साई सुदर्शन के उभरने से पहले ही
प्रदोष रंजन पॉल को तमिलनाडु का अगला बड़ा बल्लेबाज़ माना जा रहा था। एज़-ग्रुप क्रिकेट में शतक बनाने के बाद उन्हें 2019 में दिल्ली के ख़िलाफ़ रणजी ट्रॉफ़ी में पदार्पण करने का मौक़ा मिला था। उस
मैच में एक सयंमित पारी खेलते हुए उन्होंने अर्धशतक भी बनाया था। लेकिन उस मैच के ठीक बाद कोविड का आगमन हो गया और कुछ समय के लिए उनके करियर पर ब्रेक लग गया।
हालांकि लगभग चार साल बाद प्रदोष का करियर एक बार फिर से तेज़ी पकड़ रहा है। 2022-23 में अपने पहले पूर्ण रणजी ट्रॉफी सीज़न में उन्होंने नौ पारियों में 55 से थोड़े कम की औसत से
631 रन बनाए थे। उस सीज़न में वह तमिलनाडु के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। इसके बाद उन्होंने उन्होंने प्रथम श्रेणी और लिस्ट ए क्रिकेट में इंडिया ए टीम में जगह बनाई।
23 वर्षीय इस खिलाड़ी ने साउथ अफ़्रीका ए के ख़िलाफ़ इंडिया ए के लिए डेब्यू करते हुए अपने पदार्पण मैच में ही
209 गेंदों मे 163 रनों की बेहतरीन पारी खेली। इस पारी की ख़ासियत यह थी कि उन्होंने जिन गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ रन बनाए। वे गेंद को काफ़ी अच्छे तरीक़े से स्विंग करा रहे थे और साउथ अफ़्रीका की मुश्किल पिच पर इतने रन बनाना कहीं से भी आसान नहीं होता है।
उस पारी के दौरान प्रदोष की शुरुआत कुछ ख़ास नहीं रही थी और सिया प्लाट्ज़ी की एक पटकी हुई गेंद पर किनारा दे बैठे थे लेकिन उन्हें भाग्य का सहारा मिला और वह बच गए। इसके बाद उन्होंने कमाल के ड्राइव और पंच शॉट के साथ वापसी की। वह फ़्रंटफ़ुट से ड्राइव और फ्लिक शॉट कमाल तरीक़े से खेलते हैं।
प्रदोष ने ESPNcricinfo से कहा, "मुझे पता था कि भारतीय पिचों की तुलना में साउथ अफ़्रीका के विकेटों पर काफ़ी उछाल होगा। हालांकि मैं इसके लिए तैयार था और मुझे यह अच्छे से पता था कि मेरे पास फ़्रंटफ़ुट की बजाय बैकफ़ुट पर ज़्यादा विकल्प होंगे।
"मुझे हमेशा से ऐसा लगता है कि लाल गेंद के क्रिकेट लिए मैं जो तैयारी करता हूं, उससे सफे़द गेंद के खेल में भी मुझे मदद मिलती है। साउथ अफ़्रीका में खेलने के लिए मैंने अपनी मानसिकता में थोड़े बदलाव किए थे। मुझे यह फ़ैसला लेना था कि मैं कौन सा शॉट खेलूंगा और कौन सा शॉट नहीं खेलूंगा।"
प्रदोष की उस पारी की बदौलत भारत ने पहली पारी में 319 रन बनाए थे और उसी कारण से उन्हें बढ़त भी मिली। इंडिया ए जब साउथ अफ़्रीका में थी तो भारतीय सीनियर टीम भी उस समय वहीं थी और प्रदोष ने अपने प्रिय खिलाड़ी विराट कोहली के साथ सेल्फ़ी भी ली थी, जो उनके लिए एक सपने के जैसा था।
प्रदोष ने कहा, "बचपन से ही वह (कोहली) मेरी प्रेरणा रहे हैं और मैं भाग्यशाली था कि मुझे उनसे बात करने का मौक़ा मिला और उन्होंन मुझे काफ़ी कुछ बताया। यह पहली बार था जब मैंने उनके साथ कोई तस्वीर ली थी। मेरा सपना था कि मैं उनके साथ एक सेल्फ़ी लूंगा। मुझे बेंगलुरु में एनसीए शिविरों के दौरान ऐसे अवसर मिले थे लेकिन तब मैंने उनके साथ तस्वीर नहीं ली थी। मैं हमेशा इस बात पर अड़ा रहा कि पहली बार उनके साथ कोई तस्वीर तब ही लूंगा, जब मैं उनके टीम का साथी बनूंगा। जब मैंने उनके साथ तस्वीर ली और कुछ समय बिताया तो यह मेरे लिए काफ़ी भावुक क्षण था।"
प्रदोष के उस प्रदर्शन ने ही अब उन्हें एक और मौक़ा दिया है।अब वह इंडिया ए के लिए इंग्लैंड लायंस के ख़िलाफ़ मैच खेलने वाले हैं।
इस संदर्भ में प्रदोष कहते हैं, " मैंने ऐसी परिस्थितियों में रन बनाए, जिससे मैं ज़्यादा वाकिफ़ नहीं था। इससे मुझे काफ़ी आत्मविश्वास मिला है। निश्चित रूप से मेरे दिमाग में वह पारी बनी रहेगी और उसी आत्मिविश्वास के साथ मैं अपने खेल को आगे बढ़ाऊंगा। हालांकि एक बात यह भी है कि हर मैच एक नए मैच की तरह होता है। हर मैच में आपको नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। भले ही मैं अपने पुराने मैच से मिले आत्मविश्वास के साथ खेलूंगा लेकिन आगे आने वाले मैचों पर नज़र बनाए रखूंगा। "
प्रदोष में अभी जो आत्मविश्वास दिख रहा है, वह पिछले रणजी सीज़न की तुलना में काफ़ी अधिक है। उस सीज़न में आंध्रा के ख़िलाफ़ खेले गए एक मैच में प्रदोष एक ख़राब शॉट खेलते हुए, शून्य के स्कोर पर आउट हो गए थे और मैच के अहम पलों में उनका विकेट गंवाना तमिलनाडु को काफ़ी भारी पड़ा था। आंध्रा को उस मैच में आठ रनों से जीत मिली थी। उसके बाद उन्हें ऐसा लगने लगा था कि तमिलनाडु की टीम से अब उन्हें और मौक़ा नहीं दिया जाएगा।
उस मैच को याद करते हुए प्रदोष कहते हैं, "आंध्रा के ख़िलाफ़ खेला गया वह मुक़ाबला मेरे लिए काफ़ी मुश्किल था। ऐसा लगा कि उस मैच ने मेरी आंखें खोल दी है। मैंने अहम परिस्थिति में अपना विकेट गंवा दिया था। अगर मैं वॉशिंगटन सुंदर के साथ साझेदारी बना पाता तो शायद परिणाम कुछ और ही होता, लेकिन मैं एक कमज़ोर शॉट खेल कर आउट हो गया। उस मैच के बाद जब मैंने अपना अगला रणजी मैच खेला, तो मुझे लगा कि यही मेरा अंतिम रणजी मैच है और मुझे फिर से मौक़ा नहीं दिया जाएगा।"
हालांकि अगले मैच में उन्होंने दिल्ली में पहली पारी में शतक बनाया और उसके बाद मुंबई में दूसरी पारी में 169 रन बनाए। उनकी पारी की बदौलत तमिलनाडु को मुंबई के ख़िलाफ़ पारी की हार से बचने और एक अंक बचाने में मदद मिली।
प्रदोष ने कहा, "वह शतक एक कठिन परिस्थिति में आया था। मुंबई में यह मेरा पहला मैच था। ब्रेबॉर्न स्टेडियम में माहौल बहुत अच्छा था और मैं इसका आनंद ले रहा था।"
बाक़ी के खिलाड़ियों की तरह ही प्रदोष में क्रिकेट को लेकर एक अलग ही स्तर का जुनून है। उनका परिवार पहले ओडिशा में रहता था लेकिन बाद में वे तिरुपुर नामक एक शहर में शिफ़्ट हो गए, जो तमिलनाडु में कपड़े के विनिर्माण के लिए काफ़ी प्रसिद्ध है। वहीं उन्होंने वी रमेश कुमार द्वारा संचालित एक अकादमी में दाखिला लिया, जो अब चेपॉक में क्यूरेटर हैं। रमेश तब से प्रदोष के गुरु हैं।
प्रदोष ने कहा, "मेरे पिता का 2012 में तिरुपुर ट्रांसफर हो गया था और मैंने यहीं से अपना पेशेवर करियर शुरू किया। मेरे पिता एक क्रिकेटर थे और उन्होंने ओडिशा में अपने विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया था। एक खिलाड़ी होने के नाते उन्होंने मुझे समझा और मुझे काफ़ी आत्मविश्वास दिया। तब मैं सिर्फ़ 12 साल का था। उन दिनों मैं नियमित रूप से स्कूल नहीं जाता था और मैं पूरे दिन अभ्यास करता था। उन्होंने मुझे अपना करियर बनाने की आज़ादी दी और इसके लिए मैं हमेशा अपने माता-पिता का आभारी रहूंगा।
"रमेश सर ने उन दिनों से हमेशा मेरा और मेरे क्रिकेट का ख़्याल रखा है। जब मैं यहां [तमिलनाडु में] नया था, तो उन्होंने ही तिरुपुर स्कूल ऑफ़ क्रिकेट में मेरा मार्गदर्शन किया था। कोविड के बाद मेरा TNPL और फर्स्ट-डिवीज़न क्रिकेट बहुत अच्छा नहीं गया था। रमेश सर ने मुझे इससे उबरने में मदद की।"
12 प्रथम श्रेणी मैचों के बाद प्रदोष का औसत 70.21 का है। इसके अलावा उन्होंने अब तक केवल चार लिस्ट ए गेम खेले हैं, लेकिन वह इस बात पर जोर देते हैं कि वह सिर्फ़ एक ही फ़ॉर्मेट के खिलाड़ी नहीं है। TNPL 2023 के दौरान उन्होंने कुछ अदभुत और नए शॉट्स खेले थे। आईपीएल 2024 की नीलामी के एक्सीलरेटेड राउंड के दौरान उनका नाम भी पुकारा गया था लेकिन वह अनसोल्ड रहे।
उन्होंने कहा, "TNPL में मुझे अभी ख़ुद को साबित करना है। वहां मैं यह काम नहीं कर पाया हूं। हालांकि मुझे लगता है कि यह सिर्फ़ कुछ समय की बात है। यह टी20 फ़ॉर्मेट में अपनी ख़ामियों को जानने का मौक़ा है। पिछले सीज़न में मैंने अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन मैं इसे अच्छी तरह से ख़त्म नहीं कर सका।
"आपको अपने शॉट्स को विकसित करना होगा। क्रिकेट विकसित होता जा रहा है और मैं हमेशा अपने सेफ़ ज़ोन में नहीं रह सकता क्योंकि गेंदबाज़ भी नए आईडिया के साथ आ रहे हैं।"
प्रदोष ने रणजी ट्रॉफ़ी 2023-24 के पहले मैच में गुजरात के ख़िलाफ़ दोनों पारियों में अच्छी शुरुआत की थी लेकिन वह इसे बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पाए। हालांकि एक बात तो साफ़ है कि अब प्रदोष तमिलनाडु की रणजी ट्रॉफ़ी टीम में ख़ुद को काफ़ी अच्छे तरीक़े से स्थापित कर रहे हैं। इसके अलावा उनके पास इंग्लैंड लायंस के ख़िलाफ़ चमकने का एक और मौक़ा है।
देवरायण मुथु ESPNcricinfo सब एडिटर हैं