कहते हैं बड़े होने का एक चिन्ह है जीवन में पहली बार घर छोड़ना। पंद्रह साल तक अपने घरेलू प्रदेश पंजाब से क्रिकेट खेलने के बाद
मनदीप सिंह भी कुछ ऐसी ही यात्रा पर निकल पड़े हैं। आने वाले भारतीय घरेलू सत्र में वह त्रिपुरा के लिए खेलते दिखेंगे।
यह फ़ैसला कई लोगों को चौंका सकता है, ख़ासतौर से जब उन्होंने पिछले सत्र सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में पंजाब की कप्तानी की हो और
टीम को 30 साल बाद ट्रॉफ़ी जितवायी हो। लेकिन टी20 टीम पावर-हिटरों से भरी हुई थी और एंकर का रोल निभाने वाले मनदीप का टीम शीट में पहला नाम नहीं था।
इस साल की शुरुआत में जब पंजाब ने नामीबिया का दौरा किया था तो 50 ओवर क्रिकेट में वह टीम का हिस्सा नहीं थे। इसी वजह ने उनको बड़ा क़दम उठाने को मजबूर किया।
उन्होंने ESPNcricinfo से कहा, "जब आप 30 की उम्र को पार कर देते हो तो लोग सोचने लगते हैं कि आपका करियर ख़त्म होने की ओर है। पिछले साल मैं IPL में भी नहीं चुना गया। लेकिन मुझे लगता है कि मेरे अंदर काफ़ी क्रिकेट बाक़ी है। मैं अपनी फ़िटनेस पर कड़ी मेहनत करता हूं। मैंने पिछले साल यो-यो टेस्ट में 18.3 का स्कोर किया था। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं अपना करियर बस खींच रहा हूं।
"लेकिन मुझे लगने लगा था कि मुझे अब पंजाब के लिए तीनों प्रारूपों के लिए वरीयता नहीं दी जाएगी। कई युवा आ रहे हैं और टीम प्रबंधन हो सकता है कि उनको मौक़ा देना चाहते हों। लेकिन मैं तीनों प्रारूप खेलना चाहता हूं। तो मुझे त्रिपुरा से ऑफ़र मिला और मैंने इसको स्वीकार कर लिया।
"पंजाब के लिए ट्रॉफ़ी जीतना मेरा सपना था, जो पिछले सीज़न पूरा हुआ। तो मुझे लगा कि यही जाने का सही समय है। और ऐसा नहीं है कि मैं वापसी नहीं कर सकता, मैंने अच्छे रिश्तों के साथ छोड़ा है। यहां तक कि मुझे उम्मीद है कि मैं पंजाब के साथ समाप्त करूंगा क्योंकि मेरा दिल पंजाब के साथ है।"
त्रिपुरा में मनदीप, ऋद्धिमान साहा की जगह लेंगे, जिन्होंने पिछली बार यहां कप्तानी की थी। साहा बंगाल लौट गए हैं। मनदीप नहीं जानते कि क्या वह त्रिपुरा की कप्तानी करेंगे।
उन्होंने कहा, "मेरी त्रिपुरा क्रिकेट संघ से इस बारे में बात नहीं हुई है। मैंने कोच पीवी शशिकांत से बात की है, लेकिन उनसे भी बस टीम को आगे ले जाने के बारे में बात हुई। सभी कुछ मेरे लिए थोड़ा नया है।"
शशिकांत पिछले दो सीज़न कर्नाटक के साथ थे, तो उनका यह भी त्रिपुरा के साथ पहला सीज़न होगा।
मनदीप कई तरह से अपने सुविधाजनक जोन से बाहर आए हैं। 2023-24 रणजी सीज़न में 27.00 की औसत से मात्र 216 रन बनाकर उनका यह सीज़न बेहद ख़राब गया था, इसके बाद उन्होंने तैयारी के लिए नए दृष्टिकोण का सहारा लिया।
2019 की गर्मियों में उन्होंने चेन्नई में लीग क्रिकेट खेलकर गुजारी थी। इसके बाद उनका बेहतरीन रणजी ट्रॉफ़ी सीज़न गया जहां पर उन्होंने 69.60 की औसत से 696 रन बनाए थे। इस बार वह इंग्लैंड पहुंचे और यॉर्कशायर प्रीमियर लीग नॉर्थ में हल ज़िंगारी क्रिकेट क्लब के लिए खेल रहे हैं।
मनदीप ने कहा, "मैंने इससे पहले कभी इंग्लैंड में क्रिकेट नहीं खेला था। मैंने पहली बार काउंटी चैंपियनशिप के लिए कोशिश की। मैंने कई लोगों से करार को लेकर बात की लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसके बाद मैंने दो महीने के इस करार पर हस्ताक्षर किए, जो सितंबर के मध्य तक चलेगा।
"यह 50 ओवर का टूर्नामेंट है लेकिन लाल गेंद से खेला गया। यह बिल्कुल भी आधुनिक वनडे क्रिकेट जैसा नहीं था। अगर आप 50 ओवर में 250 रन बनाते थे तो पिचें और परिस्थितियां काफ़ी चुनौतीपूर्ण थीं। जब रणजी ट्रॉफ़ी के साथ हमारा घरेलू सीज़न शुरू होगा तो मुझे लगता है कि यह मेरी अच्छी तैयारी है।"
अपने पहले मैच में मनदीप ने इसिंगवोल्ड के ख़िलाफ़ 84 गेंद में 107 रन बनाए। उन्हें उम्मीद है कि अच्छे प्रदर्शन से उनके काउंट्री क्रिकेट के लिए दरवाज़े खुलेंगे।
लेकिन अपने तीनों प्रारूपों के लक्ष्य को देखते हुए वह अपनी टी20 कौशल पर भी काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "शुरुआत में मेरा फ़ोकस ऑफ़ सीज़न में लाल गेंद क्रिकेट पर अधिक रहता था। इस बार मैं अधिक सफ़ेद गेंद से अभ्यास कर रहा हूं। बतौर शीर्ष क्रम बल्लेबाज़ मैं आमतोर पर शुरुआत में अधिक समय लेता था, लेकिन चीज़ें बदल गई हैं, अब डिमांड तेज़ क्रिकेट की है। तो मैंने अपनी पावरहिटिंग पर काम किया है, अगर मुझे शुरुआत से ही प्रहार करने की ज़रूरत होगी तो मैं ऐसा कर सकता हूं।"
जहां तक फ़िटनेस की बात है तो वह मानसिक बाधाएं भी पार करके आए हैं, जो उनके मन में 2017 में हुए क़मर के ऑपरेशन के बाद आ गई थीं।
उन्होंने कहा, "मैंने अपना वजन कम किया लेकिन अपनी ताक़त बढ़ाई। शुरुआत में मैं 50-60 किलो के स्क्वैट्स मारता था। कमर की सर्जरी के बाद मेरे मन में हमेशा डर रहा। इस बार मैंने 100 किलो छुआ। मैंने कभी इतना वजन नहीं उठाया था। जब बात डेडलिफ्ट की आती है तो मैं बस 70-80 किलो तक जाता हूं। मैं ऑफ़ सीज़न में इसको 100 किलो तक ले जाता हूं।
"मेरे कुछ लक्ष्य हैं। पहला तीनों प्रारूपों में खेलना और दूसरा IPL में वापसी करना। अगर आप IPL में आते हैं और अच्छा करते हैं तो आपको भारतीय टीम में भी मौक़ा मिल सकता है।"
"अगर मैं ग़लत नहीं हूं, सूर्यकुमार यादव भी 30 की उम्र में भारत के लिए खेले। शशांक सिंह 32-33 [32] साल के हैं। उन्हें IPL में पिछले साल सफलता मिली, तो प्रेरणा के स्त्रोत मेरे सामने हैं।"
हेमंत बराड़ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।