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आंकड़े : भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए मैच में बने कई बेहतरीन रिकॉर्ड्स

विशाखापटनम में दोनों टीमों ने 1196 रन बनाए लेकिन सबसे बड़ी साझेदारी सिर्फ़ 90 रनों की थी

8-3 - ब्रैंडन मक्कलम के कोच बनने के बाद से इंग्लैंड ने चौथी पारी में लक्ष्य का पीछा करते हुए, आठ बार जीत हासिल की है। वहीं उन्हें तीन मैचों में हार का सामना करना पड़ा है। इससे पहले वह पिछले साल न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ एक रन से हारे थे और ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ उन्हें 43 रनों से हार का सामना करना पड़ा था।
292 - इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी के दौरान 292 रन बनाए। चौथी पारी में भारत के ख़िलाफ़ भारत में यह दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है। श्रीलंका ने 2017 में दिल्ली टेस्ट के दौरान 299 रन बनाए थे।
97 - आर अश्विन ने अब तक टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 97 विकेट हासिल कर लिया है। किसी भी भारतीय गेंदबाज़ के द्वारा लिया गया, यह सबसे अधिक विकेट है।
4 - 2010 के बाद चार बार ऐसा हुआ है कि भारत अपने घरेलू टेस्ट सीरीज़ में पहला टेस्ट हारा है और फिर उन्होंने वापसी की है। 2010 में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़, 2017 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ और 2021 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ भारत ने ये कारनामा किया है।
10.11 - जसप्रीत बुमराह ने दूसरे टेस्ट में 10.11 की औसत के साथ गेंदबाज़ी की। नौ या उससे अधिक विकेट लेते हुए, किसी भी भारतीय तेज़ गेंदबाज़ के लिए यह दूसरा सर्वश्रेष्ठऔसत है। 2019 में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ इशांत शर्मा ने 8.66 की औसत से 78 रन देकर नौ विकेट हासिल किए थे।
विशाखापटनम टेस्ट में बुमराह ने चौथी बार100 रन से कम रन ख़र्च करते हुए, आठ या उससे अधिक विकेट हासिल किया। सिर्फ़ अश्विन (सात) ही इस मामले में बुमराह से आगे हैं।
0 - दो टेस्ट मैच के बाद भी किसी भारतीय स्पिनर ने एक पारी में चार विकेट हासिल नहीं किए हैं। अश्विन ने हैदराबाद टेस्ट में 68 रन देकर तीन विकेट हासिल किया था। मौजूदा सीरीज़ में किसी भी स्पिनर के द्वारा यह सबसे बढ़िया गेंदबाज़ी प्रदर्शन था। सबसे बढ़िया गेंदबाज़ी प्रदर्शन करने के मामले में बुमराह अभी भी टॉप पर हैं।
1196 - दूसरे टेस्ट में दोनों टीमों ने मिल कर कुल 1196 रन बनाए। हालांकि इतने रन बनने के बावजूद, पूरे मैच में एक भी शतकीय साझेदारी नहीं हुई। बिना किसी शतकीय साझेदारी के यह तीसरा सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर है। पहली पारी के दौरानयशस्वी जायसवाल और श्रेयस अय्यर के बीच 90 रनों की साझेदारी हुई थी। यही इस मैच की सबसे बड़ी साझेदारी थी।
1996 - इससे पहले 1996 में 25 साल से कम उम्र के दो बल्लेबाज़ों ने भारत के लिए किसी एक ही टेस्ट मैच में शतक बनाया था। उस वक़्त सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ एक ही मैच में टेस्ट शतक बनाया था।