खलील अहमद की नई कहानी - फ़िटनेस, फ़ॉर्म और टीम इंडिया पर फ़ोकस
पिछले दो साल में खलील ने सभी फ़ॉर्मैट में सफलता पाई है और अब उनका अगला लक्ष्य भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना है
हिंमांशु अग्रवाल
27-Aug-2025 • 14 hrs ago
खलील ने अपना पिछला अंतर्राष्ट्रीय मैच 2024 में खेला था • AFP
खलील अहमद को भारतीय टीम के लिए पहली बार सितंबर 2018 में खेलने का मौक़ा मिला था। तब उनकी उम्र 21 साल से कुछ महीने कम थी। लेकिन यह शुरुआत वैसी नहीं रही जैसी वह चाहते थे। अगले सात सालों में उन्होंने सिर्फ़ 11 वनडे और 18 T20I खेले और अब वह राष्ट्रीय टीम में एंट्री पाने की दावेदारी से बाहर हैं। लेकिन उन्हें पूरा भरोसा है कि वह फिर से वापसी करेंगे और भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना उनका अगला लक्ष्य है।
खलील को जुलाई 2024 में ज़िम्बाब्वे और श्रीलंका दौरे पर चार T20I खेलने का मौक़ा मिला था। यह उनकी एक संक्षिप्त वापसी की तरह थी। लेकिन उस मौक़े से पहले वह लगभग पांच साल तक टीम से बाहर थे। लेकिन 2024 में मिली उन मौक़ों के बाद खलील एक बार फिर से चयनकर्ताओं की नज़र से थोड़े दूर हैं।
उन पांच सालों के दौरान 2022-23 का सत्र एक ऐसा सत्र था, जब खलील को हर्निया की सर्जरी करानी पड़ी थी और वह काफ़ी समय तक क्रिकेट से दूर थे। उसके बाद खलील ने 2023 में IPL में वापसी की। फिर वह घरेलू क्रिकेट में फिर से शामिल हुए। उस सीज़न भले ही उनका प्रदर्शन धाकड़ नहीं था लेकिन ध्यान देने योग्य ज़रूर था। खलील मानते हैं कि जब वह वापसी करने का प्रयास कर रहे थे, तब इरफ़ान पठान और ज़हीर ख़ान उनकी मार्गदर्शक की तरह थे।
खलील ने दलीप ट्रॉफ़ी क्वार्टर-फ़ाइनल से पहले ESPNcricinfo से कहा, "सर्जरी के बाद मुझे फिर से शून्य से शुरुआत करनी पड़ी, यहां तक कि मुझे फिर से चलना भी सीखना पड़ा। लेकिन इस दौरान इरफ़ान भैया ने मेरे साथ काफ़ी समय बिताया। उन्होंने मेरी गेंदबाज़ी में काफ़ी मदद की और मुझे कई अहम गुर सिखाए, जिसमें सीम को ऊपर रखना भी शामिल था।
"उन्होंने और ज़हीर भैया ने यह भी बताया कि लाल गेंद की क्रिकेट में कैसे बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है। मैं इस मामले में ख़ुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूं और उन दोनों महान खिलाड़ियों का आभारी भी हूं कि जब भी मुझे उनसे बात करने की ज़रूरत होती थी, वे उपलब्ध रहे।"
खलील ने अब तक कुल 22 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं। इनमें से 16 मैच उन्होंने 2023-24 के घरेलू सत्र के बाद खेले। इसमें इंडिया ए के साथ ऑस्ट्रलिया और इंग्लैंड का दौरा भी शामिल था। उन्होंने एसेक्स के लिए काउंटी भी खेला। इन 16 मैचों के दौरान खलील ने कुल 49 विकेट लिए। इसके पहले के छह मैचों में उनके खाते में सिर्फ़ 11 विकेट थे और उनका औसत 46.72 का था।
ऐसे में यह सवाल तो बनता ही है कि पिछले दो सालों में क्या बदला ? खलील का मानना है कि उन्होंने अपने शरीर पर पूरा ध्यान दिया और लंबी स्पैल में गेंदबाज़ी करने के लिए ख़ुद को फ़िट रखने की कोशिश की, जो उस फ़ॉर्मैट की मांग थी।
उन्होंने कहा, "मैंने अपनी फ़िटनेस पर सबसे ज़्यादा ध्यान दिया। मैंने कुछ नई चीज़ें भी सीखने की कोशिश की। जैसे गेंद को लेट स्विंग कराना। मैं सफल होने की अलग-अलग तरीके सीख रहा था। जब आप लाल गेंद की क्रिकेट खेलते हैं तो कई छोटी‑छोटी चीज़ों पर काम करना पड़ता है। आपको अपने शरीर को तैयार करना होता है ताकि आप एक पारी में 20-25 ओवर गेंदबाज़ी कर सकें।
"इसके बाद यात्रा के दौरान भी आपको कई चीज़ें ठीक करनी होती है। एक तेज़ गेंदबाज़ के तौर पर मुझे हर रोज़ अपने शरीर का ध्यान रखना होता है। आपको समय पर सोना होता है और रिकवरी करना होता है। इस दौरान आपका ध्यान भटक सकता है, पर आपको इन चीज़ों का ध्यान रखना होता है।"
खलील ने एसेक्स के लिए दो प्रथम श्रेणी मैच खेले थे, फिर व्यक्तिगत कारणों से उन्होंने आगे न खेलना का फ़ैसला लिया। मगर उनका मानना है कि एसेक्स के लिए यह छोटा सा कार्यकाल उनके लिए काफ़ी कारगर था। नई‑नई स्थितियों का सामना करना और हर ग़लती से कुछ न कुछ सबक लेना बहुत महत्वपूर्ण है। खलील ने अलग-अलग परिस्थितियों में गेंदबाज़ी की और लगातार सीखते गए। कुल मिलाकर उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक तरीक़ा सीखा, जो ज़रूरत के कारण जन्मा।"
इस सीज़न खलील ने एसेक्स के लिए दो काउंटी मैच खेले•Getty Images
खलील ने काउंटी क्रिकेट में अपने अनुभव को याद करते हुए कहा, "इंग्लैंड में हम इस बार कूकाबुरा गेंद का इस्तेमाल कर रहे थे। लेकिन आमतौर पर वहां ड्यूक गेंद का ही उपयोग होता है। गेंद अक्सर 10-15 ओवर के बाद स्विंग करना बंद कर देती थी और विकेट बिल्कुल सपाट थी। इस कारण से मुझे वॉबल‑सीम गेंदबाज़ी सीखनी पड़ी, और उससे कैसे विकेट निकाले जाएं ये सीखा। अलग‑अलग गेंदों के साथ खेलने का अनुभव हासिल करना मेरे लिये महत्वपूर्ण था।
"यही चीज़ें मुझे ऐसा महसूस कराती हैं कि मैं खेलने के लिए तैयार हूं। हर तेज़ गेंदबाज़ जानता है कि लगातार 140 किमी/घंटा की गति से गेंदबाज़ी करने का एहसास कैसा होता है। मुझे भी अब वो एहसास हो रहा है, और इसमें मुझे काफ़ी आनंद आ रहा है। पिछले दो-तीन साल से मैं लगातार इस प्रयास में हूं कि मैं किसी भी मैच का मिस न करूं। इसलिए अब मुझे अपने शरीर पर पूरा भरोसा है। अगर एक तेज़ गेंदबाज़ के तौर पर लगातार खेलते रहना काफ़ी अच्छा एहसास होता है। मैं यह सोचता हूं कि जिस तरह से मैं अपने शरीर की देखभाल कर रहा हूं, वह मेरे लिए एक बड़ी उपलब्धि की तरह है।"
खलील की सफलताएं और सीख केवल प्रथम श्रेणी क्रिकेट तक सीमित नहीं रहीं। 2018 से 2023 के बीच उन्होंने छह IPL सीज़न में 43 मैच खेले थे। उस दौरान 2022 में उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स (DC) के लिये उनके दस मैच खेले, जो उन सभी सीज़न की तुलना में सबसे ज़्यादा थी।
लेकिन 2024 के बाद से खलील ने अब तक कुल 28 मैच खेले हैं। पहले DC और अब चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हुए, वह हर मैच में शामिल हुए। यह इस बात के साफ़ संकेत हैं कि उनका शरीर अब बड़े वर्कलोड उठाने के काबिल हो चुका है। खलील ने 2024 के बाद से अब तक IPL 96 से ज़्यादा ओवर की गेंदबाज़ी की है और कुल 32 विकेट लिए हैं।
खलील IPL 2025 में CSK के दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ रहे•Associated Press
खलील ने T20 के बारे में कहा, "T20 क्रिकेट में एक अच्छी रणनीति काफ़ी ज़रूरी है। मैंने जितनी गेंदबाज़ी की, उतना सीखा। मुझे पता चल रहा था कि गेंद कितनी स्विंग कर रही है। मेरे लिए कौन सा कोण ज़्यादा अच्छा काम करेगा। साथ ही मैं यह भी सीख रहा था कि बल्लेबाज़ मेरे ख़िलाफ़ किस तरह से रन बटोरने का प्रयास कर रहे थे।"
"अगर मंच और मौक़ा ज़्यादा बड़ा हो तो मुझे गेंदबाज़ी करने में और मज़ा आता है। मुझे तब सफलता हासिल करने में बहुत मज़ा आता है, जब कोई मेरे ऊपर विश्वास नहीं कर रहा होता है। उदाहरण के लिए मुझे चेन्नई की टीम में शुरुआत में गेंद को स्विंग कराने की जिम्मेदारी दी गई थी। पर वहां बहुत कम स्विंग मिली। तो यह एक चुनौती की तरह थी कि उन परिस्थितियों में मैं क्या कर सकता हूं।"
"मैं निश्चित रूप से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जाना चाहता हूं। मैं इसके लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दे रहा हूं। मेरे पास किसी और चीज़ के लिए समय ही नहीं है। मैं अभी बस सिर्फ़ इसी चीज़ पर ध्यान दे रहा हूं।"
खलील का मानना है कि उनका पिछला दो साल काफ़ी अच्छा रहा है। उन्होंने बड़े मंच पर काफ़ी अच्छा प्रदर्शन किया। वह टीम इंडिया के काफ़ी नज़दीक भी हैं और ख़ुद को पूरी तरह से फ़िट रखने में सफल भी रहे हैं। अब उनका अगला लक्ष्य भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना है।
खलील कहते हैं, "मैं बहुत धैर्य के साथ अपने काम को आगे बढ़ा रहा हूं। मैं बस अपने मौके़ का इंतज़ार कर रहा हूं। मुझे देश की सेवा करनी है। IPL में आप प्रदर्शन करते हो, वह काफ़ी अच्छी बात है लेकिन लोग उसे भूल सकते हैं, पर देश के लिए आप जो काम करते हो, वह आपके साथ जीवनभर रहता है।
"मैं निश्चित रूप से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जाना चाहता हूं। मैं इसके लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दे रहा हूं। मेरे पास किसी और चीज़ के लिए समय ही नहीं है। मैं अभी बस सिर्फ़ इसी चीज़ पर ध्यान दे रहा हूं। मैंने मानसिक रूप से कई बार कठिन समय देखें हैं। पर अब मैं एक ऐसे चरण में हूं, जहां मुझे लगता है कि मैं ज़िंदगी में कुछ अच्छा करूंगा"