24 वर्ष बाद 100 से अधिक का लक्ष्य देने के बावजूद घर पर हारा भारत
पिछले 20 वर्षों में यह दूसरी बार है जब भारत एक ही साल में घर पर दो टेस्ट हारा है
संपत बंडारुपल्ली
20-Oct-2024
भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच बेंगलुरु में खेले गए तीन टेस्ट मैचों की सीरीज़ के पहले मैच में भारत को आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा। यह हार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के मौजूद चक्र में भारत के अभियान को तो प्रभावित करेगी ही लेकिन इस मैच में कई ऐसे अनचाहे आंकड़े भी हैं जो भारत के हिस्से आए हैं। एक नज़र इन आंकड़ों पर डालते हैं।
3 भारत में खेले 37 टेस्ट मैचों में न्यूज़ीलैंड की यह तीसरी जीत है। इससे पहले उन्होंने 1969 में नागपुर और 1988 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में जीत दर्ज की थी।
2 20 वर्षों में यह दूसरी बार है, जब भारत एक साल में घर पर दो टेस्ट हारा है। बेंगलुरु में आठ विकेट की हार इस साल घर पर उनकी दूसरी हार थी। जनवरी 2024 में भारत को इंग्लैंड के ख़िलाफ़ हैदराबाद में भी हार मिली थी। इससे पहले वे 2012 में घर पर इंग्लैंड के ख़िलाफ़ लगातार दो टेस्ट हारे थे।
24 यह 24 वर्षों में पहली बार हुआ है, जब किसी मेहमान टीम ने भारत में किसी टेस्ट में 100 से अधिक का टारगेट चेज़ किया है। इससे पहले साउथ अफ़्रीका ने यह कारनामा मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 2000 में किया था। तब से लेकर अब तक भारत ने घर पर 32 में से 23 बार 100 से अधिक के लक्ष्य का बचाव किया था, जिसमें नौ मैच ड्रॉ हुए थे।
4.83 बेंगलुरु टेस्ट में भारतीय स्पिनर्स ने 4.83 की इकोनॉमी से रन ख़र्च किए। इससे पहले, सिर्फ़ सिर्फ़ एक टेस्ट में भारतीय स्पिनर्स ने 300 से अधिक गेंद डालते हुए, इससे अधिक की इकानॉमी से रन ख़र्च किए थे। उन्होंने 2010 में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 5.60 की इकोनॉमी से रन दिए थे। घर पर इससे पहले भारतीय स्पिनर्स ने इस साल विशाखापटनम में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 4.53 की इकोनॉमी से रन दिए थे।
4.93 बेंगलुरु में दोनों टीम के स्पिनर्स ने 4.93 की इकानॉमी से रन दिए। एक ऐसा टेस्ट जिसमें स्पिनर्स ने 600 से अधिक गेंदें डाली हों, उस लिहाज़ से यह दूसरी सर्वाधिक इकानॉमी है। इससे पहले 2006 में भारत-पाकिस्तान लाहौर टेस्ट में स्पिनर्स ने 5.13 की इकानॉमी से रन दिए थे।
2005 इससे पहले भारत बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में 2005 में कोई टेस्ट मैच हारा था। भारत ने इसके बाद इस वेन्यू पर कुल आठ टेस्ट मैच खेले थे, जिसमें पांच में उसे जीत मिली थी और तीन मैच ड्रॉ हुए थे। न्यूज़ीलैंड ने इससे पहले बेंगलुरु में तीन टेस्ट मैच खेले थे और तीनों में उसे हार मिली थी।