भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच पुणे में खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट में इस बात की पूरी उम्मीद है कि यह पिच बेंगलुरु की तुलना में स्पिनरों को ज़्यादा मदद करेगी। ऐसे में एक संभावना यह भी है कि भारतीय टीम में एक स्पिनर ज़्यादा खेले और अक्षर पटेल से पहले वॉशिंगटन को शामिल किया जाए। इससे बल्लेबाज़ी क्रम को भी गहराई मिलेगी।
वॉशिंगटन ने हाल ही में दिल्ली के ख़िलाफ़ दिल्ली में खेले गए एक रणजी ट्रॉफ़ी मुक़ाबले में
शानदार शतक जड़ा था और दो विकेट भी लिए थे।
रविवार को वाशिंगटन ने राष्ट्रीय चयनकर्ता एस शरत के सामने कुल 15 ओवर गेंदबाज़ी की और अपनी घूमती गेंदों से दो महत्वपूर्ण विकेट हासिल किए। सबसे पहले उन्होंने बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज़ हर्ष त्यागी को एक खूबसूरत ऑफ़ ब्रेक गेंद से स्लिप में बाबा इंद्रजीत के हाथों कैच कराया और दिल्ली की 74 रनों की ओपनिंग साझेदारी तोड़ी।
इसके बाद उन्होंने टिक कर खेल रहे दाएं हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज़ प्रणव राजवंशी को भी अंदर आती ऑफ़ ब्रेक गेंद से चलता किया। राजवंशी, वाशिंगटन की घूमती हुई लेंथ गेंद को समझ ही नहीं पाए और शॉर्ट लेग पर खड़े आंद्रे शरत को कैच दे बैठे। इसके अलावा भी वाशिंगटन ने दिल्ली के शतकवीर बल्लेबाज़ यश ढुल समेत कई बल्लेबाज़ों को भी अपनी स्पिन से बीट कराया, जबकि पिच से इतनी मदद नहीं थी। यह दिखाता भी है, कि वह लंबे स्पेल की गेंदबाज़ी के लिए तैयार हैं। इससे पहले उन्होंने दलीप ट्रॉफ़ी में तीन मैच ज़रूर खेले थे लेकिन छह पारियों में सिर्फ़ एक पारी को छोड़कर कभी भी 10 ओवर गेंदबाज़ी नहीं की थी।
वॉशिंगटन ने अपने उस प्रदर्शन के बाद कहा था, "बेशक, टेस्ट क्रिकेट सबसे श्रेष्ठ प्रारूप है। हर कोई इसे बहुत महत्व देता है। मेरे लिए लाल गेंद का क्रिकेट बेहद ख़ास है। उम्मीद है कि मैं लगातार इस फ़ॉर्मैट को खेलता रहूं और अच्छा प्रदर्शन करता रहूं।"
वॉशिंगटन आख़िरी बार फ़रवरी में भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा बने थे। तब उन्होंने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ के दूसरे टेस्ट में रवींद्र जाडेजा की जगह ली थी। हालांकि उन्होंने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ कोई मैच नहीं खेला था। वॉशिंगटन कई वर्षों से विभिन्न प्रारूपों में चयनकर्ताओं की नज़र में रहे हैं।