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हनुमा विहारी 2025-26 घरेलू सत्र के लिए त्रिपुरा की टीम में शामिल

आगामी घरेलू सीज़न में हनुमा ढेरों रन बनाने के लिए काफ़ी उत्सुक हैं

Hanuma Vihari brought up a solid half-century, South Zone vs West Zone, Duleep Trophy final, 1st day, Bengaluru, July 12, 2023

Hanuma Vihari 2025-26 घरेलू सत्र में त्रिपुरा की टीम से खेलेंगे  •  PTI

भारतीय बल्लेबाज़ हनुमा विहारी ने 2025-26 घरेलू सत्र के लिए त्रिपुरा की टीम में शामिल हुए हैं। विहारी हालिया समय में काफ़ी अच्छे लय में दिख रहे हैं। हाल ही में उन्होंने आंध्रा प्रीमियर लीग में वह प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट रहे थे। त्रिपुरा की तरफ़ से खेलने के लिए उन्हें आंध्रा क्रिकेट एसोसिएशन (ACA) से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) भी मिल चुका है।
ESPNcricinfo की जानकारी के अनुसार त्रिपुरा की टीम से विहारी का अनुबंध फ़िलहाल एक सीज़न के लिए है। हालांकि इसमें यह भी विकल्प है कि आपसी सहमति से इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। इस निर्णय के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि विहारी सभी प्रारूपों में हिस्सा लेना चाहते थे और आंध्रा की टीम इसे लेकर किसी भी तरह का वादा या सहमति नहीं जता रही थी।
विहारी ने ESPNcricinfo से कहा, " मैं तीनों प्रारूप खेलने के काबिल हूं। मैं चाहता था कि मुझे कुछ और अवसर मिले और उसके लिए काफ़ी उत्साहित भी था। हालांकि आंध्रा की टीम ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वे T20 के लिए युवा खिलाड़ियों पर ज़्यादा भरोसा दिखाएंगे। इस कारण से मेरे लिए निजी तौर पर 50 ओवर की क्रिकेट मायने नहीं रखती थी। इसलिए मैंने विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी से भी जानबूझकर ख़ुद को अलग कर लिया था। साथ ही मेरी इच्छा थी कि मैं अब एक नए माहौल में खेलूं।"
जैसे ही विहारी ने त्रिपुरा क्रिकेट के लिए खेलने का निर्णय लिया और उन्हें NOC भी मिल गई, उसके बाद से आंध्रा की टीम और उनके बीच जो मामूली उथल-पुथुल थी, वह भी समाप्त हो गई। 2023-24 के रणजी सीज़न के बाद विहारी और ACA के बीच मतभेद हुआ था। तब विहारी ने कहा था कि उन्हें "अपमानित और शर्मिंदा" महसूस कराया गया था।
उस समय विहारी ने आरोप लगाया था कि टीम में "राजनीतिक दखल" के कारण वह कप्तानी छोड़ रहे हैं।
इसके बाद अगले सीज़न में ऐसी चर्चा थी कि विहारी मध्य प्रदेश की टीम में शामिल हो सकते हैं। लेकिन आंध्र प्रदेश के राजनीतिक दल TDP के जनरल सेक्रेटरी नारा लोकेश ने उन्हें समझाया था और रूकने के लिए कहा था, जिसके बाद वह मान गए। विहारी के उस फ़ैसले के कारण MPCA काफ़ी नाराज़ भी था।
विहारी ने पिछले सीज़न के बारे में कहा, "पिछले दो सत्रों से मैं किसी और टीम में जाने के बारे में सोच रहा था। मैंने मध्य प्रदेश की टीम से बात भी की थी। तब अपने करियर की स्थिति को देखते हुए, मुझे ऐसा लगा था कि अगर मैं किसी उभरती हुई टीम में शामिल होता हूं तो वह मेरे लिए सही रहेगा। इस साल वह ख़ुद मेरे पास आए और मुझे लगा कि यह फ़ैसला काफ़ी मुश्किल हो सकता है।"
त्रिपुरा की टीम की तरफ़ से यह नहीं कहा गया है कि वह कप्तान होंगे लेकिन यह ज़रूर है कि वह टीम के अहम सदस्य होंगे। उन्होंने कहा, "एक सीनियर खिलाड़ी के तौर पर टीम को मुझसे जो भी अपेक्षा होगी, मैं उसमें अपना पूरा योगदान दूंगा। और यह इस बात पर बिल्कुल निर्भर नहीं करता कि मुझे कप्तान बनाया जाए या नहीं बनाया जाए। मैं एक ऐसी टीम का हिस्सा बनना चाहता हूं, जिसमें बड़ी टीमों के ख़िलाफ़ अच्छी क्रिकेट खेलने की भूख हो।"
विहारी ने भारतीय टीम के लिए आख़िरी बार तीन साल पहले टेस्ट खेला था। हालांकि उनका मानना है कि उनमें अभी भी "काफ़ी रन" बनाने की भूख बाक़ी है। हालांकि वह वापसी की संभावना के बारे में बिल्कुल नहीं सोचना चाहते।
इस दौरान उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं में कॉमेंट्री और कोचिंग की ओर रुख़ किया है (वह TNPL 2024 में मदुरै पैंथर्स का हिस्सा थे)।
विहारी ने कहा, ""मेरी चुनौती यह है कि मैं टीम को कैसे आगे लेकर जाऊं। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में मेरे पास 14-15 साल का अनुभव है और मैं आगे बांटना चाहता हूं। हालांकि अभी मैं भारतीय टीम में अपनी वापसी के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोच रहा हूं। वह अभी काफ़ी दूर की बात है। निजी तौर पर मैं रन बनाना चाहता हूं। टीम को आगे ले जाते हुए, अपने क्रिकेट का आनंद लेना चाहता हूं।"