2018 से 2022 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे पूर्व कप्तान
इमरान ख़ान दोबारा गिरफ़्तार हो गए हैं और उन्हें तीन साल की सज़ा सुनाई गई है।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 70 वर्षीय इमरान को पाकिस्तान के चुनाव आयोग को सरकारी उपहारों की आय की घोषणा नहीं करने के लिए पाकिस्तान ट्रायल कोर्ट ने सज़ा सुनाई थी। उनकी राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) पहले ही देश के सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर कर चुकी है।
पिछले मामलों में इमरान को उनके आवास से गिरफ़्तार करने के प्रयास पर उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया था। जब उन्हें 9 मई को गिरफ़्तार किया गया तो देश भर में विरोध प्रदर्शन और दंगे भड़क उठे, जिसके कारण उनकी पार्टी के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की गई और उनके समर्थकों पर सैन्य अदालतों में मुकदमा चलाने का विधेयक लाया गया, जो एक ऐसा कदम था जो अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करता है।
जब इमरान को मई में गिरफ़्तार किया गया था, तो उन्हें दो दिन बाद रिहा करने का आदेश दिया गया क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ़्तारी को अवैध घोषित कर दिया था।
इमरान की रिहाई का आदेश 11 मई को एक न्यायाधीश ने दिया था, इसलिए उनके ख़िलाफ़ दर्ज 150 से अधिक मामलों में उन्हें पाकिस्तान की अदालतों में पेश होने का आदेश दिया गया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स और चैनलों को दिए साक्षात्कारों में बार-बार कैद होने का जोख़िम बताया था ।
जिस मामले में न्यायाधीश ने उन्हें पाकिस्तान के चुनाव आयोग से राज्य उपहारों की बिक्री से अर्जित राजस्व को छिपाने के लिए दोषी घोषित किया था, स्थानीय रूप से तोशाख़ाना मामले के रूप में जाना जाता है। अदालत ने कानून के तहत अधिकतम संभव जुर्माना, तीन साल की जेल और 100,000 पाकिस्तानी रूपये का जुर्माना लगाया है। इमरान के वकीलों ने कहा कि वे पहले ही फै़सले के ख़िलाफ़ अपील कर चुके हैं। कानून के तहत, अदालत अपील पर फै़सला आने तक सज़ा को निलंबित कर सकती है।
राजनीति में आने से पहले इमरान ने पाकिस्तान के लिए 88 टेस्ट और 175 वनडे खेले थे, जबकि वह 1992 में विश्व कप जीतने वाली पाकिस्तान टीम के कप्तान थे।