भारत और
वेस्टइंडीज़ के बीच दो टेस्ट मैचों का दूसरा और आख़िरी टेस्ट दिल्ली में शुक्रवार से खेला जाएगा। भारतीय टीम ने दिल्ली के कोटला मैदान पर नवंबर 1987 के बाद से कोई टेस्ट मैच नहीं हारा है। संयोग से वेस्टइंडीज़ ही वह आख़िरी टीम थी, जिसने दिल्ली में भारत को हराया था। हालांकि वेस्टइंडीज़ की इस टीम को देखते हुए ऐसा बिल्कुल भी नहीं कहा जा सकता कि वह इस इतिहास को दोहराने और भारत के विजयी रथ को रोकने की क़ाबिलियत रखते हैं।
अहमदाबाद के
पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज़ की टीम सिर्फ 89.2 ओवर तक ही टिक पाई थी। उनके गेंदबाज़ निष्प्रभावी दिखें तो बल्लेबाज़ दोनों पारियों में मौक़ा मिलने के बाद रन भी नहीं बना सके। इस हार के बाद वेस्टइंडीज़ क्रिकेट और उसके भविष्य को लेकर चर्चा शुरू हो गई और कोच
डैरेन सैमी, कप्तान रॉस्टन चेज़ और उनके महानतम खिलाड़ियों में से एक ब्रायन लारा को इस संबंध में बयान देने पड़े।
भारतीय टीम क्लीन स्वीप के इरादे से उतरेगी, जिससे उनका WTC अंक प्रतिशत 61.9 हो जाए। हालांकि वे अब भी
तीसरे स्थान पर ही रहेंगे। वहीं वेस्टइंडीज़ का लक्ष्य सम्मान बचाने से अधिक खिलाड़ियों में टेस्ट क्रिकेट के लिए ज़ज़्बा और जुनून पैदा करना होगा, जिसकी हालिया समय में कमी दिख रही है।
अगर हालिया फ़ॉर्म की बात की जाए तो भारत ने अपने पिछले पांच में से तीन टेस्ट जीते हैं, जबकि एक ड्रॉ हुआ है। उन्होंने इस दौरान सिर्फ़ एक टेस्ट मैच गंवाया है। वहीं वेस्टइंडीज़ की टीम पिछले पांच में से चार हार के साथ ऊपर आ रही है।
भारत विदेशी दौरों के लिए
नीतीश कुमार रेड्डी को एक तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर के रूप में तैयार करना चाहता है। मैच से पहले सहायक कोच
रायन टेन डेशकाटे के बाद भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने भी प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इस बात को दोहराया। हालांकि अहमदाबाद में उन्होंने सिर्फ़ चार ओवर फेंके और बल्लेबाज़ी का मौक़ा ही नहीं मिला। लेकिन दिल्ली टेस्ट से पहले गिल ने कहा है कि मैच और परिस्थितियों के अनुसार उन्हें बल्लेबाज़ी क्रम में ऊपर लाया जा सकता है।
इसके अलावा नंबर 3 बल्लेबाज़ साई सुदर्शन पर भी लगातार चर्चा हो रही है, जो इंग्लैंड और भारत में मिले मौक़ों का अब तक फ़ायदा नहीं उठा पाए हैं। हालांकि टेन डेशकाटे और गिल ने ऐसी चिंताओं को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि वह ख़राब फ़ॉर्म से गुजर रहे हैं। उन्हें पिछले टेस्ट में सिर्फ़ एक पारी मिली थी, जबकि ओवल में मुश्किल पिच पर 40 रन बनाने के अलावा उन्होंने मैनचेस्टर टेस्ट में अर्धशतक लगाया था। हर मैच में कोई खिलाड़ी शतक नहीं बना सकता और एक युवा खिलाड़ी के रूप में उन्हें पर्याप्त मौक़े देने होंगे। वह भारत के लिए नंबर तीन पर लंबे समय तक खेल सकते हैं।"
वहीं वेस्टइंडीज़ के लिए
जॉमेल वॉरिकन टीम के उपकप्तान और सबसे अनुभवी विशेषज्ञ स्पिनर हैं। हालांकि भारत के ख़िलाफ़ चार टेस्ट मैचों में उनका गेंदबाज़ी औसत 54.25 का है। अहमदाबाद में उनका स्पेल 29-5-102-1 रहा, जिसे वह दिल्ली में सुधारना चाहेंगे।