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रोहित : तीन घंटे की ख़राब क्रिकेट हमें परिभाषित नहीं करती

दूसरी पारी में वापसी करने का प्रयास करने के लिए भारतीय कप्तान ने अपने खिलाड़ियों की तारीफ़ की है

भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने कहा है कि "तीन घंटे की ख़राब क्रिकेट" इस भारतीय टीम को परिभाषित नहीं करती है। साथ ही उसी आधार पर खिलाड़ियों का आकलन करना अन्याय होगा।
रोहित ने बेंगलुरु में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ पहले टेस्ट में आठ विकेट से मिली हार के बाद कहा, "मैं इस टेस्ट मैच में भारत को मिली हार के बारे में बहुत कुछ नहीं सोचूंगा क्योंकि वे तीन घंटे [जब भारत 46 रन पर ऑल आउट हुआ] यह नहीं बताएंगे कि यह टीम क्या है। 3-4 घंटे की ख़राब क्रिकेट के अलावा इस मैच में हमने अच्छा प्रदर्शन भी किया है।
"मुझे लगता है कि हमने अपनी टीम में यह संदेश साफ़ तरीक़े से दिया है कि जब भी हमें दबाव में डाला जाता है, तो हम मैच में वापस आने की कोशिश करें और पिछले कुछ समय से हम यही संदेश टीम को देने का प्रयास कर रहे हैं।
"हम दूसरी पारी में वापसी करने का प्रयास कर रहे थे और इसमें काफ़ी हद तक सफल रहे। निश्चित रूप से हम एक टेस्ट मैच हार गए। इस कारण से ऐसा भी हो सकता है कि मेरी यह बात समझ में न आए। लेकिन मुझे सच में लगता है कि इस मैच में बहुत सारी अच्छी चीज़ें हुई हैं। यहां पूरा मामला हमारी टीम में एक शांत वातावरण बनाने के बारे में है, घबराहट भरे संदेश भेजने के बारे में नहीं।"
भारत ने दूसरे दिन 46 रन पर आउट होने के बावजूद शानदार वापसी की। साथ ही दूसरी पारी में ऋषभ पंत और सरफ़राज़ ख़ान की बेहतरीन पारियों की वजह से छोटी बढ़त बनाने में भी सफल रही। यह बात सही है कि भारत जीतने में सफल नहीं हो पाया।
हालांकि रोहित ने स्वीकार किया कि उन्होंने मैच में छोटी ग़लतियों के परिणाम भुगते, लेकिन जिस तरह से उनकी टीम ने वापसी का प्रयास किया, उससे वह ख़ुश थे। रोहित ने कहा, "मैच में आप पीछे हों तो भटकाना आसान है। हालांकि हमारी टीम मैच में हमेशा बने रहने का प्रयास करती है। विरोधी टीम को इतनी आसानी से जीतने नहीं देना चाहती। पहला पारी में निश्चित रूप से, कुछ भी हमारे पक्ष में नहीं गया। हालांकि दूसरी पारी के दौरान ऐसा वक़्त भी आया, जब ऐसा लगा कि हम मैच में आगे हैं, जिस पर मुझे वास्तव में गर्व है।
पहली पारी में मुझे लगा कि पिच से जो कुछ भी हम निकाल सकते थे, हमारे स्पिनरों ने कोशिश की और हर संभव प्रयास किया। लेकिन रचिन द्वारा खेले गए कुछ शॉट वास्तव में बहुत अच्छे थे और उन्होंने बहुत अच्छी क्रिकेट खेली। उन्होंने स्पिनरों के ख़िलाफ़ अच्छा खेला, उन्होंने हमारे स्पिनरों को चुनौती दी, लेकिन आपको रचिन को यह श्रेय देना होगा क्योंकि उन्होंने अच्छा खेला।
रोहित शर्मा
"जब खिलाड़ी मैदान पर इस तरह का व्यवहार दिखा रहे होते हैं, तो यह दिखाता है कि मानसिकता बहुत स्पष्ट है। खिलाड़ी मैदान पर जाकर स्वतंत्रता के साथ खेलना चाहते हैं और यह देखने की कोशिश करते हैं कि हम विरोधियों पर दबाव कैसे डाल सकते हैं। कुल मिलाकर मैं यह मानता हूं कि पहले कुछ घंटों, तीन घंटों को छोड़कर, हमने बहुत अच्छी टेस्ट क्रिकेट खेली।"
भारत ने अपनी दूसरी पारी में केवल रन नहीं बनाए, बल्कि यह भी दिखाया कि वे 356 रन पीछे होने के बावजूद कैसा खेल दिखा सकते हैं। उन्होंने अपनी दूसरी पारी के दौरान चार रन प्रति ओवर की दर से रन बनाएं। सरफ़राज़ ख़ान और ऋषभ पंत ने चौथे विकेट के लिए 211 गेंदों में 177 रन जोड़े। सरफ़राज़ ने अपनी पारी में 18 चौके और तीन छक्के लगाए, जबकि पंत ने 99 रन की पारी में नौ चौके और पांच छक्के मारे।
रोहित ने कहा कि चाहे भारत मैच में आगे हो या पीछे, वे अपने आक्रामक दृष्टिकोण को नहीं बदलेंगे।
रोहित ने कहा, "जब हम मैच में पीछे होते हैं, तब आप अधिक ज़ोर लगाना चाहते हैं, और प्रभाव डालने की कोशिश करते हैं। हम यह कोशिश करते हैं कि विरोधी को यह न पता चले कि हम दबाव में हैं या हम खेल में पीछे हैं। जब आप मैच में पीछे होते हैं, तो आप असाधारण चीजे़ं करने की कोशिश करना चाहते हैं और बिना किसी डर के खेलना चाहते हैं। इसके बारे में बात करना एक बात है, लेकिन हम वास्तव में वहां जाकर निर्भीक क्रिकेट खेल रहे थे।
"हम टेस्ट मैच हारने से डरने वाले नहीं हैं। हम अपनी मानसिकता को नहीं बदलने वाले हैं। हम टेस्ट मैच जीतने का एक तरीक़ा खोजने की मानसिकता रखना चाहते हैं।"
भारत ने इस टेस्ट के लिए आर. अश्विन, कुलदीप यादव और रविंद्र जडेजा के साथ तीन स्पिनरों का चयन किया, लेकिन यह कदम उलटा पड़ा क्योंकि ये तीनों उतने प्रभावी नहीं रहे। इसका एक प्रमुख कारण रचिन रवींद्र थे, जिन्होंने इस टेस्ट में अपने कुल 173 रन में से 136 रन स्पिनरों के ख़िलाफ़ बनाए, और उनकी स्ट्राइक रेट 100 से अधिक थी।
रोहित ने रचिन के बारे में कहा, "पहली पारी में मुझे लगा कि पिच से जो कुछ भी हम निकाल सकते थे, हमारे स्पिनरों ने कोशिश की और हर संभव प्रयास किया। लेकिन रचिन द्वारा खेले गए कुछ शॉट वास्तव में बहुत अच्छे थे और उन्होंने बहुत अच्छी क्रिकेट खेली। उन्होंने स्पिनरों के ख़िलाफ़ अच्छा खेला, उन्होंने हमारे स्पिनरों को चुनौती दी, लेकिन आपको रचिन को यह श्रेय देना होगा क्योंकि उन्होंने अच्छा खेला।
"उन्होंने यह समझा कि हमारे स्पिनर क्या करने की कोशिश कर रहे थे और वह अपने प्राकृतिक खेल खेलने से पीछे नहीं हटे। कभी-कभी ऐसा होता है जहां भारत आया हुआ कोई खिलाड़ी इस तरह का क्रिकेट खेलेगा। हमने इंग्लैंड सीरीज़ में पहले टेस्ट मैच में देखा, कुछ बल्लेबाज़ों ने शतक बनाए और यहां भी रचिन, [डेवन] कॉन्वे ने अच्छा प्रदर्शन किया। हमारे गेंदबाज़ों पर दबाव डाला।"