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम में वापसी की। टेस्ट और वनडे कप्तान मिताली राज के नेतृत्व में रेल्वे टीम के लिए खेलते हुए राणा ने 12.66 की ओसत से 18 विकेट लिए। वह अपनी टीम की टॉप विकेट टेकर भी रही। बल्ले के साथ, मध्य क्रम में 123.07 के स्ट्राइक रेट से 160 रन बनाकर, उन्होंने रेल्वे के विजयी अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। फ़ाइनल में उनकी नाबाद 34 रनों की पारी और 33 रन देकर ली हुई 3 सफ़लताओं ने उनकी टीम को 12वीं बार इस टूर्नामेंट का विजयी ख़िताब दिलाया।
बुधवार से पहले, राणा ने सीमित-ओवरों की क्रिकेट में भारत के लिए 12 मैच खेले थे। उन्होंने जनवरी 2014 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ अपना पदार्पण किया था, जब पंजाब की ओर से खेलते हुए दो प्रभावशाली सीज़न में कुल 32 लिस्ट-ए विकेट लेने के बाद उनका चयन हुआ था। 2016 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर एक वनडे मुकाबले में उन्होंने 36 रन देकर 3 विकेट लिए थे। यह उनके वनडे करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था जो उनके द्वारा विदेशी सरज़मीं पर खेले गए इकलौते मैच में आया था।
फ़िर, फरवरी 2016 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ घर पर खेली गई टी20 श्रृंखला के साथ अनिश्चित काल से भरे 25 महीनों के सफ़र का अंत हुआ। इस अवधि में चोट और असंगत फ़ॉर्म ने पहले तो उन्हें टीम से बाहर किया और फ़िर चयनकर्ताओं के रेडार से।
बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से अपनी पांच साल की लंबी अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर, राणा ने कहा, "मैं एक साल चोटिल थी। जब मैं पूरी तरह से ठीक हो गई, तबसे मैंने सभी घरेलू सीज़न खेलना शुरू कर दिया। उन टूर्नामेंटों में मेरे प्रदर्शन ने भारतीय टीम में मेरी वापसी की राह को आसान बनाया।"
"हममें से बहुत से लोग, जो भारत के लिए खेले हैं और कुछ समय के लिए टीम से बाहर रहे हैं। वो सोचते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करना बहुत मुश्किल होगा, ख़ासकर महिलाओं के क्रिकेट में। मुझे लगता है मेरी कहानी ने उनमें से कुछ लोगों को ज़रूर प्रेरित किया होगा।"
स्नेह राणा
रेलवे की कप्तान रह चुकी राणा ने, जनवरी 2020 में पटना में आयोजित चतुष्कोणीय टी20 सीरीज़ में भारत बी की अगुवाई की थी जहां अन्य तीन पक्षों के रूप में भारत ए, बांग्लादेश और थाईलैंड की टीमें शामिल थी। 2020 महिला टी20 विश्व कप के लिए टीम के चयन में मदद करने की आशा के साथ खेली गई इस सीरीज़ में, राणा ने चार विकेट लिए और उनकी टीम उपविजेता रही। लेकिन वह अब भी टीम में जगह बनाने की दौड़ में बाकी लोगों से आगे निकलने से दूर थी।
लगभग सात वर्षों के बाद टेस्ट क्रिकेट में भारत की वापसी के साथ आए पहले मौके में ही, घरेलू क्रिकेट में मेहनती राणा का अनुभव और अनुशासित लंबाई और नियंत्रण के साथ रन गति को रोकने की उनकी क्षमता सबके सामने आई। साथी ऑफ़-स्पिनर दीप्ति शर्मा की कंपनी में, शर्मा और शेफ़ाली वर्मा के दो शानदार कैचों के साथ, राणा ने बुधवार को सभी दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों वाले इंग्लिश बैटिंग क्रम को लगातार झटके दिए।
अर्धशतक पार कर चुकी टैमी बोमॉन्ट ने गुड लेंथ गेंद को लेग साइड पर धकेलने की नाकाम कोशिश की और शॉर्ट लेग पर वर्मा के एक शानदार लो कैच ने राणा को टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहली सफ़लता दिलाई,उसी लेंथ पर निरंतर गेंदबाज़ी करते हुए उन्होंने अपनी तेज़ फिरकी के साथ विकेटकीपर एमी जोंस को विकेटों के सामने फंसाया। जॉर्जिया एल्विस स्लिप में शर्मा के लो कैच के चलते राणा की तीसरी और भारतीय टीम की छठी शिकार बनी।
राणा पोस्ट-लंच सत्र के दूसरे भाग में बातचीत करती नज़र आई थी, पवार के बारे में उन्होंने कहा," उन्होंने मुझ पर कुछ अलग करने का दबाव नहीं डाला। अपनी ताकत के अनुसार गेंदबाज़ी करने की सलाह दी। बोमॉन्ट की विकेट वाली गेंद में मैंने कुछ अतिरिक्त नहीं किया। मैंने बस वही करने की कोशिश की जो मुझे अच्छी तरह आता है और वह काम कर गया।"
राणा ने कहा, "टीम मीटिंग में मुझे बताया गया था कि मैं पदार्पण करूंगी। अभ्यास सत्र के दौरान, कप्तान और कोच मुझे इस बारे में मार्गदर्शन दे रहे थे कि मुझे किस तरह की गेंदबाज़ी करनी चाहिए क्योंकि हम [लगभग सात साल बाद] टेस्ट क्रिकेट खेल रहे थे। साथ ही मुझे इस प्रारूप का कोई पूर्व अनुभव नहीं था, जो वनडे और टी20 से बहुत अलग है। इस मैच में से पहले हर दिन मेरी उन दोनों से बातचीत होती थी।"
पहले दिन के अंतिम सत्र ने इस टेस्ट को बराबरी पर ला खड़ा किया। परिणाम जो भी हो, राणा ने अभी से ही वनडे चरण की एकादश में शामिल किए जाने का मज़बूत दांवा पेश कर दिया है। अगर वह पहले दिन मिली तीन सफ़लताओं में इज़ाफ़ा कर पाती हैं तो साल के अंत में भारतीय महीला टीम के ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ गाबा में होने वाले पहले पिंक-बॉल टेस्ट की टीम में उनके शामिल होने की संभावना बढ़ जाएगी।
व्यापक स्तर पर राणा लंबे समय से अपने अवसर की प्रतिक्षा में घरेलू क्रिकेट खेल रही खिलाड़ियों - फिर चाहे वह कैप्ड हो या अनकैप्ड, उनके लिए प्रेरणा का पात्र है। लंबे समय तक भारतीय टीम से बाहर रहने के बाद, 2020-21 के घरेलू अंतर-राज्यीय वनडे प्रतियोगिता में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाली निरंजना नागराजन ने पिछले महीने क्रिकइंफ़ो को बताया, "मैं स्नेह के लिए ख़ुश हूं। पांच साल बाद टीम में वापस आने के उनके सफ़र से मुझे प्रेरणा मिली है। मुझे पता है कि कभी न कभी मुझे भी मौका मिलने के आसार है।"
नागराजन जैसी अन्य खिलाड़ियों के लिए ब्रिस्टल से राणा का संदेश आशाओं से भरा हुआ था।
"हममें से बहुत से लोग, जो भारत के लिए खेले हैं लेकिन कुछ समय से टीम से बाहर रहे हैं, सोचते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करना बहुत मुश्किल होगा, ख़ासकर महिलाओं के क्रिकेट में। मुझे लगता है मेरी कहानी ने उनमें से कुछ लोगों को ज़रूर प्रेरित किया होगा। मेरा मानना है कि आपको कभी हार नहीं माननी चाहिए," राणा ने कहा।

ऑन्नेशा घोष (@ghosh_annesha) ESPNcricinfo में सब-एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब-एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।