वनडे विश्व कप फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार का भारतीय कप्तान
रोहित शर्मा को बहुत बुरा सदमा लगा था और बुधवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई एक वीडियो में उन्होंने कहा कि उस हार के बाद वापसी करना और आगे निकलना बहुत मुश्किल था।
अहमदाबाद में फ़ाइनल के 24 दिन बाद रोहित शर्मा ने इंस्टाग्राम पर एक मैसेज पोस्ट किया और कहा, "मुझे कुछ पता नहीं था कि इससे कैसे बाहर निकला जाए। पहले कुछ दिन तो मुझे यह भी नहीं पता था कि क्या करूं। हालांकि उसके बाद मेरे परिवार, मेरे दोस्तों ने मेरा साथ दिया। उन्होंने मेरे सामने पूरे माहौल को हल्का रखा जिससे मुझे बहुत मदद मिली।"
उन्होंने आगे कहा, "इस हार को पचा पाना आसान नहीं था, लेकिन ज़िंंदगी तो हमेशा आगे बढ़ते रहती है। इसी कारण से आपको भी आगे बढ़ना पड़ता है लेकिन सच कहूं तो यह मुश्किल था। आगे बढ़ना इतना आसान नहीं था।"
रोहित ने आगे कहा, "मैं हमेशा 50 ओवर का विश्व कप देखकर बड़ा हुआ हूं और यही मेरे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार था। हम सभी ने इतने सालों में विश्व कप के लिए बहुत तैयारी की और फिर फ़ाइनल में हार मिलना निराशाजनक है। आप जो चाहते हो, आप जो सपना देखते हो अगर आपको वह नहीं मिलता तो आप निराश हो जाते हैं। इसी के कारण आप थोड़ा निरुत्साहित भी हो जाते हैं।"
ऑस्ट्रेलिया अब छह बार का वनडे विश्व कप चैंपियन है। वे विश्व कप में अपने पहले दो मैच हार गया था, जिसमें एक हार उन्हें भारत के ख़िलाफ़ मिली थी। फ़ाइनल की पिच को आईसीसी ने औसत दर्जे का बताया है। ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच में भारत को 240 रनों पर रोक दिया था और इसके बाद सात ओवर शेष रहते हुए छह विकेट से जीत हासिल कर ली थी।
रोहित ने कहा, "मुझे लगता है कि हमने वह सब कुछ किया जो एक टीम के तौर पर हम कर सकते थे। अगर कोई मुझसे पूछे कि क्या ग़लत हुआ…. क्योंकि हम 10 मैच जीते थे और उन 10 मैचों में हमने ग़लतियां भी की, लेकिन ग़लतियां हर उस मैच में होती हैं । आप एक कभी भी एक सटीक मैच नहीं खेल सकते। आप सटीकता के निकट मैच खेल सकते हैं लेकिन सटीक मैच नहीं खेल सकते हैं। अगर मैं इसके दूसरे पहलू को देखता हूं तो मुझे अपनी टीम पर गर्व भी है, क्योंकि जिस तरह से हम खेले, वह शानदार था। आप इस तरह का प्रदर्शन हर विश्व कप में नहीं कर सकते हो। और मुझे पूरा यक़ीन है कि हम उस फ़ाइनल तक जिस तरह खेले, कम से कम उससे लोगों को टीम को खेलते हुए देखकर बहुत खु़शी, बहुत गर्व हुआ होगा।"
रोहित ने कहा कि विश्व कप फ़ाइनल के बाद जब उन्हें इन सब चीज़ों से दूर जाना पड़ा। हालांकि उस मैच के बाद जिन लोगों से भी वह मिले, उन्होंने पूरा समर्थन करते हुए, चीज़ों के सामान्य बनाने में मदद की।
रोहित ने कहा, "फ़ाइनल के बाद वापसी करना और आगे बढ़ना मुश्किल था, तभी मैंने फ़ैसला किया कि मुझे कहीं जाने की ज़रूरत है और इन सबसे दिमाग़ हटाने की ज़रूरत है। लेकिन तब मैंने देखा कि जहां भी मैं गया लोग मेरे पास आए और हमारे प्रयासों की सराहना की। मुझे उन सबके लिए बुरा लग रहा है। वे सभी हमारे साथ थे, वे हमारी ही तरह ट्रॉफ़ी उठाने का सपना देख रहे थे।"
"पूरे विश्व कप अभियान के दौरान हम जहां भी जाते थे, हर जगह हमें बहुत समर्थन मिलता था, जो स्टेडियम आते थे और जो लोग घर पर मैच देखते थे, वह सभी काफ़ी ज़्यादा समर्थन कर रहे थे। इन डेढ़ महीनों में लोगों ने जिस तरह से हमारा समर्थन किया, उसके लिए मैं उनकी प्रशंसा करना चाहता हूं। लेकिन दोबारा अगर मैं जितना ज़्यादा गहराई में इसके बारे में सोचता हूं तो मैं बहुत निराश महसूस करता हूं कि हम यह हासिल नहीं कर सके।"
"लोग मेरे पास आते हैं, बोलते हैं कि उन्हें टीम पर गर्व है, तो इससे मुझे बहुत अच्छा महसूस होता है। इ जब आप लोगों से मिलते हैं, जब वे जानते हैं कि खिलाड़ी किस हालात से गुज़र रहे हैं, जब लोग इस तरह की चीज़ जानते हैं और आप पर गुस्सा नहीं उतारते हैं तो यह हमारे लिए बहुत मायने रखता है। मेरे लिए यह बात बहुत मायने रखती है क्योंकि यहां कोई गुस्सा नहीं है, जिनसे मैं मिला, उन्होंने बस प्यार दिया और यह बहुत अद्भुत था। यह आपको वापस आने और फिर से काम शुरू करने और एक और अंतिम पुरस्कार की तलाश करने के लिए प्रेरणा देता है।"