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कुलदीप बनाम LSG, पथिराना की MI को तड़ी, मयंक की सांसें रोकने वाला स्पेल

ESPNCricinfo के लेखकों ने चुनी IPL 2024 की अपनी पसंदीदा गेंदबाज़ी स्पेल

Mayank Yadav rattled RCB with his pace, Royal Challengers Bengaluru vs Lucknow Super Giants, IPL, Bengaluru, April 2, 2024

मयंक यादव ने RCB को अपनी गति से कर दिया था परेशान  •  Associated Press

अलगप्‍पन मुथु
वाकई में काफ़ी तेज़ गति से गेंदबाज़ी करने वाले लोग स्पीड गन का सही इस्तेमाल दिखाते हैं। 155 किमी/घंटे की रफ्तार का क्या मतलब होता है? टेकऑफ के समय प्लेन इससे भी अधिक गति से चलती है, लेकिन इसके अंदर बैठे होने पर इसका अधिक एहसास नहीं होता है। गति का तब तक कोई मतलब नहीं है जब तक कि इससे कोलाहल ना मच जाए। जब अगली बार मयंक यादव गेंदबाज़ी करें तो स्क्रीन पर गति देखने की बजाय बल्लेबाज़ को देखना चाहिए। देखिए कि कैसे वो गेंद की लेग साइड में खड़े होते हैं। देखिए कि कैसे उन्हें हड़बड़ी में शॉट खेलना पड़ता है। देखिए कि कैसे गेंद स्टंप को बिखेरने के बाद बिना कोई टप्पा खाए डीप थर्ड बाउंड्री के बाहर जाकर गिरती है। RCB के ख़िलाफ़ उनके 3-14 वाले स्पेल को बार-बार देखिए।
कार्तिक कृष्णास्वामी
लखनऊ सुपर जॉयंट्स ने सात ओवरों में 64/2 का स्कोर बना लिया था, केएल राहुल और मार्कस स्टॉयनिस क्रीज़ पर मौज़ूद थे और ESPNCricinfo का फोरकास्टर सुझाव दे रहा था कि LSG 183 रन बना सकती है। इसके कुलदीप यादव ने वही किया जो एक अच्छा कलाई का स्पिनर कर सकता है। एक ओवर के अंदर ही उन्होंने फोरकास्टर को 171 पर ले आया। कुलदीप ने स्टॉयनिस और निकोलस पूरन को पूरी तरह छकाते हुए यह कारनामा किया था। पूरन को उन्होंने बल्ले और पैड के बीच से गेंद निकालते हुए क्लीन बोल्ड किया था। कुलदीप की स्पेल के कारण LSG केवल 167 रन ही बना सकी। पूरन के आउट होने के कारण अक्षर पटेल को दो दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ गेंदबाज़ी करने का मौक़ा मिला। इससे LSG के इंपैक्ट प्लेयर चुनाव पर प्रभाव पड़ा और उन्हें अतिरिक्त बल्लेबाज़ को लाने के लिए मजबूर होना पड़ा और इससे उनकी गेंदबाज़ी कमज़ोर हुई। इसके साथ ही DC ने LSG के उस विजय अभियान को भी रोक दिया जब उन्होंने 160+ का स्कोर बचाते हुए लगातार 13 मैच जीते थे।
सिद्धार्थ मोंगा
मुंबई में रात को स्कोर का बचाव करना मेहमान गेंदबाज़ के लिए सबसे मुश्किल काम होता है। ओस होती है, गेंद गीली हो जाती है, पिच में ग्रिप खत्म हो जाती है, बाउंड्री छोटी रहती है और घरेलू दर्शक काफ़ी उग्र होते हैं। MI की टीम ने सात ओवर में 70 रन बना लिए थे और वे काफ़ी तेज़ी से आगे बढ़ रहे थे। इसके बाद आते हैं मथीशा पथिराना। पहली गेंद ही उन्होंने सूर्यकुमार यादव को 151.2 किमी/घंटे की यॉर्कर मारी और इसके बाद वाइड बाउंसर लगाते हुए डीप थर्ड फाइन के पास कैच कराया। दो गेंदों में शून्य पर सूर्यकुमार के आउट होने से मुंबई के दर्शक सन्न हो गए थे। इसके बाद पथिराना ने अंतिम के सात में से तीन ओवर डालने के लिए वापसी की और तिलक वर्मा तथा रोमारियो शेफ़र्ड के विकेट चटकाए। उन्होंने विकेट ना भी लिए होते तो भी वह अपनी सटीक गेंदबाज़ी से ही CSK को मैच जिता ले जाते। अपनी आंखों को चढ़ाकर किया जाने वाला उनका जश्‍न मनाना एक बोनस था।