पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मैच से एक दिन पहले का दिन किसी भी भारतीय कप्तान के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यह मैच केवल क्रिकेट पत्रकारों को ही नहीं अन्य क्षेत्र से जुड़े पत्रकारों आकर्षित कर सकता है।
रोहित शर्मा एक पेशेवर क्रिकेटर के तौर पर पत्रकार वार्ता में उतरे और एक ऐसे क्रिकेटर के तौर पर जिनके लिए बकवास का कोई समय नहीं है। रोहित ने सबकुछ बेहद ही अच्छे तरीक़े से संभाला।
चलिए तो सबसे पहले बकवास से ही शुरू करते हैं क्या इसकी इज़ाजत है? पत्रकार वार्ता के बीच में एक रिपोर्टर ने उनसे राष्ट्रगान के समय निकले आंसुओं के बारे में पूछा। रोहित ने पूछा, "आप किस बारे में बात कर रहे हो?" "आंखों में आंसू?"
रोहित ने अपने जवाब से कमरे को रोशन कर दिया और यह भी कहा कि वह इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि जब राष्ट्रगान बजता है तो वह भावुक हो जाते हैं।
यहां पर कुछ गंभीर सवाल भी पूछे गए। जब आप खेल के सबसे बेहतर विरोधी से खेल रहे हो, जब दुनिया में सबसे बड़ी संख्या में दर्शक आपसे जीत की उम्मीद कर रहे हों, जिस स्टेडियम का नाम आपके प्रधानमंत्री के नाम पर हो, तो कैसे घर में मिल रहा फ़ायदा नुकसान में तब्दील हो सकता है? यह जायज सवाल था। रोहित ने इस सवाल का जवाब देने में थोड़ा समय लिया।
इसके बाद उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता है कि इसका कोई नुकसान है। आप घरेलू दर्शकों के बीच खेलने में अच्छा महसूस करते हो। इसके बाद सभी चीज़ पीछे छूट जाती हैं फिर चाहें जो भी परिस्थिति हों। भारत में ही नहीं, बाहर भी खेलने में मेरा अनुभव कहता है कि हमें बेहद समर्थन मिलता है। तो मेरे पास अभी तक ऐसा अनुभव नहीं कि जब दर्शक हमारा समर्थन नहीं कर रहे हों।"
"तो मैं इसको एक अच्छे फ़ायदे के तौर पर देखता हूं। लेकिन हम जानते हैं कि आख़िरकार बात अच्छी क्रिकेट खेलने पर ही निर्भर करती है। और जो भी आपको मैच जीतने के लिए करना पड़े आपको करना होगा। तो हां आप समर्थन का इस्तेमाल कर सकते हो, लेकिन आख़िरकार आपको मैच जीतने के लिए अच्छा क्रिकेट तो खेलना ही होगा।"
"सभी लड़के बड़े दर्शकों के सामने खेलने के आदी हैं। तो यह आपके काम ही आ सकता है। यह आपके ख़िलाफ़ काम नहीं कर सकता है। टीम में कई लड़के बड़ी संख्या में दर्शकों को पसंद करते हैं। जहां भी हम जाते हैं बड़ी संख्या में दर्शक मिलते हैं। तो यह एक टीम के तौर पर अच्छा है और खेल के लिए भी।"
कई बार एक बड़े देश के तौर पर इतना बड़ा समर्थन आपको नीचे गिरा सकता है। रोहित से पूछा गया कि एक कप्तान के तौर पर आप इसको कैसे नज़रअंदाज़ करते हैं। रोहित ने कहा, "मैं नौ महीनों से सोशल मीडिया से दूर हूं। हर किसी का इससे सामना करने का अपना तरीक़ा है। कुछ लोग इसको पसंद करते हैं तो कुछ नहीं करते हैं। लेकिन यह मेरा काम नहीं नहीं कि मैं बताऊं कि कैसे करना है। वह खु़द इसका अपने तरीक़े से सामना कर सकते हैं।"
"जैसा कि मैंने पहले भी कई बार कहा है कि हां यह एक बड़ा मैच है, लेकिन हमारे लिए यह अहम है कि जिस टीम के ख़िलाफ़ हम खेलने जा रहे हैं वह अच्छी टीम है। तो बस हम एक अच्छी टीम के ख़िलाफ़ खेल रहे हैं जहां हमें अच्छा क्रिकेट खेलना है जैसा कि हम पिछले दो मैचों में खेले हैं। उम्मीद है कि हम यह प्रदर्शन जारी रख पाएंगे।"
दिमाग़ी तौर पर भी 7-0 के आंकड़ें का कोई फ़ायदा नहीं है। रोहित ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि दिमाग़ी तौर पर यह हमारे लिए फ़ायदे में है, क्योंकि आपको हर दिन अच्छा क्रिकेट खेलना होगा। तो यह जरूरी कि हम उस पर ध्यान नहीं दें जो पहले ही ख़त्म हो चुका है। हमें एक नए दिन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।"
"दोनों टीम नई शुरुआत करेंगी। मुझे नहीं लगता कि कोई पसंदीदा है या अंडरडॉग है। दोनों टीम जब मैच में उतरेंगी तो समान होंगी। यह बात बस दबाव को सहने की है।"
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।