तीसरा टेस्ट पहला दिन : वानखेड़े में वो आठ गेंद
भारतीय टीम के लिए तीसरा सत्र डराने वाला रहा जहां उन्होंने सात रन के अंदर तीन विकेट गंवा दिए
अलगप्पन मुथु
01-Nov-2024
भारत कुछ हद तक सही तरह से यह मान सकता है कि न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ इस सीरीज़ के दौरान उनका संघर्ष परिस्थितियों के संयोग का परिणाम था। बेंगलुरु में बारिश, पुणे में टॉस, लेकिन मुंबई में हुई अराजकता को दूर करना आसान नहीं है।
भारत शीर्ष पर था, उन्होंने 76 रनों के अंदर सात विकेट लेकर विपक्षी टीम को 235 रनों पर सीमित कर दिया और इसके जवाब में 17 ओवरों में एक विकेट पर 78 रन बनाए, एक ऐसी पिच पर जहां पहली पारी में रन अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण होंगे। शुक्रवार शाम 4.47 बजे तक सब कुछ योजना के मुताबिक चल रहा था और फिर अगले पांच मिनट में सब कुछ बिखर गया। आठ वैध गेंदों में तीन विकेट और एक दिन जो उनकी ओर जा रहा था वह संतुलन की ओर आ गया।
ड्रेसिंग रूम में मौजूद भारतीय खिलाड़ी केवल भयभीत होकर देख सकते थे। एक नज़र गढ़ा चुका बल्लेबाज़ स्टंप्स के क़रीब आती हुई गेंद पर रिवर्स स्वीप पर आउट हो रहा है। एक नाइटवॉचमैन पहली ही गेंद पर आउट होता है और रिव्यू ले लेता है। एक बेहतरीन बल्लेबाज़ तेज़ी से सिंगल लेने के चक्कर में रन आउट हो जाता है। मोर्ने मोर्कल का हाथ उनके सिर पर था। वहीं रवींद्र जाडेजा के पास तो इतना भी रिएक्ट करने का समय नहीं था।
मुंबई में पहले दिन का खेल ख़त्म होने पर जाडेजा ने कहा, "सब कुछ दस मिनट में हो गया, लेकिन ऐसा होता है। यह एक टीम गेम है। आप किसी एक खिलाड़ी को दोष नहीं दे सकते। हर कोई ग़लतियां करता है। अगले बल्लेबाज़ों को कुछ साझेदारी करनी होगी और स्कोर 230 से आगे पहुंचाने की कोशिश करनी होगी। तभी दूसरी पारी खेल में आएगी। इसलिए बेहतर होगा कि आने वाले बल्लेबाज़ योगदान दें।"
न्यूज़ीलैंड ने वही किया है जो कुछ अन्य टीम ही कर पाई हैं और उस समय तक डटे रहे जब तक कि संतुलन बदल न जाए। उन्होंने इसे बेंगलुरु में अपनी पहली पारी में दिखाया जब टिम साउदी और रचिन रविंद्र ने निचले क्रम में महत्वपूर्ण रन जोड़े। उन्होंने इसे पुणे में दिखाया जब उन्होंने भारत को 50 रन पर एक विकेट से 156 रन पर ऑलआउट कर दिया और उन्होंने इसे यहां फिर से दिखाया है। स्टंप्स तक जाने के लिए 13 मिनट पहले शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल के बीच 53 रन की साझेदारी को तोड़ दिया और फिर विराट कोहली को सीधी थ्रो पर रन आउट कर दिया।
न्यूज़ीलैंड के लिए सर्वाधिक 82 रन बनाने वाले डैरिल मिचेल ने कहा, "आप विकेट लेना जारी रखना चाहते हैं, यह हमेशा अच्छा होता है। देखिए, यह पिच की प्रकृति है और यहां टेस्ट क्रिकेट खेलना है, पूरे दिन उतार-चढ़ाव होते रहते हैं और जब वे साझेदारी बना रहे थे तो हम कैसे टिके रहे, इससे खु़श हैं और जब आपको एक मिलता है तो उम्मीद है कि आपको दो और तीन मिल सकते हैं।" .
"और यही हमारा मक़सद है, बस टीम को देते रहना, जिस तरह से रचिन और कुछ अन्य लोगों ने गेंद को सीधे सीमा रेखा तक पहुंचाया, यही वह चीज़ है जिस पर हम हमेशा गर्व करते हैं। इसका मतलब है कि हर कोई काम पर लगा हुआ है, हर कोई टीम को के लिए योगदान दे रहा है, ताक़ि अगर हमें एक विकेट मिलता है, तो उम्मीद है कि हमें दूसरा मिलेगा और यह अच्छा है कि आज रात इसका फ़ल मिला।"
दूसरा विकेट गिरने पर कोहली पूरी तरह से तैयार थे, लेकिन उनकी जगह मोहम्मद सिराज बल्लेबाज़ी करने आए। नाइटवॉचमैन पहली गेंद पर गिर गया और जीवित रहने की कोशिश में एक रिव्यू ख़राब दिया। इसके बाद कोहली आए लेकिन उन्होंने मिडऑन पर मैट हेनरी को ढूंढ लिया और वह रन आउट हो गए। इसके बाद ऋषभ पंत आए और यह अच्छी बात थी कि अधिक विकेट नहीं गिरे क्योंकि अगला खिलाड़ी सरफ़राज़ ख़ान सफे़द रंग की पोशाक में नहीं था।
भारत पहले ही यह सीरीज़ हार चुका है और तीन या अधिक टेस्ट मैचों की सीरीज़ में अपने पहले घरेलू सफ़ाए से बचना चाहता है। वे जहां भी गए, उन्हें इन चीज़ों की याद दिलाई गई। क्या इसके पीछे यहां उनका फंसना यही वजह थी? जाडेजा ने ऐसा नहीं सोचा था।
उन्होंने कहा, "केवल एक खिलाड़ी ही बता सकता है कि उसके दिमाग़ में क्या चल रहा है। लेकिन अगर आप सीरीज़ में पीछे हैं और ऐसी स्थिति आती है, तो ऐसा लगता है कि आप घबरा गए हैं क्योंकि आप 0-2 से पिछड़ गए हैं और ग़लती कर दी है। लेकिन अगर आप 2-0 से आगे हैं और वही चीज़ होती है, तो हर कोई कहता है कि ऐसा होता है। लेकिन अगर आप सीरीज़ में पीछे हैं तो छोटी चीज़ भी बड़ी लगने लगती हैं। हमारे शीर्ष क्रम ने ग़लतियां की हैं, इसलिए अगले छह बल्लेबाज़ों को 230 के क़रीब या उससे आगे जाने की ज़रूरत है। अगर हम पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी करते हैं, तो दूसरी पारी में चीज़ आसान हो जाएंगी।"
अलगप्पन मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।